जॉब के साथ की तैयारी वीकेंड के दो दिन में जी जान लगा देते थे पांचवे प्रयास में बनें IAS

Ias Anudeep Durishetty Success Story In Hindi 

अनुदीप दुरीशेट्टी को यूपीएससी की मंजिल तक पहुंचने में कई बाधाएं आईं। वे साल 2017 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में न केवल सफल हुए बल्कि रैंक वन के साथ ऑल इंडिया टॉपर भी बने, लेकिन इस तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की। उन्हें एक के बाद एक नाकामियां मिलीं, लेकिन अनुदीप ने कभी हार नहीं मानी। उनके पांच प्रयासों में से दूसरे प्रयास में उन्हें आईआरएस सेवा मिली भी, लेकिन अनुदीप का सपना हमेशा आईएएस ही रहा। IAS Anudeep Durishetty Success Story In Hindi 

उन्होंने अपना आखिरी प्रयास भी किया और भगवान ने भी उनकी परीक्षा लेने के बाद उन्हें सफलता दी। इन सालों में अनुदीप ने कई चुनौतियों का सामना किया और अपनी इस यात्रा के कुछ अनोखे अनुभव दिल्ली नॉलेज ट्रैक के साथ बांटे भी।

Ias Anudeep Durishetty Success Story In Hindi

अनुदीप का शुरुआती जीवन और शिक्षा 

मेटपल्ली, तेलांगना के रहने वाले अनुदीप ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी वहीं से प्राप्त की। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी हैं और मां एक घरेलू महिला हैं। अनुदीप ने स्कूल के बाद बिट्स पिलानी, राजस्थान से 2011 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन में अपनी डिग्री हासिल की। उन्हें इसी दौर में सिविल सेवा के प्रति आकर्षण हुआ।

अनुदीप का स्कूल का शिक्षा श्री सूर्योदय हाईस्कूल और श्री चैतन्य जूनियर कॉलेज में हुआ. 2011 में वे बिट्स पिलानी, राजस्थान से इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में बीटेक कर चुके. बीटेक करने के बाद उन्हें गूगल में नौकरी मिली. वहां वे सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करते रहे. उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी किसी कोचिंग के बिना की।

यूपीएससी की तैयारी 

उन्होंने अपनी तैयारी में इंटरनेट का सहारा लिया. 2012 में वे सिविल सेवा परीक्षा में पहली बार उत्तीर्ण हुए. फिर 2013 में उन्हें भारतीय राजस्व सेवा (IRS) मिली. लेकिन उनका लक्ष्य आईएएस ही था. इसलिए वे 2014 और 2015 में भी सिविल सेवा परीक्षा देते रहे. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. 2017 में उन्होंने अपना आखिरी प्रयास किया और ऑल इंडिया टॉपर बन गए.

फुटबॉल का भी है शौक 

फुटबॉल अनुदीप का शौक है. वे बचपन से ही फुटबॉल खेलते और देखते आए हैं. “फुटबॉल ने मेरे जीवन में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मैं इसे उत्साह से खेलता और देखता हूं. जब भी मुझे तनाव होता है तो मैं इसका उपयोग तनाव को कम करने के लिए करता हूं. साथ ही मुझे पढ़ाई करना भी पसंद है. मैं काल्पनिक कहानियों की बजाय वास्तविक विषयों पर लिखी गई किताबें पढ़ता हूं.

जॉब के साथ तैयारी भी की

उन्हें अपने अगले प्रयासों में लगातार नाकामी का सामना करना पड़ा -उन्होंने पहले प्रयास में चुनौती नहीं दी और गूगल इंडिया कंपनी में शामिल हो गए और हैदराबाद में काम करने लगे. अनुदीप की तैयारी का एक विशेषता यह था कि उन्होंने कभी भी अपनी नौकरी नहीं छोड़ी और जॉब के साथ-साथ तैयारी जारी रखी. इसलिए उनकी प्रमुख तैयारी सिर्फ वीकेंड्स में होती थी. वे इन दो दिनों में पूरी लगन से पढ़ते थे और बाकी के दिनों में जो भी समय मिलता था उसका लाभ उठाते थे.अनुदीप ने एंथ्रोपोलॉजी को अपना ऑप्शनल विषय चुना था क्योंकि वे इससे जुड़े थे. लेकिन उन्हें अपने तीसरे और चौथे प्रयास में भी सफलता नहीं मिली. लेकिन अनुदीप ने अपनी उम्मीद नहीं हारी और आखिरी प्रयास में अपना लक्ष्य हासिल किया

कैसे की पढ़ाई (ias Anudeep Durishetty Strategy)

अनुदीप का सुझाव -अनुदीप अन्य उम्मीदवारों को यही सुझाव देते हैं कि नौकरी के साथ-साथ तैयारी करना कठिन है पर असंभव नहीं. अपने लक्ष्य को निश्चित करें और उसके अनुसार कार्य करें.

सारा सिलेबस पूरा करें, यहां चुनिंदा पढ़ाई काम नहीं आती. सिलेबस के साथ ही सरकारी योजनाओं को भी ध्यान में रखें. जब तक संभव हो अपने सीमित स्रोतों का पुनरावलोकन करते रहें और प्री में बुद्धिमानी से अनुमान लगाएं क्योंकि ऐसा कोई नहीं होता जिसे सब प्रश्न पता हों.

आंसर लिखने की अधिक से अधिक अभ्यास करें, न्यूज पेपर नियमित रूप से पढ़ें और एथिक्स और निबंध के पेपर को पूरा महत्व दें. अनुदीप कहते हैं कि पढ़ने वाले तो सब हैं पर लिखने वाले ही कामयाब होते हैं.

लिखते वक्त आपके विचार स्पष्ट होने चाहिए. अनुदीप अपनी पिछली असफलताओं के कई कारणों में से एक कारण आंसर लिखने की अभ्यास न करने को भी बताते हैं. अपने चारों ओर की बातों को समझें और आंसरों में अतिरिक्त जानकारी जैसे डायग्राम आदि शामिल करें. इस तरह करने से आप भी यूपीएससी सीएसई परीक्षा में सफल हो सकते हैं।

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