शादी के बाद क्लियर किया यूपीएससी एग्जाम, US में नासा की नौकरी ठुकराई | Anukriti Sharma IPS Biography In Hindi

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भारत में आईएएस (IAS) या आईपीएस (IPS) ऑफिसर का पद पाना कोई आसान बात नहीं है। इन पदों के लिए देश की सबसे चुनौतीपूर्ण यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को उत्तीर्ण करना होता है। लेकिन, अगर किसी उम्मीदवार को देश की सेवा करने का जज्बा और जोश हो, तो वह इस परीक्षा को बड़ी आसानी से तोड़ सकता है। आज हम आपको ऐसे ही एक उम्मीदवार, आईपीएस अनुकृति शर्मा की कहानी सुनाएंगे, जिन्होंने अपने पति की मदद से टीचर बनकर इतनी अच्छी तैयारी की कि वह सीधे आईपीएस ऑफिसर बन गई।

Anukriti Sharma IPS Biography In Hindi

अनुकृति शर्मा की जीवनी (Anukriti Sharma IPS Biography wiki In Hindi)

पूरा नाम – अनुकृति शर्मा

जन्मतिथि (date of birth) – 14/10/1987

उम्र (age)(2023) – 35

पिता (father) – दीनदयाल शर्मा

गृहनगर (home) – जयपुर राजस्थान

Current posting – bulandshahar

बैच (batch) – IPS RR 2020

Instagram Account – @Anukriti14

शिक्षा (education) – 2012 में अमेरिका के ह्यूस्टन राईस यूनिवर्सिटी में पीएचडी

अनुकृति शर्मा का शुरुआती जीवन और परिवार (Anukriti Sharma IPS early life and family)

अनुकृति शर्मा 2020 के आईपीएस ऑफिसर हैं। उनका जन्म 14 अक्टूबर 1987 को राजस्थान के अजमेर शहर में हुआ। उनके पिता 20 सूत्रीय विभाग के निदेशक और माता शिक्षिका थीं। वे दोनों सरकारी कर्मचारी थे। अनुकृति ने जयपुर के इंडो भारत अंतर्राष्ट्रीय विद्यालय से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। फिर उन्होंने कोलकाता के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च से बीएसएमएस का डिग्री प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने यूजीसी नेट परीक्षा में सफलता हासिल की।

अनुकृति शर्मा के पति (Anukriti Sharma ips Husband)

अनुकृति और वैभव का परिचय पढ़ाई के समय हुआ था। वे बनारस के रहने वाले थे। उनकी दोस्ती का अंतिम रूप प्यार था। 2012 में अमेरिका के ह्यूस्टन में राईस यूनिवर्सिटी में उनका पीएचडी के लिए चयन हुआ। वे अपने परिवार को साथ में अमेरिका जाने के लिए मनाते रहे। लेकिन, परिवार ने उनकी बात नहीं मानी। परिवार ने कहा कि वे शादी करके ही साथ में जा सकते हैं। इसलिए, 2013 में वे दोनों ने शादी कर ली।

अनुकृति शर्मा की शिक्षा वी नौकरी (Anukriti Sharma Ips Education Qualification)

अनुकृति ने बताया कि अमेरिका में पीएचडी करते समय उन्हें नौकरी मिल गई। उन्हें नासा के साथ वोल्केनो पर अनुसंधान करने का मौका मिला। उनके पति और वे दोनों मिलकर 2 लाख रुपए से अधिक कमाते थे। लेकिन, उनका मन देश की ओर खिंचा। उन्होंने अमेरिका छोड़कर वापस आने का निर्णय लिया। 2014 में नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) में अनुकृति 23वीं रैंक लाई और उनके पति वैभव मिश्रा ने टॉप किया। फिर वे बनारस में अपने ससुराल में रहकर अपने पति के साथ सिविल सेवा की तैयारी करने लगे।

Upsc की तैयारी 

पति-पत्नी ने एक-दूसरे को IPS की तैयारी में गुरु बनाया। कभी पति अपनी पत्नी को पढ़ाते तो कभी पत्नी अपने पति को। साल 2015 में अनुकृति और उनके पति वैभव ने पहली बार परीक्षा दी। लेकिन, प्रीलिम्स तो हो गया, मेन्स नहीं। दूसरी बार प्रीलिम्स भी नहीं हुआ। अनुकृति ने कहा, पति वैभव ने मुझे हिम्मत दी। तीसरी बार इंटरव्यू तक पहुंचे। लेकिन, सिलेक्शन नहीं हुआ।

Anukriti Sharma Ips Rank

पांचवीं बार IPS बनीं अनुकृत‍ि शर्मा साल 2018 में चौथी बार अनुकृति की 355वीं रैंक आई और इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) में चयनित हुईं। लेकिन, उनका लक्ष्य जनता की सेवा करना था। इसलिए चयन के बाद भी वे नौकरी नहीं गईं। साल 2020 में यूपीएससी में पांचवीं बार परीक्षा दी और अनुकृति IPS बन गईं। उसके बाद वे लखनऊ में प्रशिक्षण ले रहीं थीं। अब वे बुलंदशहर में सहायक पुल‍िस अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं।

Anukriti Sharma Ips Stratagy

उन्होंने यूपीएससी में अपनी सफलता का राज बताया। वह उन अभ्यर्थियों को सलाह देती हैं जो सिविल सेवा की तैयारी करना चाहते हैं कि वे डरे नहीं। उन्हें यह बताया जाता है कि ऐसे भी कई लोग हैं जो इसके लिए अपनी नौकरी या प्लेसमेंट त्याग देते हैं। इसलिए, जब आपको लगे कि आपने कुछ हासिल नहीं किया है, तो निराश मत होइए। बल्कि, अपने लक्ष्य को याद करें और अपने आप को प्रश्न करें कि आप यहां किस उद्देश्य से आए हैं और आपको क्या करना है। यह आपको उत्साहित करेगा और आपको आगे बढ़ने का हौसला देगा।

उनका बचपन से ही एक सपना था कि वे सिविल सेवक बनकर देश की सेवा करें। उनकी शादी के बाद भी उनका यह सपना नहीं टूटा। उनका विश्वास है कि सपनों को पूरा करने के लिए एकाग्रता और जुनून की जरूरत होती है। उन्होंने अपने मन में यह ठान लिया था कि वे अपने लक्ष्य को अवश्य ही प्राप्त करेंगे।

वह इस परीक्षा के लिए अपनी रणनीति और समय सारिणी खुद बनाती थी और उसे किसी भी समय कोई कोचिंग नहीं मिली। वह अपने अभ्यास को बेहतर बनाने के लिए वेबसाइटों, ब्लॉगों या टॉपर के इंटरव्यू के माध्यम से उपलब्ध टिप्स और ट्रिक्स का उपयोग करती थी।

वह यह भी कहती थी कि किसी भी प्रयास में असफल होने पर निराश मत होइए। क्योंकि पहला प्रयास हमेशा सही नहीं होता है और उसमें आपको अपनी गलतियों से सीखने का मौका मिलता है।

वह अपनी तैयारी के लिए किसी भी प्रकार की कोचिंग नहीं लेती थी। चाहे वह प्रीलिम्स, मुख्य अध्ययन, वैकल्पिक विषय या भूगोल हो। वह अपनी रणनीति को ऑनलाइन सामग्री, पत्रिकाओं और पुस्तकों के सहारे घर पर ही बनाती थी। वह अपनी तैयारी को स्व-निर्देशित बनाती थी।

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