प्राइवेट जॉब छोड़ Mppsc topper शिवांगी बघेल ने तैयारी की और दो बार क्रैक की परीक्षा

Shivangi Baghel Mppsc Success story: मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने MPPSC 2019 के अंतिम परिणाम को घोषित कर दिया है। इस परीक्षा में लड़कियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। सतना की प्रिया पाठक ने पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि सिवनी की शिवांगी बघेल (Shivangi Baghel) ने दूसरा स्थान हासिल किया है।

Shivangi Baghel Mppsc Success story

MPPSC 2019 का परिणाम जिसे अभ्यर्थी चार साल से बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, रात में जारी किया गया। MPPSC की टॉप टेन में सात लड़कियां शामिल हैं। MPPSC ने सिर्फ 87 प्रतिशत पदों के लिए परिणाम और मेरिट सूची घोषित की है, जबकि 13 प्रतिशत के लिए अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है। इस परीक्षा की चयन प्रक्रिया पर कोर्ट का फैसला अभी बाकी है। यह जानना दिलचस्प होगा कि MPPSC 2019 एक ऐसी ही परीक्षा है, जिसमें दो बार परीक्षा ली गई थी। लेकिन इसका परिणाम एक ही तरीके से तैयार किया गया था

Shivangi Baghel mppsc Topper success story in hindi

शिवांगी बघेल ने सिवनी का नाम रोशन किया है। उन्होंने पहली ही कोशिश में अपना लक्ष्य हासिल किया है। 2020 के PSC में उन्हें ज़िला शिक्षा अधिकारी का पद मिला था। अब वे भोपाल में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर रही हैं।

शिवांगी बघेल की शिक्षा (Shivangi Baghel Education)

शिवांगी ने मंडला और जबलपुर में अपनी प्रारंभिक पढ़ाई के बाद, जयपुर के जयपुरिया कॉलेज से फाइनेंस एंड मार्केटिंग में MBA की डिग्री प्राप्त की है। उन्हें इसमें गोल्ड मेडल मिला।

शिवांगी बघेल का परिवार (Shivangi Baghel family and age)

शिवांगी का परिवार सिवनी के मलारा गांव का है, जो केवलारी ब्लॉक में स्थित है। शिवांगी ने जबलपुर से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है, जिनकी उम्र 26 साल है। उनके पिता पीडब्ल्यूडी में भोपाल में प्रमुख अभियंता के पद पर कार्यरत हैं, और वे अपने परिवार के साथ भोपाल में ही रहते हैं। उनके मामा संतोष बघेल ने बताया कि शिवांगी हमेशा से ही पढ़ाई में अच्छी छात्रा रही हैं। शिवांगी ने जयपुर से एमबीए की डिग्री प्राप्त किया है, फिर उन्होंने हैदराबाद में एक महीने के लिए नौकरी की, लेकिन उसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ कर पीएससी की तैयारी आरंभ कर दी।

Mppsc exam पास करना ही था लक्ष्य

शिवांगी का लक्ष्य PSC की परीक्षा पास करना था, जिसका फैसला उन्होंने एमबीए करते समय ही कर लिया था। एमबीए के बाद उन्हें हैदराबाद की एक MNC में टैक्स कंसलटेंट की नौकरी मिली, लेकिन वह एक महीने भी वहां नहीं रह सकीं और इंदौर आकर PSC की तैयारी में लग गईं।

2020 में मिला शिक्षा अधिकारी का पद

हाईकोर्ट के आदेश के कारण PSC 2019 का परिणाम अटक गया, तो उन्होंने 2020 की PSC की परीक्षा भी दी और उसमें ज़िला शिक्षा अधिकारी का पद प्राप्त किया। वर्तमान में वह उसी पद की ट्रेनिंग कर रही हैं और आज उन्हें PSC 2019 का परिणाम भी मिल गया है।

जॉब छोड़कर खुद की रणनीति बनाकर पढ़ाई की

शिवांगी ने बताया कि उन्होंने अपनी तैयारी के लिए रोजाना 4 से 5 घंटे पढ़ाई की और अपनी खुद की रणनीति बनाकर उसके अनुसार पढ़ाई की। 50 हज़ार रुपये की महीने की नौकरी त्यागने के बारे में शिवांगी ने कहा कि उनका लक्ष्य उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण था। इसलिए उन्होंने रिस्क उठाने से पहले ज्यादा विचार नहीं किया और नौकरी छोड़कर तैयारी का रास्ता चुना। शिवांगी का परिवार सिवनी के केवलारी ब्लॉक के मलारा गांव से है।

Mppsc exam दो बार पास किया

वह दो बार लगातार MPPSC की परीक्षा में सफल रहीं हैं। पहले उन्हें 2020 की MPPSC में शिक्षा विभाग का सहायक संचालक पद मिला था। 2019 की MPPSC का परिणाम विवादों और कोर्ट केस के कारण चार साल के बाद आया है।

शिवांगी ने अपने गुरुजनों और माता-पिता को अपनी सफलता का श्रेय दिया है। उनके पिता एसआर बघेल भोपाल के लोक निर्माण विभाग में प्रमुख अभियंता हैं।

शिवांगी ने यह भी बताया कि उनकी मां को किडनी की बीमारी थी, जिसके लिए उन्हें इस साल सितंबर में किडनी ट्रांसप्लांट कराना पड़ा। शिवांगी ने इस दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति में भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और इंटरव्यू में भाग लिया। उनकी शिक्षा विभाग में ट्रेनिंग भी जारी थी।

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