पहले थे सिपाही अब UPPSC की परीक्षा पास कर बने SDM बताया इस तरह की तैयारी

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने 23 जनवरी 2024 को सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (PCS) परीक्षा का अंतिम परिणाम (UPPSC PCS Result 2023) घोषित किया है. इस परीक्षा में 251 उम्मीदवारों को चयनित किया गया है. इनमें से कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने सफलता के लिए कठिनाइयों का सामना किया है. बाराबंकी के दीपक सिंह भी इनमें से एक हैं. दीपक के पिता किसान हैं. दीपक उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पुलिस कॉन्स्टेबल की नौकरी करते थे. लेकिन उन्होंने PCS की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करके डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल किया है. अब वे SDM के रूप में काम करेंगे.

Deepak Singh Uppsc Success Story In Hindi

दीपक का जन्म एक कृषक परिवार में हुआ है. मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने यह बताया कि वे उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रामनगर थाने की सीमा में सेमराय नाम का एक गांव है, जहाँ उनके पिता अशोक कुमार अपने छोटे से खेत में काम करते हैं. दीपक की माँ घर का सारा काम देखती हैं. उन्होंने अपनी मेहनत और बचत से दीपक को शहर में पढ़ने का मौका दिया।

दीपक की पढ़ाई

दीपक ने बाराबंकी के महारानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल इंटर कॉलेज से 2014 में बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की. फिर वे लखनऊ चले गए, जहाँ उन्होंने 2017 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से इतिहास और लोक प्रशासन के साथ BA की डिग्री प्राप्त किया।

2018 में बने कॉन्स्टेबल 

दीपक को 2018 के शुरुआत में उत्तर प्रदेश पुलिस का कॉन्स्टेबल बनने का मौका मिला. वो ट्रेनिंग पूरी करके जनवरी में हरदोई की पुलिस लाइन में जुड़े. उनकी ड्यूटी का समय 8 घंटे का था. पर कभी-कभी त्यौहारों या अन्य कार्यक्रमों के कारण उन्हें और भी ज्यादा काम करना पड़ता था. दीपक ये भी कहते हैं कि वो ड्यूटी से फुर्सत मिलते ही लगभग 5 घंटे हर दिन पढ़ाई करते थे।

अधिकारियों ने भी किया सपोर्ट किया

दीपक ने बताया मेरी वर्तमान तैनाती जिले के कप्तान के आवास पर टेलीफोन ड्यूटी में है. अधिकारियों के फ़ोन आते हैं. हर वक़्त सतर्क रहना होता है उन्होंनेे आगे कहा सौभाग्य से मुझे बहुत को-ऑपरेट करने वाले अधिकारी मिले. सबका सोचना था कि पढ़ने वाला लड़का है, इसलिए सभी ने मेरा सहयोग किया।

PCS की तैयारी कैसे की?

दीपक कहते हैं कि प्रदेश के बहुत कम ही जिलों में पुलिस लाइन में लाइब्रेरी है. हरदोई जिले की पुलिस लाइन में समृद्ध लाइब्रेरी है. सिर्फ 200 रुपए सालाना फीस लगती है. उससे मुझे बहुत मदद मिली. मैं प्रॉपर तरीके से किसी कोचिंग से नहीं जुड़ा. खुद से ही पढ़ाई की. पांचवें और छठे पेपर के लिए दृष्टि IAS की मदद ली. और कुछ सीनियर IAS और IPS अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया।

उनकी PCS परीक्षा में 20वां स्थान प्राप्त करके दीपक बहुत प्रसन्न हैं. उन्हें लगता है कि उनका यह कार्यकलाप अपने पिता का और अपने अध्ययन में मदद करने वाले अपने वरिष्ठ अधिकारियों का है।

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