दिमाग को स्वस्थ और तेज़ कैसे बनाएं | mind healthy and fast in hindi

दिमाग को स्वस्थ और तेज़ कैसे बनाएं | mind healthy and fast in hindi


अगर दिमाग बोल सकता तो सबसे पहले वह आपसे यह कहता कि मैं क्लीयरली सोचना चाहता हूं, मुझे 20-20-20 फार्मूला दिया करो, यानी स्क्रीन देखने के हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए कहीं 20 फीट दूर देखा करो, इससे आंखों की मसल्स को आराम मिलता है। रिसर्च में देखा गया की आंखों की मसल्स के थकने से दिमाग पर भी स्ट्रेस पड़ता है जब आप हर 20-25 मिनट में आंखों को आराम देते हो, कुछ सेकंड के लिए आंखों को बंद करके गहरी सांस लेते हो या खिड़की के बाहर देखते हो तब दिमाग को रिसेट होने का मौका मिलता है।


रिसर्च में देखा गया कि नई स्किलस सीखने या फिर कुछ याद करने के दौरान अगर आप consciously 10 सेकंड का ब्रेक भी लेते हो तो आपकी सीखने की स्पीड और याद रखने की क्षमता में इजाफा होता है।


अगली बात जो दिमाग कहता है कि मुझे बड़ी पिक्चर दिखाया करो जिससे मैं हर दिन अच्छी बातों को याद रखता हूं बड़ी पिक्चर मतलब जो भी होता है अच्छे के लिए होता है एक असफलता दूसरी सफलता की सीढ़ी बनती है।


पॉजिटिविटी किताब में नई रिसर्च में देखा गया कि अगर आपके दिमाग में बड़ी पिक्चर रहती है और आपके पॉजिटिव और नेगेटिव विचारों का अनुपात तीन अनुपात एक होता है मतलब 75% समय पॉजिटिव विचार रहते हैं तो आपकी जिंदगी बेहतर होने लगती है आप नेगेटिविटी छोड़कर अच्छी बातों को याद रख पाते हो आप नए स्किल से सीखने लगते हैं और पुराने दर्द शिकायत और डर को पीछे छोड़ने लगते हैं। 75% टिप्पिंग प्वाइंट है इसके बाद छोटे-छोटे बदलाव अपने आप अच्छे और बड़े बदलाव लाने लगते हैं।


अगली बात जो दिमाग आपसे कहता है कि “टॉक टू मी” जब आप घटनाओं के बारे में या गलतियों के बारे में सोचते हो खासकर तब मुझसे थर्ड पर्सन के रूप में या नाम लेकर मुझसे बात किया करो इससे मुझे विचारों और फिलिंग्स को प्रोसेस करने में आसानी होती है जैसे गुस्सा करने पर यह कहने की बजाय की “मुझे दुख हो रहा है” कहना चाहिए कि “अभिनव को दुख हो रहा है”।


रिसर्च में देखा गया है कि जब आप खुद से अकेले बात करने की बजाय अपने आप से थर्ड पर्सन के रूप में बात करते हो तब आप अपने मन और खुद में दूरी बना लेते हो इस स्थिति में गुस्से और फ्रस्ट्रेशन को हैंडल करना सरल हो जाता है।


अगली बात दिमाग आपसे कहता है कि लोग जितनी उम्मीद करते हैं उससे कहीं ज्यादा आपका दिमाग सीखने और बदलने की क्षमता रखता है। 5-10 मिनट की रेगुलर प्रैक्टिस भी दिमाग में बदलाव पैदा करती है स्टडी यह साबित करती है कि नए अभ्यास से या बाहरी परिस्थिति के बदलने से दिमाग के नर्व सेल का शेप और सर्किट भी बदल सकता है जैसे आप सुबह जल्दी उठने की आदत डालते हो तो दिमाग की रीवायरिंग से आपके parasympathetic nervous system activate होने का समय बदल जाता है और आपकी नींद और डाइजेशन अपने आप एडजस्ट हो जाते हैं छोटी से छोटी 10 मिनट की मेडिटेशन जैसी प्रैक्टिस भी आपके नर्वस सिस्टम पर असर डालती है जिससे आप परेशान करने वाली स्थितियों में शांत रह सकते हैं।



अगली बात दिमाग आपसे कहता है कि मैं आपके शरीर का सबसे जरूरी ऑर्गन हूं और मुझे अच्छी डाइट चाहिए मुझे ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ-साथ ताजे फल सब्जियों और स्प्राउट्स भी चाहिए एक स्टडी में देखा गया है कि जो लोग 470 ग्राम फल और सब्जियां खा रहे थे उन लोगों ने 10% कम स्ट्रेस महसूस किया उन लोगों से जो लोग हर दिन 230 ग्राम या उससे कम फल या सब्जियां खा रहे थे ताजे फल और सब्जी में जो न्यूट्रीशन और विटामिंस होते हैं वह आपके मूड और मेंटल एनर्जी को बेहतर बनाते हैं।


रिसर्च में देखा गया कि जो लोग कम्युनिटी या सोशल सर्विस में भाग लेते हैं या किसी तरह लोगों से जुड़े रहते हैं उन लोगों  के दिमाग और याददाश्त बेहतर रहते हैं आपका दिमाग आप से कहता है कि मुझे लोगों से मिलना पसंद है यह प्रोग्राम मेरे core limbic system मैं कोडेड है जब जाने पहचाने लोगों से मिलता हूं उनके इमोशन पढ़ता हूं उन से कनेक्ट होता हूं तब रिवॉर्ड सर्किट शुरू हो जाता है मुझे खुशी होती है और मैं तरोताजा महसूस करता हूं इसीलिए हफ्ते में एक बार अपने दोस्तों से मिलते रहा करो।


अगली बात आपका दिमाग कहता है कि मैं पूरे समय सुनने समझने और डिसीजन लेने और आपको जान के खतरे से बचाने के लिए लगातार एक्टिव रहता हूं आपको एहसास नहीं है कि जब तक आप जागते हो मैं तब तक लगातार काम करते रहता हूं जब आप काम खत्म करके टाइम पास करते हो तब भी मैं बराबर काम करता हूं फिर जब आप सोते हो तब मैं रिपेयरिंग करता हूं और मेटाबोलिक वेस्ट हटाता हूं।


हर किसी की नींद की जरूरत अलग होती है लेकिन अगर यह मेंटेनेंस का काम ना किया जाए तब सेल्फ कंट्रोल में गिरावट आ जाती है आप अनचाहे विचारों और गुस्से जैसे इमोशन के प्रति सचेत नहीं रह पाते और सोचने समझने की क्षमता भी धीमी होती है इसीलिए मुझे 6 से 8 घंटे की अच्छी गहरी नींद जरूर दिया करो।


याद रखने योग्य कुछ बातें


1. 20 – 20 – 20 – यानी हर 20 मिनट में 20 सेकंड का ब्रेक जिसमें आप 20 फीट दूर दीवार देख सको यह बहुत जरूरी है क्योंकि आंखों की थकावट के कारण आपके दिमाग में स्ट्रेस बढ़ता है 20 सेकंड के ब्रेक आपके दिमाग में स्ट्रेस नहीं होने देते और आपके सीखने की स्पीड और याद रखने की क्षमता में भी इजाफा होता है।


2. मुझे बड़ी पिक्चर दिखाओ – दिमाग कहता है कि मुझे बड़ी पिक्चर दिखाया करो जिससे मैं हर दिन अच्छी बातों को याद रखता हूं जब आपके दिमाग में 75% समय पॉजिटिव विचार रहते हैं तब आपकी जिंदगी बेहतर होने लगती है आप नेगेटिविटी छोड़कर अच्छी बातों को याद रखते हो आप नई स्किलस सीखने लगते हैं पुराने दर्द डर शिकायतों को पीछे छोड़ने लगते हैं।


3. जब घटनाओं या गलतियों के बारे में सोचते हो तो मुझसे थर्ड पर्सन के रूप में यानी नाम लेकर बात किया करो जब आप ऐसा करते हो तो विचारों और खुद ने दूरी बना लेते हो इस स्थिति में गुस्से डर फ्रस्ट्रेशन को हैंडल करना सरल हो जाता है।


4. सीखने और बदलने की क्षमता मुझ में कहीं ज्यादा है 5 से 10 मिनट की रेगुलर प्रैक्टिस भी दिमाग में बदलाव पैदा कर सकती है।


5. ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ-साथ दिमाग को ताजे फल सब्जियों और स्प्राउट्स भी चाहिए हर दिन करीब चार सौ ग्राम इससे आप तरोताजा और एक्टिव महसूस करेंगे।


6. जो लोग कम्युनिटी या सोशल सर्विस में भाग लेते हैं किसी तरह से लोगों से जुड़े हुए रहते हैं उन लोगों में दिमाग और याददाश्त बेहतर रहती है इसीलिए कम से कम हफ्ते में एक बार दोस्तों से जरूर मिला करो।


7. दिमाग पूरे समय काम करता है इसीलिए इसे अच्छी नींद की जरूरत है अगर यह मेंटेनेंस का काम ना किया जाए तो चीजों को देखने और समझने की क्षमता में भारी गिरावट आ सकती है इसके साथ दिमाग कहता है कि मुझे अच्छी तरह से काम करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत है तो हफ्ते के 5 दिन कम से कम 15 से 20 मिनट एक्सरसाइज किया करो और साथ में मुस्कुराते रहा करो इससे मुझे अच्छा हार्मोन रिलीज करने में आसानी होती है मेडिटेशन जा माइंडफूलनेस जरूर किया करो।


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