पिता टैक्सी चालक हैं, बेटा जन्म से नेत्रहीन लेकिन सपना था IAS बनने का कई बार फेल हुए 9वें प्रयास में बनें आईएएस

IAS Bala Nagendran Success Story In Hindi

IAS Bala Nagendran Success Story : यह कहा जाता है कि जब व्यक्ति को कुछ करने का जोश और इच्छा होती है तो कोई भी बाधा उसका रास्ता नहीं रोक सकती है। चेन्नई के बाला नागेन्द्रन (IAS Bala nagendran success story) की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। जन्म से ही दृष्टिहीन तमिलनाडु के बाला नागेन्द्रन का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। बाला ने मेहनत और संघर्ष के बल पर आईएएस अधिकारी का दर्जा हासिल किया है।

बचपन से ही बाला नागेन्द्रन का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। बाला ने सात साल की उम्र से ही अधिकारी बनने का सपना देखा था। उन्होंने कई बार नाकामयाबी का सामना किया, लेकिन अंत में 2019 में उन्होंने यूपीएससी (UPSC) क्लियर कर लिया और आईएएस के लिए चयनित हुए।

बाला का शुरुआती जीवन और परिवार (IAS Bala nagendran success story)

IAS Bala Nagendran Success Story In Hindi

बाला का जन्म तमिलनाडु में हुआ था, वह जन्म से ही दृष्टिहीन थे। बाला ने अपनी स्कूली शिक्षा लिटिल फ्लावर कॉन्वेंट और राम कृष्ण मिशन स्कूल से पूरी की। फिर, उन्होंने लॉयल आर कॉलेज, चेन्नई से बी.कॉम की पढ़ाई की। बाला ने सात साल की उम्र से ही आईएएस बनने का सपना देखा था।

बाला के पिता एक टैक्सी चालक थे और मां घर का काम करती थीं। बाला स्कूल के दौरान ही पढ़ाई में काफी प्रतिभाशाली थे। जब वे स्कूल में पढ़ते थे, तब उन्हें अपने शिक्षक से आईएएस बनने का प्रोत्साहन मिला था। एक इंटरव्यू में बाला ने कहा- “जब भी कोई मुझे नेत्रहीन होने को चुनौती कहता है तो मैं इसे कभी मानता नहीं हूं। मेरे लिए, यह एक शक्तिशाली पावर है। इसने मुझे लोगों को अच्छी तरह से जानने में सहायता की है। इसने मुझे मेरी आंतरिक दृष्टि को पहचानने में मदद की है।

यूपीएससी की तैयारी 

यूपीएससी की तैयारी- नागेन्द्रन ने 2011 में यूपीएससी (UPSC) की तैयारी की शुरुआत की थी। तैयारी के शुरुआती दौर में उन्हें कई चुनौतियों को दूर करना पड़ा था। इस दौरान उन्हें ब्रेल लिपि में किताबें ढूंढनी पड़ती थी, जो काफी कठिन काम था। वे चार साल तक लगातार इस परीक्षा में असफल रहे लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और अपनी तैयारी को जारी रखा।

कई बार असफल हुए 

बाला नागेंद्रन ने 2017 में यूपीएससी (UPSC) ग्रेड ए परीक्षा में कामयाबी हासिल की और 927वीं रैंक पाई। बाला को तब ग्रेड ए सेवाओं में नौकरी मिली थी, लेकिन बाला ने तब खुद ही इसे ठुकरा दिया। उनका सपना तो आईएएस बनने का था। उन्होंने फिर से यूपीएससी परीक्षा दी लेकिन इस बार केवल 1 नंबर से रह गए।

9 वें प्रयास में मिली सफलता

9वें प्रयास में मिली सफलता आईएएस बाला नागेंद्रन ने 8 बार यूपीएससी (UPSC) परीक्षा में नाकामयाबी का सामना किया था. लेकिन इससे उन्होंने कभी भी अपना हौसला नहीं खोया. उन्होंने इन असफलताओं से सीख ली और अपने लक्ष्य को पाने के लिए दोगुनी मेहनत की. 2016 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की थी लेकिन IAS बनने के लिए उचित रैंक नहीं मिली थी. फिर 2017 में वे सिर्फ 1 अंक से चूक गए थे. अंततः 2019 में उन्होंने 659वीं रैंक प्राप्त करके वे IAS बन गए थे।

अंत में 2019 में बाला का संघर्ष रंग लाया। सात बार असफल होने के बाद बाला ने अपने नौवें प्रयास में 2019 में 659वीं रैंक पाई और वे आईएएस के लिए उपयुक्त हुए।

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