द्वितीय विश्वयुद्ध के बारे में जानकारी और तथ्य | amazing fact about the 2 world war in hindi
fact about the 2 world war in hindi
प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध इन दो भयानक लड़ाइयों ने दुनिया को इतना भारी नुकसान पहुंचाया इसकी भरपाई दुनिया आज तक कर रही है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अल्बर्ट आइंस्टाइन ने यह तक कह दिया था “मुझे यह नहीं मालूम कि तीसरा विश्व युद्ध कैसे लड़ा जाएगा लेकिन चौथा विश्वयुद्ध डंडों और पत्थरों से लड़ा जाएगा” आइंस्टाइन का कहने का मतलब यह था कि अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो वह इतना विनाशकारी होगा कि वह हमें फिर से पाषाण युग में पहुंचा देगा इस विश्व युद्ध में करीब 7 करोड़ लोगों ने अपनी जान गवाई थी
द्वितीय विश्व युद्ध तब शुरू हुआ जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला कर दिया वह तारीख थी 1 सितंबर 1939 इस तारीख को ही द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत माना जाता है।
● द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने से पहले जर्मनी पर एक आदमी राज करता था जिसका नाम था एडोल्फ हिटलर। जर्मनी की नाजी पार्टी के साथ मिलकर यह इंसान चाहता था कि जर्मनी पूरे यूरोप पर राज करे। अपने इसी ख्वाब को पूरा करने के लिए हिटलर ने पोलैंड पर हमला बोल दिया जब हिटलर ने रुकने से मना कर दिया तो इसके जवाब में ब्रिटेन और फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया और इसी तरह द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई। और यही वह समय था जब दुनिया के दूसरे देशों ने भी इस लड़ाई में हिस्सा लेना शुरू कर दिया और एक दूसरे देश का साथ देने का वादा कर लिया।
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● इसके बाद दो ग्रुप ऑफ कंट्री तैयार हो गए एक ग्रुप था Allies और दूसरा ग्रुप था Axis
जो प्रमुख Allied शक्तियां थी वह थी ब्रिटेन, फ्रांस, रशिया यूएसए और चाइना और Axis पावर के अंदर जो देश आते थे वह थे जर्मनी, इटली और जापान तो दूसरे विश्व युद्ध कि यह लड़ाई इन्हीं दो ग्रुप के बीच में लड़ी गई थी।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कुछ देशों ने निष्पक्ष रहने का डिसाइड किया इन देशों ने किसी भी देश का साथ ना देने का डिसाइड किया यह देश है स्पेन, स्वीडन, स्वीटजरलैंड।
● द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर ने जर्मनी के लाखों ऐसे लोगों को जेल में डाल दिया और मौत के घाट उतार दिया जिन्हें हिटलर जर्मनी के भविष्य के लिए सही नहीं मानता था। यह लोग रोमानी, यहूदी धर्म को मानने वाले और ऐसे लोग जिनको फिजिकल और मेंटल डिसेबिलिटी थी। हिटलर के अनुसार यह लोग परफेक्ट जर्मनी की इमेज पर फिट नहीं बैठते थे तो हिटलर का मानना था कि परफेक्ट जर्मनी के निर्माण के लिए इन सब लोगों से छुटकारा पाना होगा।
● हिटलर के इस अभियान के दौरान जिन लोगों को सबसे ज्यादा टारगेट किया गया वह थे यहूदी धर्म के लोग। हिटलर यहूदियों से नफरत करता था और वह उन्हें जर्मनी के माथे पर एक कलंक समझता था हिटलर ने जर्मनी की पहली विश्व युद्ध में हार के लिए यहूदियों को इसका कारण समझा और उसने यह ऐलान किया कि यह लोग जर्मनी के लिए खतरनाक हैं इसीलिए वह इस धर्म के लोग को जर्मनी से पूरी तरह मिटाना चाहता था।
● हिटलर ने नाजियों के साथ मिलकर यहूदियों को खत्म करने का प्लान बनाया अपनी शैतानी हरकत को हिटलर ने नाम दिया था “फाइनल सॉल्यूशन” जिसे आज होलोकॉस्ट कहा जाता है। यानी पूर्ण विध्वंस। हिटलर के कहने पर छह मिलियन यहूदियों का कत्लेआम कर दिया गया।
यह सिर्फ द्वितीय विश्व युद्ध की ही नहीं बल्कि पूरे इतिहास की सबसे भयानक घटना साबित हुई।
● 1940 में जब Allied सोल्जर पेरिस में जर्मन फोर्सेस को खदेड़ने के लिए आगे बढ़ रहे थे और जब यह तय हो गया कि पेरिस जर्मन के हाथ से जाने वाला है। तब हिटलर ने मिलिट्री जनरल डीट्रिच को कहा कि पेरिस में जितने भी इंपोर्टेंट लैंड मार्क हैं जैसे कि एफिल टावर इन सभी के आसपास बॉम्ब लगा दिया जाए। हिटलर ने यह आर्डर दिया कि allied सोल्जर अगर शहर के आसपास आते हैं तो सभी बम को ऑटोमेटिक तरीके से सक्रिय कर दिया जाए ओर ब्लास्ट कर दिया जाए ताकि पूरा पेरिस शहर में मलबे में दब जाए। लेकिन जनरल को हिटलर की यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आई और उनको भी एहसास हो चुका था कि हिटलर अब हद से आगे बढ़ चुका है और जनरल ने हिटलर के इस आदेश को नहीं माना और Allied के सामने सरेंडर कर दिया अपने इस कारनामे के लिए जनरल को सेवियर ऑफ पेरिस के नाम से जाना जाता है।
● इस घटना के बाद जब हिटलर ने पेरिस विजिट किया था तब उस दौरान फ्रेंच रजिस्टर्स फाइटर्स ने एफिल टावर की एलिवेटेड केबल्स को काट दिया था ताकि अगर हिटलर और नाजी जर्मनी फ्लैग लगाने के लिए टावर के टॉपर जाना चाहे तो उन्हें पूरी 1600 चढ़कर जाना पड़े।
● जर्मनी के फ्रांस पर कब्जे के दौरान जिन फ्रेंच औरतों के जर्मन सोल्जर्स के साथ रिलेशन थे उन औरतों को बाद में सजा के तौर पर गंजा कर दिया गया ताकि देश के लोग यह देखें कि इन औरतों ने देश के साथ विश्वासघात किया है।
● द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के द्वारा ब्रिटेन पर बम गिराये जा रहे थे तब हिटलर ने यह आदेश दिया कि ब्रिटेन के ब्लैकपूल रिसॉर्ट डाउन पर कोई भी बमबारी ना की जाए। हिटलर ने यह सोच रखा था कि जर्मनी जब ब्रिटेन को जीत लेगा तब वह इसके बाद अपनी छुट्टियां मनाने ब्लैकपूल जाया करेगा।
● हिटलर का भतीजा विलियम पैट्रिक हिटलर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर के खिलाफ ही लड़ा था। विलियम हिटलर एडोल्फ हिटलर के भाई का लड़का था यह इंग्लैंड में पैदा हुए थे और बाद में अमेरिका जाकर यूएस आर्मी को ज्वाइन कर लेते हैं। लंदन में इन्होंने एक मैगजीन आर्टिकल लिखा था जिसका टाइटल था Why I hate my uncle अपने अंकल से इनकी नाराजगी इतनी ज्यादा थी ईन्होंने अपना सरनेम हिटलर से हटाकर हस्टन कर लिया था।
● अमेरिका के प्रेसिडेंट जॉर्ज बुश द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक हैवानियत भरी दुर्घटना से बाल-बाल बच पाए थे। लड़ाई के दौरान जापान के ऊपर बमबारी करते हुए जॉर्ज बुश का एयरक्राफ्ट जापानियों द्वारा गिरा दिया जाता है। इस दुर्घटना में बुश और उनके आठ और साथी अपनी जान बचाने में कामयाब रहते हैं। लेकिन उन आठ सोल्जर को जापानी सोल्जर द्वारा पकड़ लिया जाता है और जॉर्ज बुश को अलाइड सोल्जर द्वारा रेस्क्यू कर लिया जाता है। जॉर्ज बुश के पकड़े गए साथियों को जापानी सोल्जर टॉर्चर करते हैं और उनको उनको बुरी यातनाएं देते हैं, उनको मार दिया जाता है। और फिर जापानी सोल्जर उनका मांस खाते हैं। जापानी सोल्जर द्वारा की गई यह करतूत इतिहास की सबसे घिनौनी करतूत में से एक थी।
● जैसे ही Allied फोर्स नाजी सोल्जर को खदेड़ने के लिए बर्लिन में आगे बढ़ रही थी हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को एक अंडरग्राउंड बंकर में सुसाइड कर लिया। इसके ठीक एक हफ्ते बाद 7 मई 1945 को जर्मनी ने सरेंडर कर दिया और इसके साथ ही यूरोप में सेकंड वर्ल्ड वॉर खत्म हो गया। जब सेकंड वर्ल्ड वॉर खत्म होने की खबरें अनाउंस की गई तब ब्रिटेन में हर जगह स्ट्रीट पार्टी हो रही थी।
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● जर्मनी के सरेंडर करने के बाद 6 साल तक चलने वाला यह महायुद्ध यूरोप में तो खत्म हो गया होगा लेकिन यह युद्ध दूसरे कुछ देशों में जारी था। जैसे अमेरिका और जापान 6 और 9 अगस्त को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर एटॉमिक बॉम्ब गिरा दिया। इन दो परमाणु हमलों ने जापान पर ऐसी तबाही मचाई जो इतिहास ने पहले कभी नहीं देखी थी। और 8 अगस्त को सोवियत यूनियन ने जापान के खिलाफ वोट डिक्लियर कर दिया जापान के पास अब और कोई विकल्प नहीं बचा था और आखिर जापान ने अमेरिका के सामने सरेंडर कर दिया। और यही वह वक्त था जब द्वितीय विश्व युद्ध सभी देशों के लिए खत्म हो चुका था।
● द्वितीय विश्व युद्ध का परिणाम यह निकला कि यूरोप की तो हालत गिर गई लेकिन अमेरिका और रसिया सुपर पावर के रूप में उभर कर सामने आये इसी का नतीजा यह हुआ कि अमेरिका और रसिया के बीच Cold war की स्थिति पैदा हो गई।
एतिहासिक रिकॉर्ड यह बताते हैं कि अगर जापान दूसरे एटॉमिक बॉम्ब के बाद भी सरेंडर नहीं करता और अमेरिका अगर तीसरा परमाणु हमला करना जरूरी समझता तो हिरोशिमा और नागासाकी के बाद जापान के जिस शहर को टारगेट किया जाना था वह थी जापान की राजधानी टोक्यो। जापान के एक शख्स यामागुची ने दोनों एटॉमिक बॉम्ब से Survive किया था। यामागुची एक इंजीनियर थे और नागासाकी के रहने वाले थे 6 अगस्त 1945 को जब हिरोशिमा पर एटॉमिक बॉम्ब गिराया गया उस वक्त यामागुची हिरोशिमा में ही काम कर रहे थे। इस परमाणु हमले में यामागुची को काफी चोटें आई लेकिन उनकी जान बच गई।
● इसके दूसरे दिन 7 अगस्त को यामागुची नागासाकी में अपने घर के लिए रवाना हुए और इसके 2 दिन बाद अमेरिका ने नागासाकी में एटॉमिक बम गिरा दिया। यामागुची ने इस हमले में भी Survive किया यह अकेले ऐसे इंसान थे जो दोनों परमाणु हमलों में अपनी जान बचा पाए यामागुची की मृत्यु 2010 में हुई जब उनकी उम्र 93 साल की थी।
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● जर्मनी और जापान के सरेंडर करने के बाद द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया। इतिहास बताता है कि इस विश्व युद्ध में allied पावर की जीत हुई और axis पावर की हार हुई। माना जाता है कि इस विश्वयुद्ध में 50 से 70 मिलियन के करीब लोग मारे गए थे। जिसमें आधे से ज्यादा सिविलियंस थे। allied पावर की 1 करोड़ 70 लाख सैनिक मारे गए और axis पावर के करीब 80 लाख सैनिक मारे गए रसिया ने अकेले अपने 21 मिलियन नागरिकों को खोया था।
इन आंकड़ों को देखते हुए किसी की हार और जीत का फैसला करना कितना सही है। युद्ध तो हमेशा विनाश का मार्ग लेकर आते हैं इसमें किसी की जीत नहीं होती बल्कि हार ही होती है.. इंसानियत की.. अहिंसा की.. और शांति की..!
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