पढ़ाई में दिमाग तेज करने का तरीका
पढ़ाई में दिमाग कैसे तेज़ करें
एक बार एक रिसर्च में एक मेमोरी टेस्ट कॉम्पिटिशन रखा गया था यह कंपटीशन एक एवरेज लोग, और एक अच्छे बुद्धिमान लोगों के बीच था इस रिसर्च में पता चला कि जो लोग ज्यादा बुद्धिमान नहीं थे एवरेज थे उनका टेस्ट स्कोर 20 से 60 परसेंट निकला, वही जो लोग बुद्धिमान थे उनका टेस्ट स्कोर 95% से 100% था जो कि दोनों के बीच बहुत ज्यादा अंतर था तो ऐसा क्यों हुआ?
क्योंकि बुद्धिमान लोग अपने दिमाग को सही तरीके से इस्तेमाल करना, और जानकारी को सही तरीके से मैनेज करना जानते हैं, एक नॉर्मल या एवरेज इंसान अपने दिमाग की वर्बल मेमोरी का ही यूज इस्तेमाल करता है मतलब शब्दों से जुड़ी हुई मेमोरी, जबकि बुद्धिमान लोग विजुअल मेमोरी का इस्तेमाल करते हैं मतलब की पिक्चर मेमोरी, यदि आप किसी जानकारी की पिक्चर या फिर तस्वीर अपने दिमाग में ही बना लेते हैं, तो आप वह जानकारी फिर बहुत दिन तक नहीं भूलते हैं इसके साथ-साथ कुछ भी मेमोराइज करते वक्त जितना हो सके उस तस्वीर में जान डालने की कोशिश कीजिए क्योंकि इस तरह से हम उसे हमारे दिमाग के लिए यादगार बनाते हैं आप इसकी जितनी ज्यादा प्रैक्टिस करोगे आप उसमें उतना ही अच्छे बनते जाओगे और आप भी एक दिन बुद्धिमान लोगों की तरह एक बार में सैकड़ों शब्दों को एक सीक्वेंस में याद कर सकते हैं सिर्फ अपने दिमाग में पिक्चर्स को एक लॉजिकल तरह से अरेंज करके, और यह बहुत जरूरी है अगर आपने इस पर कभी ध्यान नहीं दिया है तो आज से ही से शुरू कर दीजिए।
कैसा रहेगा अगर कुछ सीखने में आप सिर्फ 20% मेहनत और समय दें और इतने में ही किसी चीज का 80% सीख जाएं।
यह एक बहुत ही अच्छा सिद्धांत है जो बनाया गया है विल्फ्रेडो फ्रीडो द्वारा और यह सिद्धांत है
The 80/20 Principle
यह प्रिंसिपल यह बताता है कि आपकी लाइफ में कोई भी चीज का इंपोर्टेंट हिस्सा उसका सबसे महत्वपूर्ण 20% होता है जो इंपोर्टेंस में उस चीज के 80% के बराबर होता है आप इस सिद्धांत के उदाहरण को जिंदगी में कहीं भी देख सकते हैं जिसमें आपकी जिंदगी के सिर्फ 20% लोग ही आपकी 80% खुशी के जिम्मेदार होंगे और व्यापार में सिर्फ 20% कस्टमर आपको 80% सेल देंगे,
तो वैसे ही किसी भी चीज को सीखने के लिए बस 20% इंपोर्टेंट लर्निंग मेथड और लर्निंग कॉन्टेंट आप को 80% रिजल्ट देंगे, अभी आपको थोड़ा रिसर्च करके वह सबसे इंपोर्टेंट 20% चीज जो आपके लिए काम करती है उसे ढूंढना होगा और यह एक महत्वपूर्ण कदम भी है स्मार्ट वर्क का जिसके बारे में हम हमेशा सुनते रहते हैं।
उदाहरण के लिए अगर आप एक स्टूडेंट हो तो एग्जाम की तैयारी के लिए पिछले 5 साल के क्वेश्चन पेपर को सॉल्व करना उस 20 परसेंट हिस्से का एक बड़ा हिस्सा होगा और फिर समय बचेगा तो आप बाकी की ओर चीजों पर भी ध्यान दे सकते हो, अब क्योंकि हमें पता है कि हमें मेहनत एक्जेक्टली कहां करना है तो हम जितने भी टाइम उस काम को देते हैं उसमें हमारा फोकस शार्प होना चाहिए जो यह ध्यान रखें कि हमे ज्यादा से ज्यादा जानकारी को ऑब्जर्व करना चाहिए पर यह हमारे लिए कभी-कभी बहुत कठिन होता है हमें बहुत परेशानी होती हमारे दिमाग को एक जगह एकत्रित करने में लेकिन डरिए मत यह नॉर्मल है और हर किसी के साथ ऐसा ही होता है।
कई रिसर्च यह बताती है कि हमारे दिमाग का सबसे ज्यादा ध्यान एक काम में 30 से 45 मिनट तक ही रहता है तो अगर हमें कोई चीज अच्छे से और जल्दी सीखना है तो यह बहुत जरूरी है कि हम कोई भी काम इसी समय के दौरान करें इसी को ध्यान में रखते हुए एक टेक्निक बनाई गई है जिसे कहा जाता है The pomodoro technique इस टेक्निक में आपको अपने आसपास के डिस्ट्रेक्शन को साइड में करना होगा और 25 से 30 मिनट के छोटे-छोटे शेसन्स में पढ़ाई करनी होगी इसके बीच में आप 1 से 5 मिनट का ब्रेक ले सकते हो और 3 या 4 सेशन के बाद एक लंबा ब्रेक, इससे आपका फोकस लेजर की तरह शार्प रहेगा और दिमाग में नई सीखी गई चीजों के बीच कनेक्शंस स्ट्रांग होंगे।
अब देखते हैं कि हम इन सभी टेक्निक को सबसे शक्तिशाली कैसे बना सकते हैं तो यह एक बहुत ही पावरफुल तकनीक है जो आज हम आपके साथ शेयर करने वाले हैं कोशिश जरूर करें अगर आपने कभी कोशिश नहीं की है तो,
इस टेक्निक का नाम है The feynman technique इस टेक्निक को नाम दिया गया है एक साइंटिस्ट और बहुत ही अच्छे टीचर रिचर्ड फाइनमैन पर इस टेक्निक का मूल मकसद है चीजों को आसान करना और अपने आप को एक शिक्षक की तरह सरल भाषा में खुद सिखाना।
आप ऐसे भी इमेजिन कर सकते हो कि आप एक टीचर हो और किसी स्टूडेंट को सिखा रहे हो अब जैसे आप लोग जानते हो कि “अल्बर्ट आइंस्टाइन का मानना था कि अगर आप किसी चीज को आसान शब्दों में नहीं समझा सकते तो इसका मतलब आपको उस चीज का गहरा ज्ञान नहीं है” तो यह फाइन मैन तकनीक बिल्कुल इसी सिद्धांत पर काम करता है।
रिसर्च द्वारा यह जाना गया है कि इंसान रीडिंग से सिर्फ 10% याद रख पाता है और सुनने से सिर्फ 30% लेकिन अगर वह काम आप खुद करे तो आप 80% तक याद रखते हो इसीलिए यह तकनीक इतना पावरफुल है, अब इस तकनीक से पढ़ने का सबसे पहला स्टेप होगा कि आप अपने वर्क बुक मैं उस टॉपिक का नाम लिख दें जिसे आप पढ़ने वाले हो, फिर अपनी थ्योरी बुक से उस कंसेप्ट को एक बार समझ लीजिए और जो भी आपने सीखा उसे इमेजिन कीजिए कि आप एक स्टूडेंट को पढ़ा रहे हो जिसे कुछ भी नहीं पता है आपको पढ़ाते वक्त अपने वर्क बुक का इस्तेमाल करना है नोट्स लिखने के लिए, लेकिन यह याद रखिये चीजों को सरल करना इस टेक्निक का मूल महत्व है। तो इसे जितने आसान शब्दों में एक्सप्लेन कर सके उतना अच्छा है ओर इससे उतनी ही गहरी उस विषय में आपकी समझ होगी यह टेक्निक सबसे अच्छी इसलिए है क्योंकि यह किसी भी विषय में आपकी रुचि को कई गुना बढ़ा देगी और ध्यान रखिएगा कि आप को ज्ञान भी मिल रहा है आप सिर्फ मेमोराइज नहीं कर रहे हो इस तरह से एजुकेशन का जो असल महत्व है वह भी पूरा हो पाएगा।