गांव के सरकारी स्कूल से हुई पढ़ाई अंग्रेजी में कमजोर थीं फिर भी हिम्मत नहीं हारी बनी IAS अधिकारी

Surabhi Gautam IAS Biography In Hindi

अंग्रेजी का अभाव और देहाती जीवन के कारण बहुत से नौजवान अपने सपनों को तोड़ देते हैं. पर ये बात गलत है. अगर आप मेहनत करें तो आप इन चुनौतियों को पार कर सकते हैं. आईएएस बनने का सपना भी आपका हक है. आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति से मिलवाएंगे. उनका नाम है आईएएस सुरभि गौतम. सुरभि ने मध्य प्रदेश के एक साधारण गांव से अपनी शुरुआत की. उन्होंने टाटा कंपनी में काम किया और फिर उसका त्याग करके आईएएस अफसर का पद प्राप्त किया.

आईएएस सुरभि गौतम, एक उच्च शिक्षित और सम्मानित व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपनी पढ़ाई में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपनी पहली ही कोशिश में सिविल सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण होकर 2016 में 50 वां स्थान प्राप्त किया था। वे अब गुजरात के वडोदरा जिले में सहायक कलेक्टर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

Surabhi Gautam IAS Biography In Hindi

सुरभि गौतम का शुरुआती जीवन (Surabhi Gautam biography in Hindi)

सुरभि गौतम, एक आईएएस अधिकारी हैं, जो मध्य प्रदेश के सतना जिले के एक गांव से तल्लुक रखती हैं। उन्होंने अपने गांव के स्कूल में अपनी पढ़ाई की और दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में राज्य में शीर्ष स्थान हासिल किया। उन्होंने जो भी प्रतियोगिताओं में भाग लिया, उन सब में सफलता पाई।

सुरभि गौतम की शिक्षा (Surabhi Gautam education)

उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद, राज्य स्तर की इंजीनियरिंग परीक्षा में सफलता पाई। वे अपने गांव की पहली महिला थीं, जिन्होंने गांव को छोड़कर शहर में उच्च शिक्षा प्राप्त की। वे भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग करके अपने कॉलेज में शीर्ष पर पहुंची और स्वर्ण पदक जीती।

उन्होंने  बारहवीं की परीक्षा में बेहतर अंक लाकर, राज्य की इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में सफल होकर, भोपाल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार का चयन किया। वे सरकारी स्कूल की छात्रा थीं और अपने स्कूल में सबसे आगे रहती थीं। पर जब सुरभि कॉलेज पहुंचीं तो उनका सामना एक नए माहौल से हुआ। वे हिंदी माध्यम से थीं और यहां के ज्यादातर छात्र अंग्रेजी माध्यम से थे।

इसके कारण उन्हें एक निराशा का अनुभव हुआ, जिसमें वे अपने स्कूल में सबसे आगे थीं, वहीं अब वे पीछे रह गईं। उन्हें लगता था कि कोई भी उनकी परवाह नहीं करता, इसलिए उन्होंने अपनी अंग्रेजी को बेहतर बनाने का फैसला किया।

कई एग्जाम क्रैक किए 

सुरभि ने अंग्रेजी को इतना सीखने का जुनून दिखाया कि वे अपने आप से अंग्रेजी में बातें करने लगीं। उनके सपने में भी वे लोगों के साथ अंग्रेजी में ही बोलती थीं। इसका असर भी दिखा, उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के पहले ही सेमेस्टर में टॉप करके अपने कॉलेज के चांसलर का अवार्ड जीता। कॉलेज में प्लेसमेंट होने पर सुरभि को टीसीएस कंपनी में नौकरी मिली, पर उन्होंने उसे नहीं लिया। उन्होंने बार-बार कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे BARC, ISRO, GTE, SAIL, MPPSC, SSC, FCI और दिल्ली पुलिस में हिस्सा लिया और उन्हें सभी में सफलता मिली।

वर्ष 2013 में, सुरभि ने आईईएस परीक्षा में अपना नाम रोशन किया और ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल की। लेकिन सुरभि का सपना आईएएस बनने का था। इसलिए, उन्होंने अपनी तैयारी नहीं छोड़ी। और वर्ष 2016 में, सुरभि ने यूपीएससी परीक्षा में अपने पहले प्रयास में 50वीं रैंक पाकर अपने सपने को साकार किया।

एक मीडिया इंटरव्यू में सुरभि ने कहा कि कोई भी भाषा आपके रास्ते की रुकावट नहीं हो सकती, अगर आप उसे सीखने का हौसला रखें तो वह आपका साथ देगी।

आईएएस सुरभि गौतम, जो अहमदाबाद के विरमगाम जिले में सहायक कलेक्टर और जिला विकास अधिकारी के तौर पर काम कर रही हैं, एक प्रतिभाशाली और सफल व्यक्ति हैं। उन्होंने पहले वडोदरा जिले में भी इसी पद पर अपनी सेवाएं दी थीं।

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