जेफ बेज़ोस की इंस्पिरेशनल स्पीच | jeff bezos inspirational speech in hindi

जेफ बेज़ोस की इंस्पिरेशनल स्पीच | jeff bezos inspirational speech in hindi

जब मैं बच्चा था तब गर्मियों की छुट्टी में अपने नाना नानी के घर जाया करता था। वह टेक्सास में एक बड़े से खेत के बीच रहा करते थे। वहां मैंने कई काम सीखे जानवरों को संभालने से लेकर विंड मिल्स ठीक करने तक सब काम किया। मेरे नाना नानी एक कैरावैन क्लब के सदस्य थे और अक्सर दूसरे सदस्यों के साथ यूएस ओर केनेडा घूमा करते थे। मैं भी कई बार उनके इस सफर पर साथ रहा। उन दिनों में अपने नाना नानी की लगभग पूजा किया करता था। और ऐसे सफर का इंतजार था।


मैं करीब 10 साल का था और एक खास सफर पर उनके कार की पिछली सीट पर बैठा था। नाना कार चला रहे थे। ओर नानी लगातार धूम्रपान कर रही थीं और मुझे उस गंध से नफरत थी। उस उम्र में मैं किसी भी गणित के लिए कोई भी बहाना बना सकता था और हिसाब लगाने के लिए साफ इंकार कर सकता था कि इस ट्रिप पर कितना खर्च हो गया या ग्रोसरी पर कितना खर्च हुआ। उन दिनों में मैं स्मोकिंग से जुड़ा एक विज्ञापन सुना करता था जो कहता था कि सिगरेट का हर पफ आपकी जिंदगी के कुछ मिनट कम कर देता है… कुछ याद है कि शायद वह 2 मिनट का जिक्र करता था।



इस विज्ञापन के आधार पर मैंने अपनी नानी की जिंदगी का गणित जानना तय किया मैंने उनके द्वारा रोज पी जाने वाली सिगरेट का आंकड़ा हासिल किया। एक सिगरेट से वह कितने पफ़ लेती है इसका अंदाजा लगाया। वगेराह वगेराह… जब मैं संतुष्ट हो गया कि मैंने तमाम अंदाजे से एक ठीक-ठाक आंकड़ा हासिल कर लिया है। तो मैंने अपना सिर कार की अगली सीटों के बीच से आगे किया और नानी के कंधे पर थपकी दी।

गर्व के साथ दावा किया 2 मिनट हर वक्त के हिसाब से आपने अपनी जिंदगी के 9 साल कम कर लिए हैं। मुझे अच्छे से याद है कि आगे क्या हुआ था और यह वह नहीं था जिसकी मुझे उम्मीद थी। मुझे उम्मीद थी कि मेरी समझ और गणित की वजह से मुझे बहुत तारीफ मिलेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। मेरी नानी की आंख में आंसू थे मैं पीछे खिसक गया और समझ नहीं पाया कि क्या करूं नाना थोड़ी देर तो चुपचाप ड्राइव करते रहे और फिर उन्होंने हाईवे के किनारे पर कार रोक दी वह कार से उतरे और मेरा दरवाजा खोल कर मेरे बाहर आने का इंतजार करने लगे।


मेरे नाना बेहद समझदार और शांत व्यक्ति थे उन्होंने कभी मुझसे कड़े शब्दों में बात नहीं की थी शायद यह पहली बार होने वाला था हो सकता था कि मुझसे कहा जाए कि मैं अपनी नानी के पास जाकर माफी माँगूं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ मेरे नाना मुझे कार के पीछे की ओर लेकर गए और बेहद शांति से मुझसे कहा जब एक दिन तुम समझ जाओगे होशियारी से कहीं ज्यादा मुश्किल है विनम्रता.. उस दिन मैंने समझा तोहफा और विकल्पों में फर्क होता है। समझदार बुद्धिमान या होशियार होना एक तोहफा है लेकिन विनम्रता एक विकल्प है। तोहफे आसान होते हैं क्योंकि आखिरकार यह दिए जाते हैं विकल्प मुश्किल हो सकते हैं आप अगर सावधान नहीं है तो इन तोहफों से ललचा सकते हैं। यह आपको ही तय करना है कि आप दूसरों की भावनाओं की कीमत पर समझदार बनना चाहेंगे या विनम्र बने रहना पसंद करेंगे।