महाराणा प्रताप के अनमोल विचार | Maharana Pratap quotes in hindi

महाराणा प्रताप जयंती कोट्स, स्टेटस, अनमोल विचार, शायरी इन हिंदी | Maharana Pratap Quotes In Hindi


महाराणा प्रताप जयंती कोट्स, स्टेटस, अनमोल विचार, शायरी इन हिंदी | Maharana Pratap Quotes In Hindi

महाराणा प्रताप जयंती कोट्स, स्टेटस, अनमोल कथन इन हिंदी | Maharana Pratap Quotes In Hindi


●•● अपने कतर्व्य,और पुरे सृष्टि के कल्याण के लिए प्रयत्नरत मनुष्य को युग युगांतर तक स्मरण रखा जाता है।


– महाराणा प्रताप


●•● ये संसार कर्मवीरो की ही सुनता है। अतः अपने कर्म के मार्ग पर अडिग और प्रशस्त रहो।


– महाराणा प्रताप



●•● जो सुख मे अतिप्रसन्न और विपत्ति मे डर के झुक जाते है, उन्हे ना सफलता मिलती है और न ही इतिहास मे जगह।


– महाराणा प्रताप



●•● शत्रु सफल और शौर्यवान व्यकति के ही होते है।


– महाराणा प्रताप



●•● मनुष्य का गौरव और आत्मसम्मान उसकी सबसे बङी कमाई होती है।अतः सदा इनकी रक्षा करनी चाहिए।


– महाराणा प्रताप



●•● अपने और अपने परिवार के अलावा जो अपने राष्ट्र के बारे मे सोचे वही सच्चा नागरिक होता है।


– महाराणा प्रताप



●•● नित्य, अपने लक्ष्य,परिश्रम,और आत्मशक्ति को याद करने पर सफलता का मार्ग सरल हो जाता है।


– महाराणा प्रताप



●•● अगर इरादा नेक और मजबूत है। तो मनुष्य कि पराजय नही विजय होती है।


– महाराणा प्रताप



●•● एक शासक का पहला कर्त्यव अपने राज्य का गौरव और सम्मान बचाने का होता है।


– महाराणा प्रताप



●•● अन्याय, अधर्म,आदि का विनाश करना पुरे मानव जाति का कतर्व्य है।    


– महाराणा प्रताप



●•● सम्मानहीन मनुष्य एक मृत व्यक्ति के समान होता है।


– महाराणा प्रताप



●•● अपने अच्छे समय मे अपने कर्म से इतने विश्वास पात्र बना लो कि बुरा वक्त आने पर वो उसे भी अच्छा बना दे।


– महाराणा प्रताप



●•● कष्ट,विपत्ती और संकट ये जीवन को मजबूत और अनुभवी बनाते है। इनसे डरना नही बल्कि प्रसन्नता पूर्वक इनसे जुझना चाहिए।


– महाराणा प्रताप



●•● समय इतना बलवान होता है, कि एक राजा को भी घास की रोटी खिला सकता है।


– महाराणा प्रताप



●•● गौरव,मान- मर्यादा और आत्मसम्मान से बढ कर कीमती जीवन भी नही समझना चाहिए।


– महाराणा प्रताप



●•● अपनी कीमती जीवन को सुख और आराम कि जिन्दगी बनाकर कर नष्ट करने से बढिया है कि अपने राष्ट्र कि सेवा करो।


– महाराणा प्रताप



●•● अगर सर्प से प्रेम रखोगे तो भी वो अपने स्वभाव के अनुसार डसेगाँ ही।


– महाराणा प्रताप



●•● मातृभूमि और अपने माँ मे तुलना करना और अन्तर समझना निर्बल और मुर्खो का काम है।


– महाराणा प्रताप



●•● अपनो से बङो के आगे झुक कर समस्त संसार को झुकाया जा सकता है।


– महाराणा प्रताप



●•● हल्दीघाटी के युध्द ने मेरा सर्वस्व छीन लिया हो। पर मेरी गौरव और शान और बढा दिया।


– महाराणा प्रताप


➡ रानी लक्ष्मी बाई के नारे ओर विचार


●•● सत्य,परिश्रम,और संतोष सुखमय जीवन के साधन है। परन्तु अन्याय के प्रतिकार के लिए हिंसा भी आवश्यक है।


– महाराणा प्रताप



●•● मनुष्य अपने कठीन परिश्रम और कष्टो से ही अपने नाम को अमर कर सकता है।


– महाराणा प्रताप



●•● तब तक परिश्रम करते रहो जब तक तुम्हे तुम्हारी मंजिल न मिल जाये।


– महाराणा प्रताप



●•● जो अत्यंत विकट परिस्तिथत मे भी झुक कर हार नही मानते। वो हार कर भी जीते होते है।


– महाराणा प्रताप



●•● समय एक ताकतवर और साहसी को ही अपनी विरासत देता है, अतः अपने रस्ते पर अडिग रहो।


– महाराणा प्रताप



महाराणा प्रताप जयंती स्टेटस, शायरी


सूरज का तेज भी फीका पड़ता था,

जब राणा तू अपना मस्तक ऊँचा करता था,

थी राणा तुझमें कोई बात निराली

इसलिए अकबर भी तुझसे डरता था..!!


जो दृढ़ राखे धर्म को तिही राखे करतार

जो इण धर्म रो पालन करे वो हे मेवाड़ी सरदार.!!


चढ़ चेतक पर तलवार उठा

रखता था भूतल पानी को..

राणा प्रताप सिर काट काट

करता था सफल जवानी को.!!


इकबाल था बुलंद, उसे धूल कर दिया,

मद जिसका था प्रचंड, सारा दूर कर दिया,

राणा प्रताप इकलौते, थे ऐसे वीर जिसने

अकबर का सारा घमंड, चूर चूर कर दिया.!!



महाराणा प्रताप जयंती स्टेटस



रण बीच चौकड़ी भर-भर कर

चेतक बन गया निराला रे

महाराणा प्रताप के घोड़े से

पड़ गया हवा का पाला रे.!!


हे प्रताप मुझे तु शक्ति दे, दुश्मन को मै भी हराऊंगा।

मै हु तेरा एक अनुयायी, दुश्मन को मार भगाऊंगा॥


हे राणा थारी हुंकार सू

अकबर कांपो जाय

अंबरा में जयां बिजली चमके

ऐठे थारी तलवार चमकी जाए.!!


➡ क्रांतिकारी भगत सिंह के अनमोल विचार


हसीन तो बहुत होते हैं पर

सभी रानी पद्मिनी जैसे नहीं होते..

पूत तो सभी होते हैं पर

महाराणा प्रताप जैसे सपूत नहीं होते..!


आज का योद्धा तो जुबानी जंग में भी हार जाते हैं

योद्धा तो वो था.!

जिसके चेतक और भाले की मिशाले आज तक दी जाती हैं.!!


फीका पड़ता था तेज़ सुरज का, जब माथा ऊंचा तु करता था।

फीकी हुई बिजली की चमक, जब-जब प्रताप आंखे खोला करता था॥


झुके नही वह मुगलोँ से, अनुबंधों को ठुकरा डाला

मातृ भूमि की भक्ति का, नया प्रतिमान बना डाला.!!


प्रताप का सिर कभी झुका नहीं

इस बात से अकबर भी शर्मिंदा था

मुगल कभी चैन से सो ना सके

जब तक मेवाड़ी राणा जिंदा था.!!


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