बालगंगाधर तिलक के अनमोल विचार | Bal Gangadhar Tilak quotes in hindi

बालगंगाधर तिलक के अनमोल राजनीतिक विचार, नारे | Bal Gangadhar Tilak quotes in hindi


बालगंगाधर तिलक के अनमोल राजनीतिक विचार, नारे | Bal Gangadhar Tilak quotes in hindi


बालगंगाधर तिलक के अनमोल विचार | Bal Gangadhar Tilak quotes in hindi


●•● मनुष्य का प्रमुख लक्ष्य भोजन प्राप्त करना ही नहीं है, एक कौवा भी जीवित रहता है और जूठन पर पलता है। 


– बाल गंगाधर तिलक


●•● अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये, हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● एक बहुत प्राचीन सिद्धांत है की ईश्वर उनकी ही सहायता करता है, जो अपनी सहायता आप करते हैं. आलसी व्यक्तियों के लिए  ईश्वर अवतार  नहीं लेता. वह उद्योगशील व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होता है. इसलिए कार्य करना शुरु कीजिये।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● भारत की गरीबी पूरी तरह से वर्तमान शासन की वजह से है।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● जब लोहा गरम हो तभी उस पर चोट कीजिये और आपको निश्चय ही सफलता का यश प्राप्त होगा।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● आलसी व्यक्तियों के लिए भगवान अवतार नहीं लेते, वह मेहनती व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होते हैं, इसलिए कार्य करना आरम्भ करें।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● मानव प्रकृति ही ऐसी है की हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते! उत्सव प्रिय होना मानव स्वाभाव है ! हमारे त्यौहार होने ही चाहियें।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● ये सच है कि बारिश की कमी के कारण अकाल पड़ता है लेकिन ये भी सच है कि भारत के लोगों में इस बुराई से लड़ने की शक्ति नहीं है।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं हैं। सन्यास लेना जीवन का परित्याग करना नहीं है। असली भावना सिर्फ अपने लिए काम करने की बजाये देश को अपना परिवार बना मिलजुल कर काम करना है।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● प्रगति स्वतंत्रता में निहित है। बिना स्वशासन के न औद्योगिक विकास संभव है, न ही राष्ट्र के लिए शैक्षिक योजनाओं की कोई उपयोगिता है… देश की स्वतंत्रता के लिए प्रयत्न करना सामाजिक सुधारों से अधिक महत्वपूर्ण है।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● महान उपलब्धियाँ कभी भी आसानी से नहीं मिलती और आसानी से मिली उपलब्धियाँ महान नहीं होतीं।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● मानव स्वभाव ही ऐसा है कि हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते, उत्सव प्रिय होना मानव स्वभाव है। हमारे त्यौहार होने ही चाहिए।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● यह सत्य है कि बारिश की कमी के कारण अकाल पड़ता है, लेकिन यह भी सत्य है कि हमारे लोगों में इस बुराई से लड़ने की शक्ति नहीं है।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● भूविज्ञानी पृथ्वी का इतिहास वहां से उठाते हैं जहाँ से पुरातत्वविद् इसे छोड़ देते हैं, और उसे और भी पुरातनता में ले जाते हैं।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● आप केवल कर्म करते जाइए, उसके परिणामों पर ध्यान मत दीजिये।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● आपके लक्ष्य की पूर्ती स्वर्ग से आये किसी जादू से नहीं हो सकेगी… आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना है.. कार्य करने और कठोर श्रम करने के दिन यही हैं।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● आपका लक्ष्य किसी जादू से नहीं पूरा होगा, बल्कि आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना पड़ेगा।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● आप मुश्किल समय में खतरों और असफलताओं के डर से बचने का प्रयास मत कीजिये। वे तो निश्चित रूप से आपके मार्ग में आयेंगे ही।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● गर्म हवा के झोंकों में जाए बिना, कष्ट उठाये बिना, पैरों मे छाले पड़े बिना स्वतन्त्रता नहीं मिल सकती। बिना कष्ट के कुछ नहीं मिलता।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● क्या पता ये भगवान की मर्जी हो की मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ, उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे दुखी होने से अधिक लाभ मिले।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● भारत का तब तक खून बहाया जा रहा है, जब तक यहाँ सिर्फ कंकाल शेष ना रह जाएं।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● हो सकता है ये भगवान की मर्जी हो कि मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे पीड़ा में होने से अधिक लाभ मिले।


– बाल गंगाधर तिलक


➡ रानी लक्ष्मी बाई के नारे ओर विचार


●•● प्रातः काल में उदय होने के लिए ही सूरज संध्या काल के अंधकार में डूब जाता है और अंधकार में जाए बिना प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● कर्त्तव्य पथ पर गुलाब-जल नहीं छिड़का होता है और ना ही उसमे गुलाब उगते हैं।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● कमजोर ना बनें, शक्तिशाली बनें और यह विश्वास रखें की भगवान हमेशा आपके साथ है।


– बाल गंगाधर तिलक


●•● यदि भगवान छुआछूत को मानते हैं, तो मैं उन्हें भगवान नहीं कहूँगा।


– बाल गंगाधर तिलक


 ●•● यदि हम किसी भी देश के इतिहास को अतीत में जाएं, तो हम अंत में मिथकों और परम्पराओं के काल में पहुंच जाते हैं जो आखिरकार अभेद्य अन्धकार में खो जाता है।


– बाल गंगाधर तिलक


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