इस आईएएस ऑफिसर ने IIT, IIM, IPS और IAS हर एग्जाम को पास किया बताई पढ़ाई की यह स्ट्रैटजी।

यूपी जिले में आईएएस दिव्या मित्तल ने महिलाओं के लिए अपने काम करने के तरीके के कारण काफी वाहवाही बंटोरी थीं। उनकी एक वायरल वीडियो में यहां देखा गया था कि काफी सारी महिलाएं उनके ऊपर फूल बरसते हुए दिख रही थी यह तब की बात है जब वह मिर्जापुर की जिलाधिकारी थीं और उन्‍हें बस्‍ती का डीएम बनाया गया था। उनकी विदाई के समय मिर्जापुर की कई महिलाओं ने उन्हें फूल माला से लाद दिया था पढ़ाई-लिखाई में उनका जबर्दस्‍त ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। दिव्‍या IIT और IIM से भी पासआउट हैं। आइए, यहां उनके सफर के बारे में जानते हैं।

दिव्या मित्‍तल मूल रूप से हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली हैं। उन्होंने 2012 UPSC CSE में ALL INDIA लेवल पर 68वीं रैंक हासिल की थी। उन्होंने प्रतिष्ठित IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने IIM बेंगलुरु से एमबीए किया। कुछ समय के लिए दिव्‍या ने लंदन में भी काम किया। बाद में अपने पति गगनदीप के साथ भारत वापस आ गईं।

Divya mittal success story in hindi

दिव्या ने सुबह के समय पढ़ाई करने के लिए कौन सी तकनीक अपनाई

दिव्या ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक बार अपनी तकनीक को शेयर किया था। दिव्या ने बताया कि पढ़ाई के दौरान बार-बार उनका ध्यान पढ़ाई से भटक जाता था लेकिन, उन्होंने अपनी खुद की कुछ रणनीतियों को अपनाकर इस सब पर काबू पा लिया। दिव्या ने बताया कि वह जब भी अलार्म भर कर रखती थी तो उसे बिस्तर पर रखने की बजाय वहां से दूर रख देती थी ताकि अलार्म बंद करने उन्हें बिस्तर से दूर जाना पड़े इसके बाद वह एक से दो घंटे अपने पूरे फोकस के साथ पढ़ती थी इसके बाद वह 15 मिनट का ब्रेक लेती थी जिससे धीरे-धीरे करके उनका पढ़ाई से ध्यान भटकना बंद हो गया था।

पढ़ाई पर अपना फोकस बनाए रखने और फॉक्स बढ़ाने के लिए क्या करती थी दिव्या

पढ़ाई में फोकस बनाए रखने के लिए दिव्या ने बताया कि वह सुबह उठकर व्यायाम करती थी और कुछ समय बाहर समय बिताया करती थी आपने बताया सुबह उठकर प्राकृतिक वातावरण में 20 मिनट के लिए टहलने शेर और सूरज की रोशनी लेने से भी आपको काफी अच्छा महसूस होता है जिससे कि आपके अंदर एनर्जी आती है और आप पढ़ाई में ध्यान अच्छे से लगा पाते हो।

IPS बनने से नहीं हुई थीं संतुष्‍ट

दिव्या ने 2012 में यूपीएससी पास किया और आईपीएस अधिकारी बन गईं। उन्हें गुजरात कैडर मिला था। लेकिन वह संतुष्ट नहीं थीं। उन्होंने 2013 में दोबारा यूपीएससी परीक्षा दी और इस बार उनकी मेहनत रंग लाई। वह आईएएस अधिकारी बन गईं। वह तैयारी करने वालों को फोकस बढ़ाने का सुझाव देती हैं।