12वीं और ग्रेजुएशन में हुए फेल, upsc की तैयारी शून्य से शुरू की दो बार एग्जाम क्लियर किया अब हैं IAS यह सलाह दी

यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के लिए कोई आसान उपाय नहीं है. इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए संकल्प और ध्यान का होना जरूरी है. इस वर्ष यूपीएससी की सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा 2023 को 28 मई को आयोजित किया जाएगा, इसलिए कई अभिलाषी उम्मीदवार इस परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं.

लेकिन, आप यूपीएससी की इस परीक्षा में अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आईएएस कुमार अनुराग का जीवन पथ पढ़कर प्रेरित हो सकते हैं. उन्होंने 2018 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 48वां स्थान पाया था. वर्तमान में वे बिहार के भागलपुर में डीडीसी के रूप में कार्यरत हैं.

अनुराग की सफलता आपको भी प्रेरित कर सकती है कि आप भी यूपीएससी की तैयारी शून्य से शुरू करें और पूरी लगन से पढ़ाई करें. उन्होंने ग्रेजुएशन में फेल होने के बावजूद आईएएस बनने का संकल्प लिया. इस निर्णय ने उनका जीवन पलट दिया.

आपको विश्वास नहीं होगा कि अनुराग ने अपनी मेहनत और इच्छाशक्ति से यूपीएससी की परीक्षा दो बार उत्तीर्ण की और 2018 में 48वां स्थान प्राप्त करके आईएएस का दर्जा हासिल किया।

Anurag Kumar biography in Hindi

अनुराग का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (education)

अनुराग वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान कई बार फेल होने के बावजूद आईएएस बनने का सपना साकार किया है. वे बिहार के कटिहार जिले के निवासी हैं. उन्होंने आठवीं तक हिंदी माध्यम से शिक्षा प्राप्त की थी. फिर उन्हें अंग्रेजी माध्यम में दाखिला दिया गया था. इसमें उन्हें बहुत परेशानी हुई. अनुराग ने कहा कि वे हमेशा से ही मध्यम वर्गीय छात्र रहे हैं, लेकिन जब भी उन्होंने कुछ करने का इरादा किया, तो वे उसे पूरा कर लेते हैं. उन्होंने 10वीं में बहुत मेहनत की और 90% अंक पाए. लेकिन 12वीं में वे मैथ्स में फेल हो गए थे.

फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 90% से ज्यादा अंक लाए. इसके बाद उन्हें दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिला मिला. अनुराग का जीवन एक नया मोड़ ले गया जब वे एक छोटे शहर से दिल्ली आए. वहां उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था. वे मस्ती करने लगे. इसका परिणाम यह हुआ कि वे ग्रेजुएशन में कई विषयों में फेल हो गए. जब उन्हें घर से फटकार लगी, तो उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया और पोस्ट ग्रेजुएशन में प्रवेश लिया.

UPSC की तैयारी और सफलता

अनुराग जब फेल हुए तो उन्हे बहुत बुरा लगा  इसके बाद वे अपने आप को सुधारने लगे और पढ़ाई पर फोकस करने लगे। जब वे पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे थे, तो उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया। उन्होंने पीजी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी।

अनुराग बताते हैं कि, वे जानते थे कि उनमें कुछ कमजोरियां हैं और वे उन्हें मानकर अपने आप को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं। अनुराग ने यही किया। वे बहुत पढ़े, नोट्स तैयार किए, टेस्ट दिए। वे परीक्षा के सभी पहलुओं को अच्छी तरह से समझे और इसका परिणाम यह हुआ कि अनुराग 2017 में ही पहली बार में यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए।

रैंक से संतुष्ट नहीं थे फिर से दी परीक्षा

अनुराग ने 677वीं रैंक के बावजूद आईएएस की चाह नहीं छोड़ी। वे इस रैंक से उन्हें मिलने वाले पद से खुश नहीं थे और फिर एक बार फिर यूपीएससी की तैयारी में लग गए। उन्होंने अगले वर्ष 2018 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में अखिल भारतीय 48वां स्थान पाकर अपना सपना साकार किया। अनुराग को बिहार कैडर मिला और वे अब बेतिया जिले में सहायक जिला अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं।

अनुराग की अभ्यर्थियों को सलाह

अनुराग कुमार ये कहते हैं कि अगर आप यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं तो अपनी पूर्व की शिक्षा को भूलकर नए जोश से शुरू करें। वे यूपीएससी की तैयारी करने वाले सामान्य उम्मीदवारों को ये सीख देते हैं कि, यह एक ऐसी परीक्षा है, जिसमें आप शून्य से भी बुलंदियां छू सकते हैं।

अनुराग कहते हैं कि, मुझे इसका अनुभव है, मेरी पढ़ाई बिगड़ गई थी और मैं मस्ती में ही रहता था। लेकिन जब मैंने आईएएस बनने का इरादा किया तो मैंने इसे पाने के लिए मेहनत की। उनका कहना है कि, यहां तैयारी करते समय आपको धैर्य रखना होगा और हर विषय को अच्छी तरह से समझना होगा। इस परीक्षा में सफल होने के लिए आपको मेहनत और रणनीति की जरूरत होगी।