14 साल की उम्र में हुई शादी, 18 की उम्र में दो बेटियों की मां बनीं 10वीं से ग्रैजुएशन तक पढ़ाई open से की फिर बनी ips ऑफिसर

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एन. अंबिका को आईपीएस ऑफिसर बनने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. उन्होंने अपनी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई दूरदराज से की और फिर ग्रेजुएशन पूरा किया. उन्हें भारत की सबसे मुश्किल परीक्षा UPSC सिविल सेवा को क्लियर करना था, जिसके लिए उन्होंने अपना घर छोड़ दिया. वे पहले तीन बार परीक्षा में नाकाम रहीं, जिसके बाद उनके पति ने उन्हें वापस आने को कहा. लेकिन एन. अंबिका ने अपने सपने को नहीं छोड़ा और अपने पति से आखिरी बार परीक्षा देने का आग्रह किया. 2008 में, उन्होंने अपनी चौथी कोशिश में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की।

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आपकी उम्र कितनी भी हो, आप अगर कोई हुनर सीखना चाहते हैं या पढ़ाई करना चाहते हैं, तो आपको किसी से डरने या शर्माने की ज़रूरत नहीं है. पढ़ाई एक ऐसा हुनर है जो आपको ज्ञान, समझ, और आत्मविश्वास देता है. इसका एक जीता-जागता उदाहरण है एन अंबिका (IPS N Ambika) की कहानी. अंबिका ने अपनी ज़िंदगी के वो मुकाम छुआ, जहां बहुत से लोग हार मान लेते हैं. उन्होंने अपने जीवन का नया अध्याय लिखा, जिसने आज उन्हें आईपीएस बना दिया है।

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तमिलनाडु की रहने वाली एन अंबिका का जीवन बहुत सामान्य था. उनकी चौदह साल की उम्र में ही शादी कर दी गई थी. उनके पति पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल की ड्यूटी करते थे. उन्होंने अठारह साल की आयु में दो लड़कियों को जन्म दिया उनका परिवार खुश और संतुष्ट था. लेकिन किस्मत का कोई भरोसा नहीं होता. कभी कभी एक छोटी सी घटना हमारी जिंदगी में बदलाव ला देती है. ऐसा ही कुछ अंबिका के साथ हुआ. वे अपने पति के साथ गणतंत्र दिवस के समारोह में शामिल हुईं. वहां उन्होंने अपने पति को अधिकारियों का सम्मान करते हुए और सलाम करते हुए देखा. उस पल ने उनके दिल में एक नया जज्बा जगा दिया।

पति के सलामी देने वाले लोगों के बारे में अंबिका ने जानने की कोशिश की. उन्हें पता चला कि वे उच्च स्तर के अधिकारी थे. उनका भी दिल चाहता था कि वह भी अपनी जिंदगी में ऐसा पद हासिल करें. उन्होंने अपनी अधूरी पढ़ाई को फिर से पूरा करने का फैसला किया. दो बच्चों की जिम्मेदारी निभाती हुई वह नियमित तौर पर कक्षा में नहीं जा सकी. इसलिए उन्होंने डूरस्थ शिक्षा का सहारा लिया. उन्होंने 10वीं, 12वीं और स्नातक की परीक्षाएं उत्तीर्ण कीं।

उन्हें सिविल सेवा का सपना था, लेकिन उनके शहर में उसकी तैयारी करने के लिए कोई भी कोचिंग संस्थान नहीं था. इसलिए उन्होंने चेन्नई जाकर कोचिंग लेने का निर्णय लिया. अपने बच्चों को छोड़कर जाना उनके लिए बहुत कठिन था, जैसा कि हर मां के लिए होता है. लेकिन उनके पति ने उन्हें हौसला दिया, उनका समर्थन किया और बच्चों का ध्यान रखा. इस प्रकार, वे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ पाईं।

एन. अम्बिका की सफलता का श्रेय उनके पति को जाता है, जिन्होंने उनका पूरा साथ दिया. वह जब परीक्षा के लिए पढ़ाई कर रही थी, तो उनके पति ने उनके बच्चों का ध्यान रखा. इस प्रकार, वे अपने सपने को पूरा करने में कामयाब हुईं. वह चेन्नई गईं, जहाँ उन्होंने परीक्षा की अच्छी तैयारी की. वह रोजाना अखबार पढ़ती थीं, क्योंकि उन्हें लगता था कि यह यूपीएससी की परीक्षा के लिए बहुत जरूरी है. वह यह भी कहती थीं कि परीक्षा के हर हिस्से के लिए एक ही किताब या स्रोत का पढ़ना चाहिए।

N ambika ips current posting

महाराष्ट्र कैडर के लिए आवंटित, वह वर्तमान में मुंबई में पुलिस उपायुक्त के रूप में कार्यरत हैं।

N Ambika ips Upsc Rank

एन अंबिका की upsc रैंक 287 है।

बताया कैसे करें पढ़ाई

एक ही सेक्शन के लिए विभिन्न स्रोतों की जानकारी पढ़ने से उम्मीदवार को अस्पष्टता हो सकती है और उनका रिवीजन अधूरा रह सकता है। अम्बिका यह भी कहती हैं कि ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों का अभ्यास करें और मॉक टेस्ट सीरीज़ में भाग लें ताकि उत्तर लिखने की कुशलता बढ़े जो यूपीएससी में अच्छा प्रदर्शन करने में सहायक होगी।

एन. अंबिका ने अपनी गलतियों का जीवन्त उदाहरण बनकर यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की. उन्होंने अपने चारों प्रयासों में नयी बातें सीखी और अपने आप को बेहतर बनाया. अंबिका के लिए सिविल सेवा परीक्षा का सफर आसान नहीं था, उन्हें तीन बार असफलता का सामना भी करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी.उनके पति ने भी उनका पूरा साथ दिया और नौकरी के साथ-साथ घरेलू जिम्मेदारियों को भी निभाया. 2008 में उनकी मेहनत का फल मिला और सिविल सेवा परीक्षा के चौथे प्रयास में अंबिका ने आईपीएस बनकर अपना सपना साकार किया।

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