सूरदास के अनमोल वचन, विचार | Surdas Quotes In Hindi
सूरदास के अनमोल वचन, विचार | Surdas Quotes In Hindi
1.) श्री कृष्णा की महिमा अपरंपार है, वे बेहद दयालु हैं। सच्चे दिल से जो कोई भी श्री कृष्ण की आराधना करता है तो उसे अच्छे फल की प्राप्ति जरूर होती है। अगर लंगड़े पर प्रभु कृपा कर दें, तो वह चलने लगता है और बड़े-बड़े पर्वतों को भी लांघ जाता है।
– सूरदास
2.) आत्मा ईश्वर का अंश है। उसका विश्राम स्थान केवल ईश्वर है, उसे सच्चा सुख और शांति कहीं और नहीं मिल सकती।
– सूरदास
3.) जीवन के अंतिम क्षण में ईश्वर की आराधना करके इस संसार से छुटकारा पाने का प्रयास करना चाहिए।
– सूरदास
4.) अवगुडो को मत देखिए एक लोहे को मूर्ति के रूप में पूजा घर में रखा जाता है और दूसरे लोहे को जानवरों को मारने के हथियार के रूप में बूचड़खाने में रखा जाता है। पारस पवित्र और अपवित्र – पत्थर इन दो प्रकार के लोहे के बीच कोई भेद नहीं करता है, यह उन्हें स्पर्श से असली सोना बनाता है।
– सूरदास
5.) हे मन! तू इस माया रुपी संसार में यहां वहां क्यों भटकता है, तू केवल वृंदावन में रहकर अपने आराध्य श्री कृष्ण की स्तुति कर। केवल ब्रजभूमि में रहकर ब्रज वासियों के जूठे बर्तनों से जो कुछ भी अन्न प्राप्त हो उसे ग्रहण करके संतोष कर तथा श्री कृष्ण की आराधना करके अपना जीवन सार्थक कर।
– सूरदास
Surdas ke Suvichar
6.) राम नाम एक ऐसा अनोखा खजाना है जिसे हर कोई प्राप्त कर सकता है। धन अथवा संपत्ति को एक बार खर्च करने पर वह कम हो जाता है, लेकिन राम नाम एक ऐसा अनमोल रत्न है जिसे कितने भी बार पुकारा जाए उसका महत्व कभी भी नहीं घटता।
– सूरदास
7.) जहां स्वयं परमात्मा ने जन्म लिया हो ऐसी पवित्र भूमि की बराबरी स्वयं कामधेनु भी नहीं कर सकती हैं।
– सूरदास
8.) मन सदा गोविन्द अर्थात भगवान श्री कृष्णा में लगा कर रखना चाहिए । अपने आप को इस नश्वर दुनिया के मोह से मुक्त करें, ताकि आपको नर्क की पीड़ा न झेलनी पड़े।
– सूरदास
9.) हे श्री कृष्ण इस पाप से भरे दुनिया से मुझे मुक्त कीजिए, मेरे सिर पर पाप की ढेरों गठरियां पड़ी है जो मुझे मोह माया से बाहर नहीं निकलने दे रही हैं। हे प्रभु मेरे मन को क्रोध और काम रूपी हवाएं बहुत सताती हैं, कृपया मुझ पर दया करिए।
– सूरदास
10.) गुरु के बिना इस अंधकार में डूबे संसार से बाहर निकालने वाला दूसरा और कोई भी नहीं होता।
– सूरदास
11.) अक्सर जिन चीजों से हमें परम आनंद की अनुभूति होती है, दूसरों के सामने वह कोई महत्व नहीं रखता। यदि किसी गूंगे को स्वादिष्ट मिठाई खिला दी जाए तो, मिष्ठान का स्वाद गूंगा चाह कर भी दूसरों को नहीं समझा सकता।
– सूरदास
12.) संसार के मोह माया रूपी विशाल समुद्र से एक सच्चा गुरु अपने शिष्य को बचाता है। ज्ञान स्वरूप संपत्ति को गुरु अपने शिष्य को सौंपता हैं जिससे कि मानव कल्याण हो सके।
– सूरदास
13.) इस संसार में एक चीज सत्य है जिसे कभी भी नष्ट नहीं किया जा सकता वह है, राम नाम।
– सूरदास
14.) जिस प्रकार सागर नदियों के मधुर जल से भरता है, लेकिन फिर भी समुद्र का जल खारा ही रहता है। बिना किसी गुण वाले बगुले को प्रकृति ने श्वेत रंग प्रदान किया हैं लेकिन गुणों से परिपूर्ण मधुर आवाज वाली कोयल को काले रंग का बना दिया है।जिनका उसके लिए कोई महत्व ही नहीं है। इस सृष्टि में कई मूर्ख लोगों को प्रकृति ने राज सिंहासन प्रदान किया है, तो वही बुद्धिशाली लोगों को गरीब बना दिया।
– सूरदास