मेंटली स्ट्रांग लोगों की 5 आदतें | 5 Habits of Mentally Strong People in hindi


मेंटली स्ट्रांग लोगों की 5 आदतें | 5 Habits of Mentally Strong People in hindi

मेंटली स्ट्रांग लोगों की 5 आदतें | 5 Habits of Mentally Strong People in hindi


दोस्तों साल 2008 में एलोन मस्क कई मुश्किल और परेशानियों का सामना कर रहे थे जैसे एक के बाद एक परेशानी उनका पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी। क्योंकि उनका डिवोर्स हो रहा था उनकी दोनों कंपनी बैंक करप्ट होने वाली थी और भी कई सारी प्रॉब्लम थी एलोन मस्क कहते हैं कि उन्होंने लाइफ में पहली बार नर्वस ब्रेकडाउन का सामना किया था। 


वह Depressed और anxious महसूस कर रहे थे क्योंकि वह अपनी लाइफ में पहले कभी इतना हर्ट नहीं हुए थे। लेकिन वह जानते थे कि यह ज़िंदगी का बुरा दौर है जो अच्छे दौर की तरह ही स्थायी नहीं है और उन्हें इतना दुखी नहीं होना चाहिए यही सोचते हुए उन्होंने ऐसी सिचुएशन के बाद भी मेंटली स्ट्रांग रहते हुए कई सही डिसीजन लिए जिसकी वजह से उनकी दोनों कंपनी बैंक करप्ट होने से बच गई और ऐसा सिर्फ इसलिए हो पाया क्योंकि वह बुरी परिस्थितियों में भी मेंटली स्ट्रांग बने रहे।


साइकोलॉजिस्ट और लेखक एवं Amy Morin के मुताबिक मेंटली स्ट्रांग होने का मतलब है कि आप अपने इमोशन, थॉट्स और बिहेवियर को कुछ इस तरह मैनेज करें जो आपको जिंदगी में सफलता के लिए तैयार करें। लेकिन क्या आप भी बुरे वक्त के लिए अपनी जिंदगी में सच में तैयार हो?आपको भी मेंटली स्ट्रांग बनने के लिए अपने अंदर यह पांच आदतें जरूर अपनाना चाहिए।


1.) जब आप पहले ही हार चुके हों तो आपको लड़ने की जरूरत है।


एक रिपोर्टर ने अपने इंटरव्यू में मोहम्मद अली से पूछा कि आप रोजाना कितने सिटअप्स करते हैं मोहम्मद अली ने कहा मैं सिटअप्स करते समय काउंट नहीं करता मैं तभी काउंट करना स्टार्ट करता हूं जब मैं हर्ट होने लगता हूँ, जब मुझे दर्द महसूस होता है क्योंकि अंत में यही मैटर करता है कि दर्द महसूस होने के बाद भी कितनी देर तक मैं टिका रहा। और हर बार में अपनी लिमिट को पर करते जाता हूं।


दोस्तों यही सिद्धांत भी आपकी मेंटल स्ट्रैंथ पर भी अप्लाई होता है जब आप लाइफ की किसी प्रॉब्लम को फेस करते हो तो आपको मेंटल pain होना शुरू हो जाता है फिर आपके पास दो ऑप्शन होते हैं या तो आप quit कर दो और उस दर्द से फ्री हो जाओ या फिर अपने आपको चैलेंज करो उस प्रॉब्लम से फाइट करो और खुद की mental strength को बढ़ाकर पहले से ज्यादा स्ट्रांग बनो।


हम सभी की जिंदगी हमारी आदत पर डिपेंड होती है कुछ लोग अच्छे आदतों को फॉलो करके अपनी लाइफ जीते हैं वहीं कुछ लोग बुरी आदतों के गुलाम बन जाते हैं जिससे आपकी लाइफ में मुश्किलें होने लगती है और जब आप आसानी से quit देते हो तो अगली बार भी आपके लिए quit करना आसान हो जाता है और बार-बार आप सिचुएशन को फेस करने के बजाय उससे दूर भागते हो क्योंकि यह आपकी आदत बन जाती है। 


इसलिए अगर आप भी किसी प्रॉब्लम को फेस कर रहे हो जैसे आपको मोटापे की शिकायत है जिसकी वजह से आपको फिजिकली और मेंटली बहुत ज्यादा प्रॉब्लम हो रही है पर आप कभी अच्छी डाइट फॉलो नहीं कर पाते, आप जिम जॉइन तो कर लेते हो लेकिन रोजाना जिम नहीं जा पाते और आसानी से इसे भी छोड़ देते हो तो आपको खुद को मेंटली स्ट्रांग बनाकर इन प्रॉब्लम से फाइट करना ही पड़ेगी आपको दर्द भी होगा लेकिन कितना भी दर्द हो उसके बाद भी टिके रहना ही एक परमानेंट सॉल्यूशन है।


2.) हर परिस्थिति में धैर्य रखें


स्टैनफोर्ड की रिसर्च में बच्चों को marshmallow के साथ एक कमरे में छोड़ दिया गया पर जाने से पहले वह हर बच्चे को कहते कि वह इस marshmallow को खा सकते हैं पर अगर वह उनके वापस आने तक इंतजार करेंगे तो उनको एक और marshmallow मिलेगा अब इस रिसर्च में यह देखा गया कि जिन बच्चों ने रिसर्चर के आने तक का इंतजार किया आगे जाकर उन्होंने अपनी लाइफ में बहुत अच्छा परफॉर्म किया वह अपने अपने करियर में बहुत ज्यादा सक्सेसफुल थे।


तो कहने का मतलब यह है कि instant gratification के पीछे ना भागकर हम अपनी इच्छाओं को कंट्रोल करें तो हम अपने दिमाग को अच्छे से कंट्रोल कर सकते है। हमें लाइफ में बहुत कुछ अच्छा अचीव करने के लिए धैर्य बहुत ज्यादा जरूरी है यह बहुत ही इंपॉर्टेंट स्किल है मेंटली स्ट्रांग लोग इस स्किल को बहुत अच्छे से जानते हैं कि instant gratification से आप लाइफ में कुछ भी अचीव नहीं कर सकते बल्कि आपको लगातार मेहनत करके परिणाम के लिए धैर्य रखना पड़ता है। 


जैसे दो लोगों को एक काम दिया जाए तो मेंटली कमजोर लोग उस काम को टालते जाएंगे जबकि उन्हें पता है कि वह काम उनके लिए कितना ज्यादा इंपोर्टेंट है पर वह instant gratification में ही फंसे रह जाते हैं वहीं मेंटली स्ट्रांग लोग यह अच्छे से जानते है कि वह काम उनके लिए कितना इंपोर्टेंट है और वह उस काम के लिए एक्शन लेते है और उस काम को प्रायोरिटी के साथ खत्म करते हैं।


3.) वे हर समय खुश रहने की ख्वाहिश नहीं रखते


ऑस्ट्रेलियन सोशल रिसर्चर Hugh Mackay कहते हैं हमारी सोसाइटी एक बीमारी का शिकार है जिसे दुख का डर कहते हैं। क्योंकि हम जो भी करते हैं उसके पीछे का मतलब यही रहता है कि हम अपने दुख दर्द को नजरअंदाज करते रहे जो कि एक बहुत ही खतरनाक आईडिया है। क्योंकि हम सभी इंसान हैं जो इमोशन फील करने के कैपेबल है अब यहां प्रॉब्लम यह है कि हम कुछ ही इमोशन को फील करना चाहते हैं और बाकी सभी इमोशन को नेगेटिवली ट्रीट करते हैं।

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आप सभी को पता है कि हर चीज लिमिट में रहे तो ठीक रहती है इसीलिए जो लोग बहुत ज्यादा खुशी के पीछे भागते हैं वह नेगेटिव सिचुएशन से अच्छे से डील नहीं कर पाते वही मेंटली स्ट्रांग लोग कभी भी नेगेटिव इमोशन को अवॉइड नहीं करते। वह भी दुखी होते हैं, हर्ट होते हैं, रोते हैं लेकिन इन सभी इमोशन को वह भी फील करते हैं, फेस करते हैं और ऐसे बुरे इमोशन के साथ ही वह कंफर्टेबल होते हैं वह अपने इमोशन को दबाते नहीं है क्योंकि सेडनेस, फ्रस्ट्रेशन, डिप्रेशन, एंग्जाइटी यह सब हमारी लाइफ का ही पार्ट है जिसे हम इग्नोर नहीं कर सकते।


साइकोलॉजिस्ट Iris mauss के मुताबिक जो इंसान हैप्पीनेस का पीछा ज्यादा करता है वह बाहर से उतना ही अनहैप्पी रहता है। अगर आप किसी के साथ रिलेशनशिप में हो और आपका सिर्फ यही गोल है कि आपको इस रिलेशनशिप में कभी कोई भी प्रॉब्लम फेस ना करना पड़े आपके जीवन में सिर्फ खुशियां ही आएं तो आप ज्यादा टाइम तक खुश नहीं रह सकते क्योंकि आप लाइफ में कहीं भी चले जाओ आप हर समय खुश नहीं रह सकते। आपको हर जगह प्रॉब्लम फेस करनी ही पड़ेगी और अगर आप इन प्रॉब्लम के साथ जीना नहीं चाहोगे तो आप कुछ भी अचीव नहीं कर पाओगे।

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4.) मेंटली स्ट्रांग लोग अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखते हैं।


हर एक सक्सेसफुल पर्सन और मेंटली स्ट्रांग पर्सन कभी भी अपने इमोशन को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते जितने भी सक्सेसफुल पर्सन है उन्होंने कभी ना कभी अपनी जिंदगी में असफलता का सामना किया है और यह तो हम सब भी करते हैं। लेकिन मेंटली स्ट्रांग लोग बहुत जल्दी move on कर जाते हैं आपने भी यह नोटिस किया होगा कि अधिकतर लोग मेंटली स्ट्रांग लोगों से ज्यादा अट्रैक्ट होते हैं क्योंकि यह लोग लाइफ में बदलाव को जल्दी स्वीकार करते हैं तो यह गिल्टी फील नहीं करते बल्कि तेजी से लाइफ में आगे बढ़ जाते हैं।

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मेंटली स्ट्रांग लोग काफी फास्ट होते हैं आपने भी यह नोटिस किया होगा कि जब भी वह किसी से बात करते हैं और कोई उनकी इंसल्ट भी कर दे तब भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता बल्कि वह उस मजाक का उपयोग करके खुद को बेहतर तरीके से परफॉर्म करते हैं पर यही तरीका होता है मेंटल टफनेस का जहां लोग खुद की आलोचनाओं से ही खुद को कमजोर बना लेते हैं। वही मेंटली स्ट्रांग लोग खुद की आलोचना से खुद को और पावरफुल बना लेते हैं इमोशन से डील करने का मतलब है कि आप लोगों से कैसे डील करते हो या फिर असफलताओं से कैसे डील करते हो ओवरऑल आप अपने इमोशन को कैसे कंट्रोल करते हो क्योंकि कई बार लोगों का ओवर इमोशनल होना ही उनकी जिंदगी को खराब कर देता है।


5.) ऐसे लोग “ना” कहने से नहीं डरते।


यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की एक रिसर्च के मुताबिक जिन लोगों को नहीं बोलने में ज्यादा दिक्कतें होती हैं वह अपनी लाइफ में ज्यादा स्ट्रेस और डिप्रेशन फील करते हैं लेकिन जब मेंटली स्ट्रांग लोगों की बात आती है तो वह अपने ना को बड़े ही लाउडली कहते हैं। कई लोग सिर्फ अपने आसपास के लोगों को ही इंप्रेस करने के लिए कई सारी चीजें करते हैं जो वह बिल्कुल नहीं करना चाहते लेकिन वह चाहते हैं कि लोग उन्हें पसंद करें।

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लेकिन मेंटली स्ट्रांग लोग कभी भी दूसरों को इंप्रेस करने के लिए वह काम नहीं करते जो काम उनके लिए टाइम वेस्ट होता है, जिस काम को करने से उन्हें कोई फायदा नहीं होता वह उस काम को साफ साफ मना कर देते हैं। अगर आप किसी के साथ रिलेशनशिप में हो या फिर आपका कोई दोस्त है जो आपकी रिस्पेक्ट नहीं करता, जहां आप के झगड़े होते हैं आप की कोई वैल्यू नहीं करता, वहां मेंटली स्ट्रांग लोग कभी चीजें ठीक करने का सोचते ही नहीं क्योंकि उनकी सेल्फ रिस्पेक्ट इतनी हाई होती है कि वह ऐसी चीजों को कुछ सेकंड में ही छोड़ देते हैं।

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