हर दिन प्रोडक्टिव रहने के लिए यह 4 बातें ध्यान रखें | Do these things everyday in hindi

दोस्तों चाहे आपकी जिंदगी का लक्ष्य कितना भी बड़ा हो आपके और आपके goal के बीच में कई छोटे-छोटे दिन होंगे और इनमें से कोई भी एक दिन आपकी जिंदगी नहीं बदल पाएगा अगर आप हर दिन अपने उस काम को नही करते हो जो आपको आपके लक्ष्य के करीब ले जाये। आपको जो काम करना है वह यह है कि आप हर रोज हर साधारण दिन भी काम करते रहे तो आपको इतने बड़े रिजल्ट मिल जाएंगे जो शायद आपने सोचे भी नही होंगे। इसलिए अपने दिन को स्ट्रक्चर करना और प्लान करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। ताकि आप हर रोज वह चीज कर पाए जो आपको आपके लक्ष्य की तरफ ले जाए। अब सवाल यह उठता है कि आप अपने दिन को स्ट्रक्चर कैसे कर सकते हैं? तो इस पोस्ट में आज हम यही जानेंगे और 5 रूल जानेंगे जो हमारा हमारे दिन को स्ट्रक्चर करने में मदद करेंगे।


1.) दिन की शुरुआत महत्वपूर्ण काम से करें।


हर दिन सुबह उठने के बाद बेसिकली यह आपका वह रूटीन होगा जो आप हर रोज करते हैं जब आप सुबह में उठते हैं। आप इसे काफी फ्लैक्सिबल बना सकते हैं। इसमें ऐसी कोई चीज होनी चाहिए जो आप हर रोज कर सकते हैं इस तरह के रूटीन मैं आपको कुछ अच्छी आदत बनाना चाहिए इसमें आप affirmation और Visualisation सकते हो इसके बाद थोड़ी देर बाहर पार्क में टहल सकते हो। इसके बाद आप थोड़ा मेडिटेशन कर सकते हो और वापस घर आकर अपने दिन को प्लान कर सकते हो। इस रूटीन को आप अपने हिसाब से प्लान कर सकते हैं और बदल सकते हैं। 


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लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे आपको रोज करना पड़ेगा जब आप सुबह उठते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप सुबह 6:00 बजे उठते हैं या आपकी नाइट शिफ्ट है तो आप 2:00 बजे उठते हैं यहां आपको स्टार्टिंग रूटीन बनाना होगा इसका मतलब है कि जब आपकी आंखें खुलती है तब आपको यह रूटीन फॉलो करना होगा। आपको यह सेट करना है कि आपको सुबह उठकर क्या चीजें करना है और उसे आपको रोज करना होगा चाहे जो भी हो जाए।


2.) सबसे महत्वपूर्ण कार्य के बारे में लिखें


आप स्टार्टिंग रूटीन मतलब सुबह के काम से फ्री होने के बाद यह आदत बना लीजिए कि उस दिन आप क्या करने वाले हैं। ऐसा भी ना करें कि आप एकदम उत्साहित हो जाएं और 15-16 चीजें लिख डालें की आज आपको क्या क्या करना है। आपको एक दिन में सिर्फ उतनी ही चीजें करना है जितने कि आप कर पाएंगे महत्वपूर्ण चीजों को आपको ऊपर से नीचे इंपोर्टेंस के ऑर्डर में लिखना है जैसे कि आपको सबसे पहले फिजिक्स का चैप्टर पढ़ना है उसके बाद मैथ्स करनी है, इसके बाद आपको पिछले क्वेश्चन पेपर देखने हैं। अब इसके अलावा आप इस लिस्ट में कोई भी ऐसी चीज मत लिखो जो आपके लक्ष्य से मैच नहीं करती हो। यह सिर्फ एक इंपोर्टेंट कामों की लिस्ट है जिन्हें आप करके ही रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए। सिर्फ वही चीज लिखिए जिनका आपको पता है कि आप कर पाएंगे यह कोई ऐसी लिस्ट नहीं है कि आप सारी चीजें लिखते हैं और कि काश मैं यह सब चीजें आज कर पाऊं।


3.) अपने दिन को active और passive में विभाजित करें।


ध्यान रखिएगा आपको अपने दिन को डिवाइड करना है एक्टिव और पैसिव में आपको एक टाइम डिसाइड करना पड़ेगा अपने दिन के लिए जिस टाइम आप एक्टिव रहेंगे। फिर बाकी टाइम आपको पैसिव के लिए रखना होगा उदाहरण के लिए अगर आप सुबह 7:00 बजे उठते हैं तो आपको आप बोलेंगे कि मैं एक्टिव रहूंगा सुबह शाम 7:00 बजे से 6:00 बजे तक और मैं पैसिव रहूंगा 6:00 बजे से 12:00 बजे तक और 12:00 बजे के बाद सो जाऊंगा।


अब एक्टिव ओर पैसिव का क्या मतलब है?



एक्टिव का मतलब है आपको इस समय वह महत्वपूर्ण चीजें करना चाहिए जो आपको आपके लक्ष्य के करीब ले जाए तो यह वह बातें होंगी जो आपने अपने दिन के स्टार्टिंग में स्टार्टिंग रूटीन में लिखी होंगी तो अब इसका मतलब यह है कि आपको 10-12 घंटे काम करना होगा वह भी बिना ब्रेक लिए? नहीं… आप सिर्फ ऐसे ही ब्रेक लेंगे जो आपको एनर्जी वापस दें ताकि आप वापस अपना काम कर पाए जैसे आपने goal बनाया है कि आप पढ़ाई करेंगे 8:00 से 6:00 तक। तो आप ब्रेकफास्ट खा सकते हैं जिससे आपको एनर्जी मिलेगी आप दिन में एक झपकी ले सकते हैं जिससे आपकी नींद पूरी हो जाए और आप फोकस के साथ पढ़ाई कर पाए। लेकिन आपको ध्यान रखना है कि आपको टीवी शो नहीं देखना है।आप थोड़ी बहुत एक्सरसाइज कर सकते हैं। 5 मिनट ही सही आप यह मनोरंजन वाली चीजें नहीं कर सकते क्योंकि यह आपको आपके goal के करीब नहीं ले जाएंगी।


आप इंस्टाग्राम टिक टॉक या यूट्यूब नहीं खोल सकते क्योंकि यह सब चीजें आपको आपके goal के करीब नहीं ले जाएंगे अब हो सकता है कि आप यह सोच रहे हो कि मुझे तो यूट्यूब से वीडियो देखने की जरूरत है क्योंकि वह मेरी पढ़ाई से रिलेटेड है। वह तो ठीक है लेकिन आपको अपने आपको एंटरटेन नहीं करना है जब तक आप अपने दिन के एक्टिव जोन में है। आपको जीरो इंटरटेनमेंट अपने दिमाग में डालना है चाहे वह जो भी चीज हो जो आपके goal से रिलेट ना हो। एक बार जब आप अपने दिन के एक्टिव जोन को खत्म कर लेते हैं और पैसिव ज़ोन में आते हैं तब आप जो चाहे वह कर सकते हैं आप टीवी शो देख सकते हैं सोशल मीडिया यूज़ सकते हैं जो भी आपको करना है वह करिए। लेकिन जब तक आपने अपने एक्टिव जोन में हो आपको मेहनत करनी होगी इसके बाद पैसिव ज़ोन में आप आराम करेंगे और एंजॉय कर सकते हैं जो भी आपको करना हो। अब आप यह सोच रहे होंगे कि इतना स्ट्रिक्ट होने की क्या जरूरत है थोड़ा बहुत अगर मैं एंटरटेनमेंट कर लूं तो इससे क्या फर्क पड़ता है? इसे हम अगले रूल से समझते हैं।


4.) कोई भी ऐसी चीज मत करिए अपने एक्टिव जोन में जिससे आपके दिमाग को डोपामिन मिलता है।


डोपामिन क्या होता है? डोपामिन आपके दिमाग में वह केमिकल होता है जो आपको खुश कराता है। तो जब आप इंस्टाग्राम खोलते हैं और कोई ऐसी पोस्ट देखते हैं जो आपको पसंद आती है। उससे आपके दिमाग में थोड़ा सा डोपामिन रिलीज होता है आप अगर वीडियो गेम खेलते हैं और जीत जाते हैं तो आपको डोपामिन मिलता है डोपामिन ही वही केमिकल है जिससे लोग ड्रग्स एडिक्ट हो जाते हैं। हमारे दिमाग की डिजाइन कुछ ऐसी है कि वह चाहता है कि हमें जितना डोपामिन मिले उतना ही अच्छा हो ताकि हमें अच्छा लगता रहे। लेकिन हम सभी लोगों को पता है वह चीज जो हमें अच्छा फील कराती है जरूरी नहीं है कि वह हमारे goals के लिए भी अच्छी हो। 


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मान लीजिए आप ने 1 घंटे के पूरा फोकस के साथ काम किया इसके बाद 5 मिनट के लिए ब्रेक लिया जिसमें आपने इंस्टाग्राम यूज करने लगते हो जब आप यह यूज़ करते हो तो आपको थोड़ा सा डोपामिन मिलता है और आप जब नई-नई पोस्ट खोलते हैं तो आपको थोड़ा और डोपामिन मिलता चला जाता है। फिर हो सकता है कि यूट्यूब पर भी वीडियो देखने लगें, आप कोई म्यूजिक वीडियो देखने लगे, और उससे आपको और डोपामिन मिल जाएगा। 


अब फिर से पढ़ाई या अपना काम करने का समय आएगा तो आपका दिमाग पढ़ाई करना चाहेगा ही नहीं क्योंकि आपको पढ़ाई से थोड़ी कोई डोपामिन मिलेगा। यहाँ अब आपको बहुत ज्यादा विल पावर यूज करनी होगी, पहले यूट्यूब इंस्टाग्राम बंद करने में फिर पढ़ाई शुरू करने में तो आप देख सकते हैं कि आपका कितना टाइम खराब हो सकता है सिर्फ वह 5 मिनट के चक्कर में इसीलिए बहुत ज्यादा जरूरी है कि आप अपना दिन एक्टिव ओर पैसिव में डिवाइड करें जब आप अपने दिन के एक्टिव पार्ट में होते हैं तो कोई भी ऐसी चीज ना करें जिससे आपके दिमाग को डोपामिन मिले। आप ब्रेक ले सकते हैं लेकिन आप उस ब्रेक में क्या करते हैं यह बहुत इंपोर्टेंट है आप स्ट्रैचिंग या योगा कर सकते हैं आप थोड़ी बहुत वॉक कर सकते हैं, अच्छा म्यूजिक सुन सकते हैं और फिर आपको अपना काम फिर से शुरू कर देना है।


अब यहां सबसे अच्छी बात यह होती कि एक बार जब आप अपने दिमाग की अच्छे से ट्रेनिंग कर लेते हैं फिर उसको समझ में आ जाता है कि पहले आप को सबसे पहले अपना महत्वपूर्ण काम खत्म करना होगा तभी आपको डोपामिन मिल पाएगा। इससे आपके दिमाग का फोकस अपने आप बहुत ज्यादा बढ़ जाता है आपके दिमाग को डोपामिन चाहिए और अगर उसे पता चल जाए कि काम खत्म करके डोपामिन मिलेगा तो आपका दिमाग फुल स्पीड पर काम करेगा आपका काम खत्म करने के लिए 


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