सावित्रीबाई फुले के अनमोल सुविचार, कविता | savitribai phule quotes in hindi
सावित्रीबाई फुले के अनमोल विचार, कविता | savitribai phule quotes in hindi
●•● स्वाभिमान से जीने के लिए पढ़ाई करो। पाठशाला ही इंसानों का सच्चा कहना है।
- सावित्रीबाई फुले
●•● गरीबों और जरूरतमंदों के लिए हितकारी और कल्याणकारी कार्य शुरू किए हैं। मैं अपने हिस्से की जिम्मेदारी भी निभाना चाहती हूं। मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि मैं आपकी हमेशा मदद करुँगी। मैं कामना करती हूं कि ईश्वरीय कार्य अधिक लोगों की मदद करेंगे।
- सावित्रीबाई फुले
●•● तुम तो बकरी गाय को सहलाते हो, नाग पंचमी पर नाग को दूध पिलाते हो। लेकिन दलितों को तुम इंसान नहीं अछूत मानते हो।
- सावित्रीबाई फुले
●•● मेरी कविता को पढ़ सुनकर यदि थोड़ा भी ज्ञान हो जाए प्राप्त। मैं समझूंगी मेरी परिश्रम सार्थक हो गया। मुझे बताओ सत्य निडर होकर की कैसी है मेरी कविताएं ज्ञान परख यथार्थ मनभावन या अद्भुत तुम ही बताओ।
- सावित्रीबाई फुले
●•● अंग्रेजी मैया, अंग्रेजी वाणी शूद्रों को उत्कर्ष करने वाली पूरे स्नेह से। अंग्रेजी मैया अब नहीं है मुगलाई और नहीं बची है अब पेशीबाई, मूर्खशाही। अंग्रेजी मैया देती सच्चा ज्ञान शूद्रों को, देती है जीवन वह तो प्रेम से। अंग्रेजी मैया शूद्रों को पिलाती है दूध। पालती पोसती है माँ की ममता से।
- सावित्रीबाई फुले
●•● इस धरती पर ब्राह्मणों ने खुद को स्वघोषित देवता बना लिया है।
- सावित्रीबाई फुले
●•● पत्थर को सिंदूर लगाकर ओर से तेल में डुबोकर जिसे देवता समझा जाता है वह असल मे पत्थर ही होता है।
- सावित्रीबाई फुले
●•● उसका नाम है अज्ञान, उसे धर दबोचो, मज़बूत पकड़कर पीटो और उसे जीवन से भगा दो।
- सावित्रीबाई फुले
●•● जाओ जाकर पढ़ो लिखो बनो मेहनती, बनो आत्मनिर्भर काम करो ज्ञान और धन इकट्ठा करो. ज्ञान के बिना सब खो जाता है ज्ञान के बिना हम जानवर बन जाते हैं इसलिए खाली मत बैठो. जाओ जाकर शिक्षा लो।
- सावित्रीबाई फुले
●•● ब्राह्मणवाद केवल मानसिकता नहीं, एक पूरी व्यवस्था है जिससे धर्म के पोषक तत्व देव-देवता, रीति-रिवाज, पूजा-अर्चना आदि गरीब दलित दमित जनता को अपने में काबू में रखकर उनकी तरक्की के सारे रास्ते बंद करते और उन्हें बदहाली भरे जीवन में धकेलते आए हैं।
- सावित्रीबाई फुले
●•● छत्रपति शिवाजी की सुबह शाम याद करना चाहिए शुद्र अतिशूद्र के हमदर्द उनका गुणगान पयरी भावना से करें।
- सावित्रीबाई फुले
●•● यदि पत्थर पूजने से बच्चे होते तो नर नारी शादी ही क्यों रचाते?
- सावित्रीबाई फुले
●•● स्वावलंबन का हो उद्दम, प्रवृति ज्ञान-धन का संचय करो मेहनत करके। बिना विद्या जीवन व्यर्थ पशु जैसा, निठल्ले ना बैठे रहो करो विद्या ग्रहण। शूद्र अतिशूद्रों के दुख दूर करने के लिए मिला है कीमती अवसर अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त करने का।
- सावित्रीबाई फुले
सावित्रीबाई फुले की कविता | Savitribai phule poem in hindi
◆ सुनहरे दिन का उदय हुआ
आओ प्यारे बच्चों आज
हर्ष उल्लास से तुम्हारा स्वागत करती हूं आज
◆ गुलाब का फूल और फूल कनेर का
रंग रूप दोनों का एक सा
एक आम आदमी, दूसरा राजकुमार
गुलाब की रौनक, देसी फूलों से उसकी उपमा कैसी
◆ काम जो आज करना है, उसे करें तत्काल
दोपहर में जो कार्य करना है, उसे अभी कर लो
पल भर के बाद का सारा कार्य इसी पल कर लो.
काम पूरा हुआ या नहीं
न पूछे मौत आने से पूर्व कभी
◆ विद्या ही सर्वश्रेष्ठ धन है
सभी धन-दौलत से
जिसके पास है ज्ञान का भंडार
है वो ज्ञानी जनता की नज़रो में
◆ तितली आकाश में उड़ रही है अपने सुंदर पंख लिए-
तितलियां रंग-बिरंगी मन भावन
उनकी आंखे दिलकश सतरंगी, हंसमुख
पंख मुड़े किन्तु भरे उड़ान आकाश में
उनका रंग रूप मनभावन
तितली की मनभावन अदा को देख एक कली अपने पास बुलाने की भूल कर बैठी
उड़कर पहुंची तितलियां फूलों के पास
इकट्ठा कर शहद पी डाला
मुरझा गई कलियां
इसमें चमेली के फूल पर लिखा है-
फूलों कलियों का रस चखकर
ढूंढा कहीं ओर ठिकाना
रीत है यही दुनिया की
जरूरत और पल भर के हैं रिश्ते-नाते
देख दुनिया की रीत हो जाती चकित
◆ हल्दी रंग की
पीली चम्पा
बाग में खिली, हृदय के भीतर तक बस गई
पता न चला मन में कब घर कर गई
◆ चौका बर्तन से बहुत जरूरी है पढ़ाई
क्या तुम्हें मेरी बात समझ में आई?
◆ चलो चलें पाठशाला हमें है पढ़ना
नहीं अब वक्त गंवाना है
ज्ञान विद्या प्राप्त करें चलो अब संकल्प करें
मूढ़ अज्ञानता, गरीबी गुलामी की जंजीरों को
चलो खत्म करें
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