ससुराल में पीड़ा झेली, कोर्ट केस 7 साल की बेटी को संभालते हुए मायके में तैयारी की अब हैं IAS ऑफिसर

shivangi goyal biography in hindi

यूपीएससी की परीक्षा में हर वर्ष हजारों लोग सफल होते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ऐसी कहानियां होती हैं, जो दूसरों को भी प्रेरणा देती हैं। शिवांगी गोयल ने यूपीएससी सीएसई 2021 में शानदार प्रदर्शन करके अपनी सफलता का इतिहास रचा है। उनकी स्टोरी उन सभी लड़कियों के लिए एक उदाहरण है, जो अपने जीवन में कठिनाइयों से लड़ रही हैं (UPSC Topper).

शिवांगी गोयल का प्रारंभिक जीवन (shivangi goyal biography in hindi)

शिवांगी गोयल का जन्म उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुवा नगर में हुआ है। उन्होंने अपनी निजी जिंदगी में बहुत सी चुनौतियों का सामना किया है। उनके पति और ससुराल वाले उन्हें घरेलू हिंसा का शिकार बनाते थे. लेकिन उन्होंने अपने सपनों को नहीं छोड़ा और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे।

Shivangi goyal biography in Hindi

Shivangi goyal education and family

शिवांगी गोयल का निवास हापुड़ के पास गाज़ियाबाद में है। उनकी एक 7 साल की बेटी भी है। शिवांगी हापुड़ के पिलखुवा कस्बे की रहने वाली हैं. इनके पापा राजेश गोयल एक व्यवसायी हैं और मां हाउसवाइफ़ है. शिवांगी ने सोशियोलॉजी सब्जेक्ट से UPSC की तैयारी ख़ुद की है.

ससुराल में पीड़ा झेली

उनकी शादीशुदा जीवन की कहानी दूसरी महिलाओं से बिल्कुल अलग है। उनका परिवार तो था, लेकिन वह परिवार उन्हें प्रेम नहीं, बल्कि पीड़ा देता था। इसलिए उन्होंने ससुराल के जुल्म से छुटकारा पाने के लिए मायके लौटने का निर्णय लिया। शिवांगी अपने पति से अलग होना चाहती हैं और उनका तलाक का मामला अभी अदालत में लंबित है।

तीसरी बार में मिली सफलता 

शिवांगी ने यूपीएससी की परीक्षा में तीसरी बार में अपनी सफलता हासिल की है। पहले दो बार वे असफल रहीं थीं, लेकिन उन्होंने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कभी हार नहीं मानी। उन्होंने India Today के साथ एक इंटरव्यू में अपने सपनों के बारे में बताया कि वे शादी से पहले भी आईएएस (IAS) बनने का इरादा रखती थीं, लेकिन उन्हें दो बार निराशा ही हाथ लगी।

पिता ने दी आजादी

फिर उनके परिवार ने उनकी शादी कर दी, जहां उन्हें बहुत अत्याचार सहना पड़ा। इसलिए वे घर छोड़कर वापस आ गईं। शिवांगी ने कहा कि घर पहुंचने पर उनके पिता ने उन्हें अपनी मनचाही चीज करने की आजादी दी। तब वे फिर से यूपीएससी की तैयारी शुरू करने का फैसला किया। यह सफलता उनका बचपन का सपना था, जो उन्होंने अपनी मेहनत और जुनून से पूरा किया। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और बेटी रैना को दिया।

शिवांगी का महिलाओं को संदेश

मुझे यह सभी शादीशुदा महिलाओं से कहना है कि अगर उनका ससुराल उन्हें किसी भी प्रकार से परेशान करता है तो वे उससे न डरें, बल्कि उसका मुकाबला करें। और उन घटिया लोगों को दिखाएं कि वे अपने पैरों पर खुद खड़ी हो सकती हैं और महिलाएं भी सब कुछ हासिल कर सकती हैं।

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