अपने लक्ष्य ओर सपनों को हमेशा जीवित रखो | Sundar pichai work ethic hindi


गूगल का सीईओ बनने के बाद लोगों में उत्सुकता जागी की सुंदरपिचाई कौन है? जानकारी लेने के लिए एक बड़े अमेरिकन अखबार ने आईआईटी खड़गपुर में फोन लगाया तो प्रिंसिपल ने पहचानने से इंकार कर दिया कि कोई पिचाई नाम का लड़का यहां पढ़ता था। फिर बहुत खोजबीन करने के बाद एक प्रोफेसर ने पहचाना कि पिचाई सुंदरराजन तो वही लड़का है जो कॉलेज में टॉप किया करता था और आज वह गूगल के टॉप पर है।


पिचाई सुंदरराजन हमेशा साइंस टेक्नोलॉजी और इसकी किताबों में गुम रहते थे शायद इसीलिए सीईओ बनने के बाद भी अपने कॉलेज में गुमनाम थे। पी सुंदरराजन कहते हैं कि यह बात में जल्दी समझ गया था कि पढ़ाई मेरे लिए जीवन बेहतर बनाने का मौका है और मैंने अपना सारा ध्यान इसी पर मोड़ दिया।


बचपन मे सुंदर हर वक्त स्कूल बस में भी हमेशा किताबों में खोए रहते थे उनके दोस्त कहते हैं कि वह बगल में बैठी लड़कियों पर भी ध्यान नहीं देते लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि उन्होंने स्कूल में कभी टॉप नहीं किया क्योंकि उन्हें हिस्ट्री ज्योग्राफी और कोई दूसरे सब्जेक्ट में कोई खासी दिलचस्पी नहीं थी उनकी रूचि तो सिर्फ साइंस और इसके प्रयोग में थी।


सुंदर पिचाई कहते हैं मैंने टेक्नोलॉजी का प्रभाव अपने माता-पिता के जीवन पर देखा जब घर में टेलीफोन और फ्रिज आया तो मम्मी पापा का कीमती समय बचने लगा और वह ज्यादा समय हम बच्चों को देने लगे। उस समय सुंदर के दिमाग में यह बात समा गई थी कि हम टेक्नोलॉजी से कितना समय बचा सकते हैं और अपनी शक्ति और ऊर्जा बेहतर कामों में लगा सकते हैं। बस यही विजन सुंदर पिचाई को पूरी जिंदगी प्रेरित करता रहा।


सुंदर पिचाई कहते हैं अपने सपनों का पीछा करना जरूरी है कुछ ऐसा करना जरूरी है जिसकी आपको अंदर से इच्छा होती है क्योंकि आपके सपनों में वह ताकत होती है जिसकी मदद से आप मुश्किलें पार कर जाते हो आपके सपनों में वह शक्ति होती है जिससे आप अपनी गलतियां और डरो को पार कर सकते हो सुंदर पिचाई कहते हैं कि आज हमको सिर्फ बोलने से ही उस चीज के बारे में जानकारी मिल जाती है सुंदर पिचाई कहते हैं कि यह सब आपके लिए आम बात होगी लेकिन मैंने इस टेक्नोलॉजी के लिए अपने 15 साल लगाएं हैं वह कहते हैं में इसलिए यह कर पाया क्योंकि मैं इंफॉर्मेशन और टेक्नोलॉजी की कीमत समझता था।



दोस्तों कई लोग मेहनत करते हैं लेकिन जो लोग अपने लक्ष्य के साथ इमोशनली जुड़ जाते हैं वह कभी नहीं रुकते और अपने अथक प्रयासों से मुश्किलों को पार कर जाते हैं।


सुंदर पिचाई के साथ भी ऐसा ही हुआ भारतीय मूल के होने के कारण टॉप मैनेजमेंट उन्हें कई बार underestimate करता दूसरी तरफ सुंदर पिचाई गूगल का वेब ब्राउज़र बनाना चाहते थे लेकिन इसकी कीमत ज्यादा होने के कारण गूगल के सीईओ ने इस प्रोजेक्ट के लिए मना कर दिया आख़िरकार सुंदर पिचाई ने अथक प्रयासों ने मैनेजमेंट को मना लिया।


गूगल क्रोम सफल रहा इसके बाद सुंदर पिचाई सबकी नजरों में आ गए क्योंकि उन्होंने कंपनी के फायदे के लिए संघर्ष किया था उनके पास लोगों की मदद करने का एक विजन था यह लीडर की पहचान होती है जो अपने साथ सब को आगे ले जाता है एक समय ऐसा आया कि लोग कहते थे कि गूगल में सुंदर पिचाई के बिना हमारा काम नहीं चलता।


दोस्तों बड़ी कंपनी में बड़ी पॉलिटिक्स होती है आप एक अच्छा काम करते हो 10 अदृश्य दुश्मन बनाते हो तो इन सबसे सुंदर पिचाई कैसे बाहर निकले?


जब आप परेशानी के प्रति react करते हो तो आप कुछ नया नहीं करते परेशानी से अपने रिएक्शन को दोहराते हो उनके साथ काम करने वाले कहते हैं कि पिचाई साहब के अंदर दो क्वालिटी हैं वह कम बोलते हैं और ज्यादा सुनते हैं और हमेशा अपनी कमियों से सीखने की कोशिश करते हैं वह कभी दुश्मन नहीं बनाते हो और हमेशा दूसरों के बारे में अच्छा सोचते हैं जलन करने वाले दुश्मन भी उनके दोस्त बन जाते हैं।


ढाई हजार साल पहले अरस्तु ने कहा था;  “नई पीढ़ी आलसी है इनको लगता है कि इनको सब पता है लेकिन इन से कुछ होता नहीं”


अरस्तू के गुजर जाने के 200 साल बाद भी ग्रीस दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बना रहा दोस्तों सदियों से हर पीढ़ी दूसरी पीढ़ी को नकारा और कमजोर समझती है।


सुंदर पिचाई कहते है कि जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है नई पीढ़ी अलग सोच में बड़ी होती है इसीलिए उसके सोचने का तरीका अलग होता है और ऐसा होना भी चाहिए आगे बढ़ने के लिए नई खोज और विकास करने के लिए हमें नई सोच और नए लोगों की जरूरत होती है।


पिचाई साहब नौजवानों से कहते हैं कि आपको भी लगता होगा कि दुनिया में अभी बहुत काम बाकी है आपको कभी-कभी बेसब्री महसूस होती होगी यह बहुत अच्छी बात है इस बेसब्री को जीवित रखो और अपने विजन में बदलो और आपका विजन नई क्रांति लेकर आएगा जब भी आप बदलने की कोशिश करते हो तो अनजाने में आप दुनिया की मदद करते हो।


सुंदर पिचाई कहते हैं कि जब मैं छोटे से गांव का लड़का यह सब कर सकता हूं जिसके पास ना कोई इंटरनेट और ना कोई टेक्नोलॉजी थी तो आप जरूर सफल होंगे बस एक लक्ष्य पर काम करते चलो दोस्तों सफलता हमेशा अपने निशान छोड़ती है हर लीडर अपने विजन से इमोशनली जुड़ा होता है वह बस अपने सपने को साकार करना चाहता है सुंदर पिचाई कहते हैं कि भले ही आप कई बार फेल होंगे लेकिन कोशिश करते करते आप दुनिया के काम आ जाएंगे और बहुत कुछ सीख जाओगे


हम अपने जीवन में जो कमियां महसूस करते हैं जो संघर्ष हम करते हैं उसी से हमें विजन मिलता है और फिर विजन और संघर्ष मिलकर हमें बेहतर इंसान बनाते हैं।