ट्रेन हादसे में कट गए थे हाथ पैर विकलांगता भी नहीं रोक सकी दिन रात 18 घंटे पढ़ाई करके बने IAS

Ias Suraj Tiwari Biography In Hindi

आज हम आपको बताएंगे उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के एक दिव्यांग युवक सूरज तिवारी की कहानी, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में सफलता हासिल की है। यह बात सुनकर आपको विश्वास न हो, लेकिन सूरज ने अपनी विकलांगता को बाधा नहीं बनने दिया, और उन्होंने उन सबको जवाब दिया, जो कहते थे कि “तुझसे कुछ नहीं हो सकता है”

ट्रेन की एक भयानक दुर्घटना में सूरज ने अपनी दोनों टांगों, एक हाथ और दूसरे हाथ की दो उंगलियों को खो दिया, लेकिन उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2022 में हिस्सा लिया और इसमें 917वीं रैंक प्राप्त की। जब उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया, तो पैनल के सदस्य भी उनके जज्बे और ज्ञान से अचंभित रह गए।

इस आर्टिकल में हम आपको यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 917वीं रैंक हासिल करने वाले दिव्यांग सूरज तिवारी की सफलता की कहानी सुनाने जा रहे हैं। जिससे आपको शायद अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने का प्रेरणा मिले।

Ias Suraj Tiwari Biography In Hindi

सूरज तिवारी का प्रारंभिक जीवन और परिवार (Suraj tiwari family)

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के एक छोटे से मोहल्ले घरनाजपुर में रहते हैं सूरज तिवारी, जिनके पिता राजेश तिवारी एक दर्जी हैं। वे कपड़ों का काम करके अपने परिवार को पालते हैं। सूरज के घर में दो भाई और एक बहन हैं। उनका बड़ा भाई राहुल एक दुर्घटना में चल बसा था, जबकि उनका छोटा भाई राघव और बहन प्रिया पढ़ाई कर रहे हैं। भाई बीएससी और बहन बीटीसी का कोर्स कर रहे हैं।

ट्रेन हादसे में कट गए थे पैर

सूरज ने एक इंटरव्यू में बताया कि 2017 में उनका जीवन बदल गया, जब वे ट्रेन से अपने घर मैनपुरी जा रहे थे। ट्रेन में भीड़ बहुत थी और उन्हें धक्के खाकर नीचे गिरना पड़ा। इससे उन्हें बहुत चोटें आईं और उन्हें दिल्ली के AIIMS में ले जाया गया। वहां उनका चार महीने तक इलाज किया गया। इस दुर्घटना में उन्होंने अपने दोनों टांगों, एक हाथ और दूसरे हाथ की दो उंगलियों को खो दिया।

वे काफी दिनों तक बेहोश रहे और जब होश में आए तो उन्हें व्हीलचेयर पर रखा गया। इसके बाद भी उनके परिवार को और आघात सहना पड़ा, जब उनके बड़े भाई राहुल की भी एक दुर्घटना में मौत हो गई। सूरज के परिवार को इस समय बहुत दुख और संकट झेलना पड़ा, लेकिन सूरज ने अपने सपनों को नहीं छोड़ा और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

सूरज तिवारी शिक्षा (Suraj Tiwari Education)

सूरज ने 12वीं पास करने के बाद बीएससी की पढ़ाई पूरी की। फिर 2017 के जनवरी में उनका जीवन एक ट्रेन दुर्घटना में उलट गया। इसमें उनके दोनों टांगों, एक हाथ और दूसरे हाथ की दो उंगलियां कट गईं थीं। उन्हें कुछ महीनों तक बिस्तर पर रहना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और नई उमंग के साथ नई जिंदगी शुरू की।

यूपीएससी की तैयारी

उन्होंने 2018 में जेएनयू, दिल्ली में रशियन भाषा का बीए कोर्स ज्वाइन किया और 2021 में इसे पूरा करके एमए में दाखिल हुए। जेएनयू की लाइब्रेरी में पढ़ते समय उन्हें यूपीएससी की तैयारी करने वाले सीनियर मिले और उनसे प्रेरित होकर उन्होंने भी 2021 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की। उनके पिता ने एक इंटरव्यू में कहा कि हम उनकी पढ़ाई का खर्च नहीं उठा सकते थे, इसलिए सरकार ने उनकी पढ़ाई का सारा इंतजाम किया था।

सूरज ने 2021 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन उन्हें प्रीलिम्स में ही रुकना पड़ा। उन्हें लगा कि शायद यह परीक्षा उनके बस की नहीं है। लेकिन उन्होंने अपने सपनों को नहीं छोड़ा और 2022 में फिर से परीक्षा दी। इस बार उनका प्रीलिम्स पास हो गया। फिर उन्होंने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में सोशियोलॉजी को चुना। उन्होंने इसकी तैयारी ऑनलाइन नोट्स से की। उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली। वे दिन रात 18 घंटे पढ़ते रहे और उनका मेंस भी क्लियर हो गया।

2022 में मिली सफलता

उन्होंने इंटरव्यू से पहले जेआरएफ की परीक्षा भी दी और उसमें भी सफल रहे। इंटरव्यू में वे बहुत उत्साहित थे। पैनल के सदस्य ने उनसे बहुत सारे प्रश्न पूछे और उनके जवाबों से खुश हुए। सूरज ने अपनी मेहनत और संघर्ष से सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 917 रैंक हासिल की। यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।

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