अवचेतन मन कैसे काम करता है – subconscious mind work in hindi

अवचेतन मन की शक्ति यह कैसे काम करता है – subconscious mind power, work in hindi


अवचेतन मन कैसे काम करता है - subconscious mind work in hindi


क्या आपने कभी सोचा है कि आप चाहते हुए भी अपने एक्शंस क्यों नहीं बदल पाते हैं क्यों ऐसा होता है कि कुछ लोग अपने ऊपर बिलीफ़ करते हैं और कुछ लोग चाहकर भी अपने आप पर बिलीफ़ नहीं कर पाते हैं। सबसे बड़ा डिफरेंट सक्सेसफुल लोगों में और बाकी लोगों में यह है कि उनके अंदर उनके मन में क्या चल रहा होता है। डॉक्टर Joseph Murphy ने बुक लिखी है द पावर ऑफ सबकॉन्शियस माइंड वह लिखते हैं the low of life, is the low of belief आपके दिमाग में preprogrammed thought होता है जैसा आप सोचते हैं फील करते हैं वैसे ही आपके साथ आपकी लाइफ में होता है। अब यह सुनने में थोड़ा अजीब लगता लेकिन जो जोसेफ मरी कहते हैं कि यह आईडिया जब आप अपने आप को खुद से प्रूफ कर लेंगे तभी आप इसमें बिलीव करेंगे और तभी यह सबसे ज्यादा इफेक्टिव होगा जोसेफ मरी ने भी अपने आपको अपनी सबकॉन्शियस माइंड की पावर को प्रूफ किया।


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एक बार उनको sarcoma की डायग्नोसिस हुई और एक बार उन्होंने सारी ट्रिक्स यूज करके उसको Heal भी कर लिया जब एक बार उन्होंने उसे ही हील कर लिया तब उनको सबकॉन्शियस माइंड की पावर पर पूरा भरोसा हो गया, यह साइंटिफिकली भी देखा गया है कि आपके थॉट्स का इफेक्ट आपकी बॉडी पर भी पड़ता है एक चीज होती है placebo effect जहां पर लोगों को एक नकली दवाई दी जाती है और बोला जाता है कि वह असली दवाई है। उस दवाई के नकली होने के बावजूद यह देखा गया है कि मरीजों में पॉजिटिव इफेक्ट आते हैं। ओर इसका उल्टा है nocebo effect अगर किसी पेशेंट को बता दिया गया कि उसको कोई बीमारी है लेकिन असलियत में उसको कोई बीमारी होती नहीं है फिर भी उस व्यक्ति को उस बीमारी के लक्षण आने लगते हैं तो जैसे हमारे थॉट हमारी बॉडी को साइंटिफिकली मेजरेबल तरीके से इफेक्ट करते हैं। 


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वैसे ही क्या हमारे थॉट हमारी लाइफ को हमारे एनवायरनमेंट को हमारी फाइनेंसियल लाइफ को हमारी सक्सेस या हैप्पीनेस को भी इफेक्ट करते हैं यह सोचने वाली बात है आप के दिमाग के 2 हिस्से होते हैं कॉन्शियस और सबकॉन्शियस माइंड अब यह डिफरेंस आपको पता भी ना हो तब भी ऑटोमेटिकलि यह आपके लिए काम करता है जब आप इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं और ध्यान दे रहे हैं वह आपका कॉन्शियस दिमाग है लेकिन आपके दिमाग में जो चीज आपके हार्टबीट कंट्रोल कर रही है आपको सांस ले रही है वह चीज आपका सबकॉन्शियस माइंड है।


एक उदाहरण जो जोसेफ मरी देते हैं यह समझने के लिए कि इन दोनों में डिफरेंस क्या है


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कॉन्शियस माइंड एक शिप के कैप्टन की तरह है वह आर्डर देता है लोगों को कि अभी करना क्या है क्या मुझे पढ़ाई करनी है मुझे बैठना है या चलना है आदि। यह आर्डर आपका कॉन्शियस माइंड देता है और इन ऑर्डर्स को पूरा करने वाले जो क्रूमैन होते हैं वह आपका सबकॉन्शियस माइंड है जैसे क्रूमैन कभी क्रिप्टन से सवाल नहीं पूछते हैं बहस नहीं करते हैं वैसे ही आपका सबकॉन्शियस माइंड कॉन्शियस माइंड से आर्डर लेता है और कोई भी सवाल नहीं पूछता है।


तो फिर लोग अपनी लाइफ बदल क्यों नहीं पाते हैं


वह अपने सबकॉन्शियस को बार-बार बोलते हैं कि मैं इंटेलिजेंट नहीं हूं, मेरे साथ इतनी सारी प्रॉब्लम है मेरे पास पैसे नहीं है और यही सब बातों को सबकॉन्शियस माइंड आर्डर की तरह ले लेता है और उन्हें सच बना देता है तो अगर आप बोलेंगे कि मेरी मेमोरी अच्छी नहीं है तो आपका सबकॉन्शियस दिमाग बोलेगा ठीक है आपकी मेमोरी अच्छी नहीं है और अगर आप बोलेंगे कि मैं कॉन्फिडेंट नहीं हूँ तो आपका सबकॉन्शियस माइंड आपको अनकॉन्फिडेंट बना देगा लेकिन यहां एक अच्छी बात है कि अगर आप इसका उल्टा भी बोलेंगे तो भी वह सच होगा यदि आप बोलेंगे कि मैं इंटेलिजेंट हूं मेरी मेमोरी अच्छी है तो सबकॉन्शियस माइंड इसको भी सच करने की पूरी कोशिश करेगा तो पहला तरीका अपनी लाइफ को बदलने का है कि अपने थॉट्स को बदलना यह सब आप अपने गुड थॉट्स को बार-बार अपने सबकॉन्शियस माइंड में डालते रहना है आपको अपने सबकॉन्शियस माइंड को एक वॉचमैन की तरह बना लेना चाहिए कि सिर्फ अच्छे थॉट्स अंदर आए और बुरे थॉट्स ना जाएं।


उदाहरण के लिए एक 79 साल की औरत हमेशा कहती रहती थी कि मेरी मेमोरी खराब है फिर उन्होंने जोसेफ मरी के सबकॉन्शियस माइंड के बारे में सुना फिर उन्होंने यह कहने के बजाय यह कहना शुरू किया कि अब मेरी मेमोरी अच्छी हो रही है मैं जो भी याद रखना चाहती हूं वह मुझे याद रहता है और यह कहने की वजह से मेमोरी इंप्रूव भी होने लगी। इसी तर नेगेटिव सजेशन भी काम करते हैं हमें न्यूज़ पर टीवी में तरह-तरह की न्यूज़ बताई जाती है कि दुनिया में इतनी प्रॉब्लम है और अगर आपकी लाइफ कितनी भी अच्छी जा रही हो तब भी आप नेगेटिव सोचने लगते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है की आप कान बंद कर ले और सिर्फ अपनी ही सुने इसका मतलब यह है कि आप अपने थॉट्स के गार्ड बने सिर्फ अच्छे थॉट अंदर अलाउ करें और बुरे थॉट्स चाहे आपके हो चाहे किसी और के हो उनको अलाओ ना करें।


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एक बार एक साइकोलॉजिस्ट को ट्यूबरक्लोसिस हो गया उनके एक्सरे में बीमारी दिख भी रही थी फिर उन्होंने एक नई प्रैक्टिस शुरू करें कि रात में सोने से पहले वह अपने आप से बोलते थे कि मैं एक परफेक्ट हेल्थ में हूं और मेरी बॉडी अच्छी तरह से heal कर रही है एक महीने बाद उनके फेफड़े बिल्कुल क्लियर हो गए थे जोसेफ मरी ने उस साइकोलॉजिस्ट से पूछा कि रात में सोने से पहले वह स्टेटमेंट क्यों बोलते थे उन्होंने बोला कि आपके सबकॉन्शियस माइंड का एक Kinetic Action भी होता है मतलब जब आप सो रहे होते हैं तो वह चलता रहता है तो अगर आप सोने से पहले अपने दिमाग को कुछ अच्छे थॉट्स देंगे तो उस पर आपका दिमाग रात भर काम करता रहेगा तो आपको भी यही करना चाहिए सोने से पहले आपको कुछ अपने लिए पॉजिटिव बातें बोलने है जैसे आपकी हेल्थ अच्छी आपकी लाइफ में अपॉर्चुनिटी है आदि। आप रोज सोने से पहले यह काम करके देखिए ट्राई करके देखिए मैंने नोटिस किया कि बहुत डिफरेंस है आता है आपके माइंडसेट में।


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जोसेफ मेरी थॉट्स चेंज करने के लिए बहुत सारे मेथड हमें अपनी बुक में बताते हैं लेकिन आप यह तीन मेथड देखिए जो कि बहुत अच्छे हैं।


1. mental movie method


आप रिलैक्स हो कर एक जगह बैठ जाए ओर फिर अपनी सांस पर फोकस कीजिए और पूरी तरह से शांत हो जाइए फिर आप अपने दिमाग में एक मूवी चलाइए अपने आइडियल सिचुएशन की उदाहरण के लिए अगर आपको एग्जाम देना है तो इमेजिन करिए कि आप एग्जाम देकर निकल रहे हैं एग्जाम हॉल से और एकदम खुश हैं और आप लोगों से कह रहे हैं कि हां भाई पेपर अच्छा हुआ।


2. thank you method


यह एक बहुत अच्छी टेक्निक है क्योंकि यह आपको स्टेट ऑफ ग्रिटीट्यूड में डाल देती है उदाहरण के लिए अगर आपको फाइनेंस इंप्रूव करने हैं और आपको फाइनेंस डिफिकल्टी हो रही है तो आप डिफिकल्टी पर फोकस करने की वजह यह कहो कि थैंक यू यूनिवर्स फ़ॉर my wealth यहां पर आप यूनिवर्स वर्ड हटाकर कोई भी वर्ड डाल सकते हैं जिस भी चीज में आप बिलीव करते हैं यह अगर आप बार-बार करते हैं तो आपके दिमाग से डर निकल जाता है और आप एक बेहतर दिमाग में आ जाते हैं अपनी प्रॉब्लम से डील करने के लिए।


3. Affirmative method


आपने कई बार Affirmation नाम सुना होगा यहां पर सिर्फ आप एक ही वाक्य लेते हैं जो कि वर्तमान समय का हो जैसे कि अगर आपको कोई बीमारी है और आप कहेंगे कि मैं पूरी तरह से हेल्थी हूं मैं अच्छा खाना खाता हूं और मेरी बॉडी सारे पोषक तत्व अच्छे से ग्रहण करती है आदि। affirmation को बहुत से लोग मिसअंडरस्टैंड करते हैं जोसेफ मरी एक एग्जांपल देते हैं यह समझने के लिए की affirmation काम कैसे करते हैं।


जब एक बच्चा बोर्ड पर लिखता है 3+3 = 7 तो वह एकदम से सच नहीं हो जाता है लेकिन जब टीचर उसे affirm करती हैं 3+3 = 6 तब वह उसे सही करता है उसी तरह से अगर हमारा सबकॉन्शियस माइंड कुछ गलत कर रहा है तो हम उसे affirmation देकर सही रास्ते पर ले आते हैं वह खुद ही सब सही कर लेता है।


एक जरूरी बात जो आपको याद रखनी है इन टेक्निक का उपयोग करते समय आप अपने सबकॉन्शियस माइंड को फोर्स बिल्कुल भी नहीं कर सकते, जोसेफ मरी कहते हैं आपको सिर्फ इमैजिनेशन यूज करनी है विल पावर नहीं आपको अपने सबकॉन्शियस माइंड से लड़ना नहीं है, बल्कि आपको अपने सबकॉन्शियस माइंड को रिलैक्स हो कर उसे थॉट्स देने हैं बाकी डिटेल, आपको heal करने की आपको अपॉर्चुनिटी देने की वह खुद ही समझ जाएगा, इसलिए आप बस अच्छे थॉट्स रखिए और क्लियर हो जाओ की आपको चाहिए क्या।