स्कूल का होमवर्क हिंदी नैतिक कहानी | School Homework moral story in hindi

स्कूल का होमवर्क हिंदी नैतिक कहानी | School Homework moral story in hindi for class 2


स्कूल का होमवर्क हिंदी नैतिक कहानी | School Homework moral story in hindi


स्कूल का होमवर्क | School homework hindi moral story for class 2


बहुत साल पहले 8 साल का शिवम किसी शहर में अपने मम्मी पापा के साथ रहता था शिवम को खेलना और घूमना बहुत अच्छा लगता था इन सब में वह हमेशा स्कूल के होमवर्क को टाल देता था। वह हमेशा उसकी मम्मी से कह देता था कि मम्मी मैं स्कूल का होमवर्क कल करूंगा और जब भी स्कूल में टीचर उस की कॉपी चेक करती थी उस दिन कोई ना कोई बहाना बनाकर वह स्कूल की छुट्टी कर लेता था वह कहता था मम्मी आज मेरा पेट बहुत दर्द कर रहा है मैं आज स्कूल नहीं जाऊंगा फिर उसकी मम्मी उसको स्कूल जाने नहीं देती थी। ऐसा बहुत दिनों से चल रहा था फिर एक दिन अचानक टीचर ने क्लास में सभी बच्चों से कहा;


“बच्चों कल मैं आप सभी की तीनों बुक हिंदी, मैथ्स और इंग्लिश की कॉपी चेक करुंगी इसलिए कल सभी बच्चे अपने नोटबुक्स लेकर आएंगे” 


शिवम का दोस्त अंकित जानता था कि शिवम की कोई भी नोटबुक्स कंप्लीट नहीं है और उसने शिवम से कहा;


“शिवम अब तुम क्या करोगे? तुम्हारी तो किसी भी सब्जेक्ट की नोट बुक कंप्लीट ही नहीं है ”


“मुझे पता है और इसलिए मैं कल स्कूल नहीं आऊंगा”- शिवम ने कहा


“क्या..?


“हां…हा हा हा”


और फिर हमेशा की तरह शिवम अगले दिन पेट दर्द का नाटक करने लगा वह उसकी मम्मी से कहने लगा;


“मम्मी आज मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है”


“अच्छा आज फिर से दर्द होने लगा चलो ठीक है आज तुम घर पर ही आराम करो”- मम्मी ने कहा


इस तरह शिवम की स्कूल से छुट्टी हो गई स्कूल में टीचर एक-एक कर सभी बच्चों की नोटबुक चेक कर रही थी तभी टीचर ने अपनी घड़ी में देखा कि स्कूल की छुट्टी का समय हो रहा है यह देखकर उन्होंने सभी बच्चों से कहा;


“बच्चों अभी स्कूल की छुट्टी का समय हो रहा है इसलिए जो बच्चे रह गए उनकी नोट्स बुक में कल चेक करुंगी”


उसी शाम जब पार्क में खेलते हुए शिवम अंकित से मिला तब अंकित ने उसे सारी बात बताई उसने कहा;


“टीचर ने आज कहा है कि जो बच्चे रह गए उनकी नोटबुक्स वह कल चेक करेंगे”


“अच्छा तो फिर मैं कल भी नहीं आऊंगा” – शिवम ने कहा


फिर अगले दिन भी बच्चों की नोटबुक्स चेक करते करते छुट्टी का समय हो गया और एक बार फिर टीचर ने बच्चों से कहा


“इस बार भी जो बच्चे रह गए हैं उनकी नोटबुक्स कल चेक होंगी”


और अंकित ने यह बात फिर शिवम को बताई


“आज भी छुट्टी का समय हो गया इसलिए टीचर ने कहा है कि बाकी बच्चों की नोटबुक वह कल चेक करेंगी”


“अच्छा मतलब मुझे कल भी छुट्टी करनी पड़ेगी” – शिवम ने कहा


ऐसे ही 3 दिन और बीत गए और इन तीन दिनों में टीचर बच्चों की नोटबुक चेक करते रही और शिवम कोई ना कोई बहाना बनाकर स्कूल की छुट्टी करता रहा छठवें दिन जब शिवम ने बहाना बनाने की कोशिश की तो मम्मी ने उसकी बात नहीं मानी और गुस्से में उससे कहा;


“मैं तुम्हें 6 दिन से देख रही हूं तुम तबीयत का बहाना बनाते हो और छुट्टी हो जाने पर सारे दिन दोस्तों के साथ खेलते रहते हो इसलिए आज तो तुम्हें स्कूल जाना ही पड़ेगा”


“लेकिन मम्मी मेरा पेट आज बहुत दर्द कर रहा है”


“तुम चुपचाप स्कूल जाते हो या मैं तुम्हारे पापा को बुलाऊं”


शिवम को अपने पापा से बहुत डर लगता था इसलिए स्कूल जाने के लिए वह तैयार हो गया


“ठीक है मम्मी मैं स्कूल जाता हूं”


शिवम तैयार होकर स्कूल पहुंचा क्लास में जैसे ही टीचर की नजर उस पर पड़ी है टीचर ने उससे कहा


“शिवम तो आज तुम स्कूल आ ही गए मैं बहुत दिनों से तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी अब जल्दी से अपनी सभी नोटबुक्स लेकर मेरे पास आओ आज मैं तुम्हारी नोटबुक्स चेक करूंगी”


यह सुनकर शिवम बहुत डर गया वह डरते डरते खड़ा हुआ और बोला


“टीचर में आज नोटबुक्स लाना भूल गया”


“क्यों…? तुम्हें पता था ना मैं सबकी नोटबुक्स चेक कर रही हूं फिर तुम नोटबुक्स लाना कैसे भूल गए?”


“सॉरी टीचर”


“तुम कल नोटबुक्स लेकर जरूर आना और भूलकर भी कल स्कूल की छुट्टी मत करना”


टीचर की बात सुनकर शिवम समझ गया था कि अब कुछ भी करके उसे अपनी नोटबुक्स कंप्लीट करनी ही पड़ेगी उसने अपने दोस्त अंकित से कहा


“अंकित क्या तुम अपनी तीनों सब्जेक्ट की नोटबुक्स मुझे दे सकते हो?”


“क्यों..? तुम मेरी नोटबुक्स का क्या करोगे? टीचर ने तो तुम्हें तुम्हारी नोटबुक्स लाने को कहा है”


“मैं जानता हूं लेकिन मेरी नोटबुक्स कंप्लीट नहीं है इसलिए मैं तुम्हारी नोटबुक्स से देखकर अपनी नोटबुक्स कंप्लीट करूंगा”


“तुम्हें यह सब करने की क्या जरूरत है तुम हमेशा की तरह स्कूल की छुट्टी कर लेना”


“नहीं मुझे लगता है कि अब मैं इस काम को और नहीं टाल सकता इसलिए मुझे अपना काम करना ही पड़ेगा”


“पर तुम कल सुबह तक तीनों नोटबुक्स कैसे कंप्लीट करोगे?”


“पता नहीं पर अब होमवर्क करना पड़ेगा”


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अंकित ने अपनी तीनों नोटबुक शिवम को दे दी शिवम स्कूल से छुट्टी होकर अपने घर आया और वह सीधे अपने कमरे में गया और होमवर्क कंप्लीट करने लगा वह सारा दिन और सारी रात लगातार अपना काम करता रहा और सुबह होते होते उसने तीनों नोटबुक्स कंप्लीट कर ली काम पूरा होने पर उसने चैन की सांस ली।


“आखिरकार तीनों नोटबुक्स का काम कंप्लीट हो ही गया अब मैं बिना किसी डर के स्कूल जा सकता हूं”


अगले दिन वह तीनों नोटबुक्स लेकर स्कूल पहुंचा क्लास शुरू होते ही सबसे पहले टीचर ने शिवम से कहा


“शिवम अपनी तीनों नोटबुक्स लेकर मेरे पास आओ”


शिवम तीनों नोटबुक्स लेकर टीचर के पास गया सारी रात नोटबुक्स कंप्लीट करने की वजह से वह बहुत थका हुआ था उसकी आंखें भी लाल हो गई थी


“लीजिए टीचर मेरी तीनों नोटबुक्स”


टीचर ने उसका थका हुआ चेहरा देखा तो समझ गई कि शिवम ने यह नोटबुक सारी रात जागकर कंप्लीट की है उन्होंने शिवम को समझाते हुए कहा।


“मैं जानती थी कि तुम्हारी नोटबुक्स कंप्लीट नहीं है इन सारी नोटबुक्स को तुमने रात भर जाग कर कंप्लीट किया है इसलिए थकान के कारण तुम्हारी आंखे इतनी लाल लग रही है शिवम इसलिए कहते कि हमें अपना सारा काम साथ-साथ करना चाहिए ताकि बाद में हम सारा काम एक साथ करने की मुसीबत से बच सकें यह बात तुम हमेशा याद रखना कि टालने से कभी कोई काम खत्म नहीं होता है बल्कि काम और बढ़ जाता है”


शिवम टीचर की बात समझ गया और उसने कहा


“सॉरी टीचर अब से में सारा काम साथ साथ ही करूंगा और कभी किसी काम को कल के लिए नहीं टालूंगा”


इस तरह शिवम की हर काम को टालने की आदत छूट गई और वह हर काम समय पर करने लगा।


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