चाणक्य के 68+ अनमोल विचार | Chanakya Quotes on wife, students, friendship, love In Hindi

Chanakya Quotes on wife, students, friendship, love, Relationship Success In Hindi | चाणक्य के 68+ अनमोल विचार


चाणक्य कोट्स इन हिंदी Chanakya quotes in hindi/चाणक्य एक प्राचीन भारतीय शिक्षक और चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में सबसे ज्यादा लोकप्रिय सलाहकार थे। उन्हें पारंपरिक रूप से कौटिल्य या विष्णुगुप्त के रूप में पहचाना जाता था, उन्होंने अर्थशास्त्र पर राजनीतिक दृष्टिकोण पर सबसे लोकप्रिय पुस्तक लिखी, जो तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व और तीसरी शताब्दी सीई के बीच लिखी गई थी। आज इस पोस्ट में हम चाणक्य के पत्नी, मित्र या दोस्त, प्यार, संबंध, सफलता पर अनमोल विचार जानेंगे। तो चलिए पढ़ते हैं चाणक्य के अनमोल विचार।

चाणक्य कोट्स इन हिंदी | Chanakya quotes on success in hindi



Chanakya Quotes on wife students friendship love Relationship In Hindi | चाणक्य के अनमोल विचार
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Love, success in hindi | चााणक्य के अनमोल विचार


चाणक्य के सफलता पर अनमोल विचार | Chanakya quotes in hindi


●•● अगर सांप जहरीला ना भी हो तो उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए।

– चाणक्य

●•● जो लोग परमात्मा तक पहुंचना चाहते हैं उन्हें वाणी, मन, इन्द्रियों की पवित्रता और एक दयालु ह्रदय की आवश्यकता होती है।

– चाणक्य

शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है. एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है. शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है।


– चाणक्य

●•● सर्प, नृप, शेर, डंक मारने वाले ततैया, छोटे बच्चे, दूसरों के कुत्तों, और एक मूर्ख: इन सातों को नीद से नहीं उठाना चाहिए।

– चाणक्य

●•● जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को अगर आग लगा दी जाये तो वह पूरा जंगल जला देता है, उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार को बर्वाद कर देता है।

– चाणक्य

पहले पांच सालों में अपने बच्चे को बड़े प्यार से रखिये. अगले पांच साल उन्हें डांट-डपट के रखिये. जब वह सोलह साल का हो जाये तो उसके साथ एक मित्र की तरह व्यवहार करिए. आपके वयस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे मित्र हैं।


– चाणक्य

●•● जब आप किसी काम की शुरुआत करें, तो असफलता से मत डरें और उस काम को ना छोड़ें. जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं वो सबसे प्रसन्न होते हैं।

– चाणक्य

●•● जो सुख-शांति व्यक्ति को आध्यात्मिक शान्ति के अमृत से संतुष्ट होने पे मिलती है वो लालची लोगों को बेचैनी से इधर-उधर घूमने से नहीं मिलती।

– चाणक्य

यदि किसी का स्वभाव अच्छा है तो उसे किसी और गुण की क्या जरूरत है ? यदि आदमी के पास प्रसिद्धि है तो भला उसे और किसी श्रृंगार की क्या आवश्यकता है।


– चाणक्य

●•● सेवक को तब परखें जब वह काम ना कर रहा हो, रिश्तेदार को किसी कठिनाई  में, मित्र को संकट में, और पत्नी को घोर विपत्ति में।

– चाणक्य

हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है. ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो यह कड़वा सच है।


– चाणक्य

●•● भगवान मूर्तियों में नहीं है. आपकी अनुभूति आपका इश्वर है. आत्मा आपका मंदिर है।

– चाणक्य

●•● कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं।

– चाणक्य

सबसे बड़ा गुरु मन्त्र है – कभी भी अपने राज़ दूसरों को मत बताएं. ये आपको बर्वाद कर देगा।


– चाणक्य

●•● इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये।

– चाणक्य

●•● पृथ्वी सत्य की शक्ति द्वारा समर्थित है; ये सत्य की शक्ति ही है जो सूरज को चमक और हवा को वेग देती है; दरअसल सभी चीजें सत्य पर निर्भर करती हैं।

– चाणक्य

जैसे ही भय आपके करीब आये, उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये।


– चाणक्य

●•● सांप के फन, मक्खी के मुख और बिच्छु के डंक में ज़हर होता है; पर दुष्ट व्यक्ति तो इससे भरा होता है।

– चाणक्य

●•● जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को अगर आग लगा दी जाये तो वह पूरा जंगल जला देता है, उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार को बर्वाद कर देता है।

– चाणक्य

फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है, लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है।


– चाणक्य

●•● कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिये जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हों. ऐसी मित्रता कभी आपको ख़ुशी नहीं देगी।

– चाणक्य

एक उत्कृष्ट बात जो शेर से सीखी जा सकती है वो ये है कि व्यक्ति जो कुछ भी करना चाहता है उसे पूरे दिल और ज़ोरदार प्रयास के साथ करे।


– चाणक्य

●•● वह जो हमारे चिंतन में रहता है वह करीब है, भले ही वास्तविकता में वह बहुत दूर ही क्यों ना हो; लेकिन जो हमारे ह्रदय में नहीं है वो करीब होते हुए भी बहुत दूर होता है।

– चाणक्य

●•● व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है; और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है; और वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है।

– चाणक्य

हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए; विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं।


– चाणक्य

●•● सारस की तरह एक बुद्धिमान व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए और अपने उद्देश्य को स्थान की जानकारी, समय और योग्यता के अनुसार प्राप्त करना चाहिए।

– चाणक्य

●•● जब तक आपका शरीर स्वस्थ और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है, अपनी आत्मा को बचाने कि कोशिश कीजिये; जब मृत्यु सर पर आजायेगी तब आप क्या कर पाएंगे?

– चाणक्य

कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होऊंगा, और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें, तभी आगे बढिए।


– चाणक्य

●•● हे बुद्धिमान लोगों..! अपना धन उन्ही को दो जो उसके योग्य हों और किसी को नहीं. बादलों के द्वारा लिया गया समुद्र का जल हमेशा मीठा होता है।

– चाणक्य

●•● वो जिसका ज्ञान बस किताबों तक सीमित है और जिसका धन दूसरों के कब्ज़े मैं है, वो ज़रुरत पड़ने पर ना अपना ज्ञान प्रयोग कर सकता है ना धन।

– चाणक्य

एक अनपढ़ व्यक्ति का जीवन उसी तरह से बेकार है जैसे की कुत्ते की पूँछ, जो ना उसके पीछे का भाग ढकती  है ना ही उसे कीड़े-मकौडों के डंक से बचाती है।


– चाणक्य

●•● वेश्याएं निर्धनों के साथ नहीं रहतीं, नागरिक कमजोर संगठन का समर्थन नहीं करते, और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला नहीं बनाते जिस पे फल ना हों।

– चाणक्य

अपमानित हो के जीने से अच्छा मरना है. मृत्यु तो बस एक क्षण का दुःख देती है, लेकिन अपमान हर दिन जीवन में दुःख लाता है।


– चाणक्य

●•● दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति नौजवानी और औरत की सुन्दरता है।

– चाणक्य

किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना।


– चाणक्य

●•● संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है, और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है।

– चाणक्य

●•● वह जो अपने परिवार से अत्यधिक जुड़ा हुआ है, उसे भय और चिंता का सामना करना पड़ता है, क्योंकि सभी दुखों कि जड़ लगाव है. इसलिए खुश रहने कि लिए लगाव छोड़ देना चाहिए।

– चाणक्य

Chanakya quotes on friendship in hindi | चाणक्य के दोस्ती और मित्रता पर अनमोल विचार



●•● जिस व्यक्ति में अपने परिवार का पालन पोषण करने की योग्यता ना हो, जो व्यक्ति अपनी गलती होने पर भी किसी से न डरता हो, जो व्यक्ति शर्म नहीं करता है,जिसमें अन्य लोगों के लिए कोई दया भाव की भावना न हो, जो इंसान त्यागवान नहीं है, वे मित्रता के योग्य कभी नहीं हो सकता।

– चाणक्य

कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिये जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हों। ऐसी मित्रता कभी आपको खुशी नहीं देगी। ऐसे लोगों के साथ रहकर अपमान सहना पड़ सकता है।


– चाणक्य
●•● ऐसे व्‍यक्ति से भी मित्रता नहीं करनी चाहिए जो बुरे स्‍थान पर रहता है। बुरे स्‍थान पर रहने वाला व्‍यक्ति खुद को उस स्‍थान की बुराइयों से दूर नहीं रख पाता और ऐसे व्‍यक्ति के साथ मित्रता करने से आपके जीवन पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

– चाणक्य

सेवक को तब परखें जब वह काम ना कर रहा हो, रिश्तेदार को किसी कठिनाई में, मित्र को संकट में, और पत्नी को घोर विपत्ति में।


– चाणक्य

●•● कभी भी दोस्तों को अपने सारे राज न बताएं क्योंकि अगर ये आपसे नाराज हो गए तो ये आपकी निजी बाते सभी लोगों को बता सकते हैं।

– चाणक्य

Chanakya quotes in hindi on students | छात्रों के लिए चाणक्य के अनमोल विचार



●•● धन से हीन होने पर कोई हीन नहीं हो जाता। वह निश्चय ही धनी है, यदि उसके पास विद्या है। जिसके पास विद्यारूपी रत्न नहीं है, वह प्रत्येक वस्तु से हीन है। उसका धन भी निरर्थक ही है।

– चाणक्य

पुस्तकों में लिखी विद्या और दूसरों के पास जमा किया गया धन कभी समय पर काम नहीं आते। ऐसी विद्या या धन को न होने के बराबर ही समझना चाहिए।


– चाणक्य

●•● जल के एक-एक बूँद के गिरने से धीरे-धीरे घड़ा भर जाता है। इसी प्रकार सभी विद्या, धर्म और धन-संचय धीरे-धीरे ही होता है।

– चाणक्य

●•● पुस्तकों के पढ़ने से विद्या नहीं आती, वह गुरू के सान्निध्य से प्राप्त होती है। केवल पुस्तकों के ज्ञान को प्राप्त करने वाला विद्वान, सभा में उसी प्रकार अप्रतिष्ठत होता है, जिस प्रकार कोई दुराचारिणी स्त्री गर्भधारण करने पर भी समाज में सम्मानित नहीं होती।

– चाणक्य

कभी भी उनसे मित्रता नहीं कीजिये जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हों. ऐसी मित्रता कभी आपको प्रसन्नता नहीं देगी।


– चाणक्य

●•● चाणक्य की नीति कहती है कि सबसे पहले तो ऐसे लोगों को अपना मित्र कभी न बनाएं जो आपके मुंह पर मीठी बातें करते हों और पीठ पीछे बुराई। ये लोग आपको कभी भी धोखा दे सकते हैं। ऐसे मित्र का ऐसे मित्र को मुंह पर दूध रखे हुए विष के घड़े के समान त्याग देना चाहिए ।

– चाणक्य
●•● आलसी व्यक्ति या छात्र का न तो वर्तमान होता है और न भविष्य।

– चाणक्य

जब आप किसी काम की शुरुआत करते हैं तो असफलता से मत डरें और उस काम को ना छोड़ें. जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं वो सबसे प्रसन्न होते हैं और उन्हीं की उन्नति होती है।


– चाणक्य

●•● काम, क्रोध, लोभ, स्वाद, श्रृंगार (रति) कौतिक (मनोरंजन), अतिनिद्रा एवं अतिसेवा- विद्या की अभिलाषा रखने वाले को इन आठ बातों का त्याग कर देना चाहिये।

– चाणक्य

●•● इस बात को बाहर मत आने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, इसे रहस्य ही बनाये रखना अच्छा है और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये जब तक कार्य सफल नहीं हो जाता।

– चाणक्य

सुख की अभिलाषा रखने वालों को विद्या प्राप्ति की आशा का त्याग कर देना चाहिये, विद्यार्थी को सुख की आशा का त्याग कर देना चाहिए। सुखार्थी के पास विद्या कहाँ, विद्यार्थी को सुख कहाँ?


– चाणक्य

Chanakya quotes on wife in hindi | पत्नी पर चाणक्य के अनमोल विचार



●•● विपत्ति के समय के लिए धन की रक्षा करनी चाहिए। धन से अधिक रक्षा पत्नी की करनी चाहिए। किन्तु आत्मसम्मान की रक्षा का प्रश्न सम्मुख आने पर धन और पत्नी का बलिदान भी करना पड़े तो नहीं चूकना चाहिए।

व्यक्ति को अपनी ही पत्नी से संतोष कर लेना चाहिए चाहे वह रूपवती हो अथवा साधारण, वह सुशिक्षित हो अथवा निरक्षर – उसकी पत्नी है यही बड़ी बात है।


●•● पुत्र वही है, जो पिता का भक्त है । पिता वही है,जो पोषक है, मित्र वही है, जो विश्वासपात्र हो । पत्नी वही है, जो हृदय को आनन्दित करे।

●•● सत्य मेरी माता है, ज्ञान पिता है, भाई धर्म है, दया मित्र है, शान्ति पत्नी है तथा क्षमा पुत्र है, ये छः ही
 मेरी सगे- सम्बन्धी हैं।

जिसका पुत्र वशीभूत हो, पत्नी वेदों के मार्ग पर चलने वाली हो और जो वैभव से सन्तुष्ट हो, उसके लिए यहीं स्वर्ग है।


●•● सांसारिक ताप से जलते हुए लोगों को तीन ही चीजें आराम दे सकती हैं।

●•● राष्ट द्वारा किये गए पाप को राजा भोगता है । राजा के पाप को उसका पुरोहित, पत्नी के पाप को पति तथा शिष्य के पाप को गुरु भोगता है।

Chanakya quotes on love in hindi | प्यार पर चाणक्य के अनमोल विचार


●•● जिस से प्रेम होता है उसी से भय भी होता है । प्रेम ही सारे दुःखो का मूल है, अतः प्रेम – बन्धनों को तोड़कर सुखपूर्वक रहना चाहिए।

वही पत्नी है, जो पवित्र और कुशल हो । वही पत्नी है, जो पतिव्रता हो । वही पत्नी है, जिसे पति से प्रीति हो । वही पत्नी है, जो पति से सत्य बोले।


●•● किसी सभा में कब क्या बोलना चाहिए, किससे प्रेम करना चाहिए तथा कहां पर कितना क्रोध करना चाहिए जो इन सब बातों को जानता है, उसे पण्डित अर्थात ज्ञानी व्यक्ति कहा जाता है।

आचरण से व्यक्ति के कुल का परिचय मिलता है। बोली से देश का पता लगता है । आदर-सत्कार से प्रेम का तथा शरीर को देखकर व्यक्ति के भोजन का पता चलता है।


Chanakya quotes on relationship in hindi | संबंध पर चाणक्य के अनमोल विचार


●•● चाणक्य कहते हैं कि एक पत्नी कि पहचान तब होती है जब पति के पास धन न हो। यदि बुरे समय और धन के अभाव में भी पत्नी अपने पति के साथ रहती है और अपने पति की पीड़ा को समझती है एवं उसे संयम दिलाती है, वही सही मायनों में अच्छी और गुणी पत्नी है, क्योंकि पत्नी ही होती है जिसके सहयोग से पति बुरा समय भी आसानी से गुजार लेता है। 

एक सच्चे सेवक की पहचान आवश्यकता के समय होती है। जो सेवक आवश्यकता पड़ने पर तुरंत आपके लिए तैयार रहे, वही सच्चे मायनो में सेवक होता है। बुरा समय आने पर भी जो आपका साथ दे, वही असली सेवक होता है। ऐसे लोगों का सदैव सम्मान करना चाहिए।


●•● जो मित्र संकट में आपके साथ हो वही सच्चा मित्र होता है। अचानक विपत्ति आने पर जो आपका साथ न छोड़े वही सच्चा मित्र होता है। सच्चे मित्र के साथ बुरे से बुरा वक्त भी आसानी से पार किया जा सकता है। इलाके में अकाल होने या घर में यह स्थिति होने पर जो व्यक्ति आपको भोजन कराए वही सच्चा मित्र है क्योंकि ऐसे संकट के समय में वही आपका जीवनदाता है।