आचार्य विनोबा भावे के 32 अनमोल विचार और कथन | Acharya Vinoba Bhave Quotes in hindi
आचार्य विनोबा भावे के 32 अनमोल वचन और कथन | Acharya Vinoba Bhave Quotes in hindi
●•● मनुष्य जितना ज्ञान में घुल गया हो, उतना ही कर्म के रंग में रंग जाता है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● प्रेरणा कार्य आरम्भ करने में सहायता करती है और आदत कार्य को जारी रखने में सहायता करती है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● हिन्दुस्तान की एकता के लिये हिन्दी भाषा जितना काम देगी, उससे बहुत अधिक काम देवनागरी लिपि दे सकती है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● जब तक कष्ट सहने की तैयारी नहीं होती तब तक लाभ दिखाई नहीं देता। लाभ की इमारत कष्ट की धूप में ही बनती है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● द्वेष को हम द्वेष से नहीं मिटा सकते। प्रेम की शक्ति ही उसे मिटा सकती है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● ज्ञानी वह है जो वर्तमान को ठीक प्रकार समझे और परिस्थति के अनुसार आचरण करे।
– आचार्य विनबा भावे
●•● खुदा से डरने वाले को और किसी का क्या डर।
– आचार्य विनबा भावे
●•● तगड़े और स्वस्थ व्यक्ति को भीख देना, दान करना अन्याय है। कर्महीन मनुष्य भिक्षा के दान का अधिकारी नहीं हो सकता।
– आचार्य विनबा भावे
●•● ऐसे देश को छोड़ देना चाहिए जहाँ न आदर है, न जीविका, न मित्र, न परिवार और न ही ज्ञान की आशा।
– आचार्य विनबा भावे
●•● जिस राष्ट्र में चरित्रशीलता नहीं है, उसमें कोई योजना काम नहीं कर सकती।
– आचार्य विनबा भावे
●•● बुद्धि का पहला लक्षण है काम आरम्भ न करो और अगर शुरू कर दिया है तो उसे पूरा करके ही छोड़ो।
– आचार्य विनबा भावे
●•● जब हम किसी नयी परियोजना पर विचार करते हैं तो हम बड़े गौर से उसका अध्ययन करते हैं। केवल सतह मात्र का नहीं, बल्कि उसके हर एक पहलू का।
– आचार्य विनबा भावे
●•● निष्काम कर्मयोग तभी सिद्ध होता है जब हमारे बाह्य कर्म के साथ अन्दर से चित्त शुद्धि रुपी कर्म का भी संयोग होता है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● जिसने ज्ञान को आचरण में उतार लिया, उसने ईश्वर को मूर्तिमान कर लिया।
– आचार्य विनबा भावे
●•● संघर्ष और उथल पुथल के बिना जीवन बिल्कुल नीरस बन कर रह जाता है। इसलिए जीवन में आने वाली विषमताओं को सह लेना ही समझदारी है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● केवल अंग्रेज़ी सीखने में जितना श्रम करना पड़ता है उतने श्रम में भारत की सभी भाषाएँ सीखी जा सकती हैं।
– आचार्य विनबा भावे
●•● हम आगे बढ़ते हैं, नए रास्ते बनाते हैं और नयी परियोजनाएं बनाते हैं क्योंकि हम जिज्ञासु हैं और जिज्ञासा हमें नयी राहों की ओर ले जाती है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● अनुशासन, लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच का सेतु है। यकीन मानिए ज्ञान की अपेक्षा अज्ञान ज्यादा आत्मविश्वास पैदा करता है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● नई चीज सिखने कि जिसने आशा छोड़ दे, वह बुढा है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● जो सब की प्रशंसा करता है वह किसी की प्रशंसा नहीं करता।
– आचार्य विनबा भावे
●•● प्रतिभा का अर्थ है बुद्धि में नई कोपलें फूटते रहना। नई कल्पना, नया उत्साह, नई खोज और नई स्फूर्ति प्रतिभा के लक्षण हैं।
– आचार्य विनबा भावे
●•● कलियुग में रहना है या सतयुग में यह तुम स्वयं चुनो, तुम्हारा युग तुम्हारे पास है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● महान विचार ही कार्य रूप में परिणित होकर महान कार्य बनते हैं।
– आचार्य विनबा भावे
●•● बुद्धि का पहला लक्षण है काम आरम्भ न करो और अगर शुरू कर दिया है तो उसे पूरा करके ही छोड़ो।
– आचार्य विनबा भावे
●•● परस्पर आदान-प्रदान के बिना समाज में जीवन का निर्वाह संभव नहीं है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● ऐसा व्यक्ति जो एक घंटे का समय बर्बाद करता है, उसने जीवन के मूल्य को समझा ही नहीं है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● यदि आप किसी चीज का सपना देखने का साहस कर सकते हैं तो उसे प्राप्त भी कर सकते हैं।
– आचार्य विनबा भावे
●•● मौन और एकांत आत्मा के सर्वोत्तम मित्र है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● सिर्फ धन कम रहने से कोई गरीब नहीं होता, यदि कोई व्यक्ति धनवान है और इसकी इच्छाएं ढेरों हैं तो वही सबसे गरीब है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● जिस त्याग से अभिमान उत्पन्न होता है, वह त्याग नहीं, त्याग से शांति मिलनी चाहिए, अंतत: अभिमान का त्याग ही सच्चा त्याग है।
– आचार्य विनबा भावे
●•● औपचारिक शिक्षा आपको जीविकोपार्जन के लिए उपयुक्त अवसर देती है, जबकि अनुभव आपका भाग्य बनाते हैं।
– आचार्य विनबा भावे
●•● किसी भी जगह हो रहा अन्याय हर स्थान पर न्याय के लिए खतरा है।
– आचार्य विनबा भावे
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