IAS Aarti Dogra biography Hindi
यह कहा जाता है कि जब आप कुछ करने का इरादा कर लेते हैं, तो आपको कोई भी मुश्किल नहीं रोक सकती है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने अपने प्रतिभा के दम पर असाधारण परिस्थितियों में भी अपना नाम कमाया है। इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही एक आईएएस अफसर के बारे में बताएंगे जिनकी लंबाई सिर्फ तीन फ़ीट ढाई इंच है, लेकिन उनकी आवाज़ पर पूरा डिपार्टमेंट चलता है। आइये जानते हैं IAS Aarti Dogra biography Hindi।
आरती डोगरा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (IAS Aarti Dogra biography Hindi)
आईएएस आरती डोगरा का जन्म 1979 में देहरादून में हुआ था, जो उत्तराखंड का शहर है। उनके पिता कर्नल राजेंद्र डोगरा हैं और माता कुमकुम डोगरा हैं। उनकी माँ एक प्राइवेट स्कूल में प्रिंसिपल थीं। आरती उनके माता पिता की एकमात्र बेटी हैं, उनके कोई भाई बहनछोटी नहीं हैं।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ब्राइटलैंड स्कूल में की है, फिर वे दिल्ली यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन करने गई थीं। उसके बाद वे देहरादून लौट आईं और मास्टर्स की डिग्री ले ली। फिर वे यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने लगीं।
आईएएस आरती डोगरा की लंबाई मात्र तीन फ़ीट ढाई इंच है, जिससे लोग उनका मजाक उड़ाया करते थे। लेकिन आरती ने लोगों की बातों को अपने लिए प्रोत्साहन बनाया और आईएएस की परीक्षा में सफल होकर अपनी शान बढ़ा ली। उनके आईएएस बनने के बाद वे लोग चुप हो गए, जो उनकी कम हाइट पर ठट्ठा मारते थे।
Upsc एग्जाम के लिए प्रेरणा
आईएएस आरती डोगरा को अपने सपने को पूरा करने में पूर्व आईएएस अफसर मनीषा पवार का बहुत सहयोग मिला है। जब आरती पढ़ाई कर रही थी, तब उन्हें मनीषा पवार से मिलने का मौका मिला, जो उस वक्त आईएएस थीं।
उन्होंने आरती को अपने अनुभव और सलाह से राह दिखाई। उसके बाद आरती ने आईएएस बनने का निश्चय किया और अपनी पहली ही कोशिश में सिविल सेवा की परीक्षा को क्लियर कर लिया। इससे उनके माता पिता को बहुत खुशी हुई।
रैंक
आईएएस आरती डोगरा की जीवनी सुनकर आपको शायद ये जानना होगा कि आरती डोगरा का UPSC में कौन सा रैंक था? तो आपको बता दें कि आरती डोगरा ने 2005 में UPSC की परीक्षा में आल इंडिया 56वां स्थान हासिल किया था।
आरती डोगरा को आईएएस बनने के बाद राजस्थान का कैडर मिला, जहां उनकी पहली पोस्टिंग हुई। फिर उन्होंने आईएएस की ट्रेनिंग पूरी करके उदयपुर में DM का काम किया। उसके बाद वे अलवर और अजमेर में भी SDM रहीं। 2010 से वे DM के पद पर कार्य कर रही हैं। 2019 के शुरुआत में वे राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सचिव बनीं।
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