समय का सदुपयोग हिंदी कहानी | Right use of time hindi moral story

समय का सदुपयोग हिंदी कहानी | Right use of time hindi moral story


समय का सदुपयोग हिंदी कहानी | Right use of time hindi moral story

समय का सदुपयोग हिंदी कहानी | Right use of time hindi moral story


सोनू और वाणी के एनुअल एग्जाम्स आने वाले थे


“अरे तुम अब तक पढ़ रही हो चलो वाणी खाना खाते हैं”


“बस थोड़ा सा प्रोजेक्ट और बचा है नहीं किया तो टीचर डांटेंगी, और अगले हफ्ते से एग्जाम्स भी तो शुरू हो रहे हैं”


वाणी बहुत ही मेहनती और समय का सदुपयोग करने वाली बच्ची थी जबकि उसका भाई सोनू बहुत ही लापरवाह और शैतान था हर काम को कल पर टालता था।


“तुम्हारा प्रोजेक्ट हो गया सोनू?”


“अभी से प्रोजेक्ट वह तो सिक्स्थ पीरियड में देना है.. अभी भी 2 पीरियड बचे हैं मैं झट से कर लूंगा, अब जल्दी आओ भूख लगी है और खेलना भी है”


“अरे.. रुको… सुनो नहीं करोगे तो मैडम डांटेंगी”- वाणी ने सोनू से कहा


सोनू और वाणी के मम्मी पापा सोनू को हमेशा वाणी का उदाहरण देकर समझाते थे।


“देखो सोनू बेटा अब तुम बड़े हो गए हो खेल के साथ-साथ तुम्हें अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान देना चाहिए” – सोनू की मां ने कहा


“हां मम्मी कल से पक्का”


“सोनू समय का सदुपयोग करना अपनी बहन से सीखो, वह समय से खेलती है, समय से पढ़ती है, आज का काम कल पर कभी नहीं टालती” – सोनू के पापा ने कहा


“आप देखना कल से मैं भी पक्का ऐसा ही करूंगा अभी जाऊं खेलने प्लीज”


सोनू की लापरवाही दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी और आखिरकार एग्जाम्स के दिन भी नजदीक आ ही गए सोनू और वाणी की परीक्षा में अब केवल दो ही दिन बाकी थे।


“बच्चों अगले सोमवार से तो तुम दोनों की परीक्षाएं शुरू हो रही है ना, खूब मन लगाकर पढ़ो और अच्छे से परीक्षा दो सोनू मुझे तुम्हारी बहुत चिंता हो रही है बेटा तुम हमेशा आज का काम कल पर टाल देते हो, पढ़ाई कल पर नहीं टालना वाणी की तरह सभी पाठ समय से पढ़ लेना ठीक है” – सोनू के पापा ने कहा


“अरे पाप परीक्षा में अभी पूरे 2 दिन बाकी है मैं झट से पढ़ लूंगा सब कुछ, अभी तो मैं खेलने जा रहा हूं, जब तक खेलूंगा नहीं तब तक पढ़ाई भी समझ नहीं आएगी…. अरे वाणी देखो ना कितना सुहाना मौसम हो रहा है आओ ना थोड़ी देर खेल लेते हैं पढ़ाई तो बाद में भी कर सकते हैं झट से सब हो जाएगा”- सोनू ने कहा


“हां मौसम तो सुहाना है, लेकिन मुझे मेरा पाठ पूरा करना है कल परीक्षा है” – वाणी ने कहा


“अरे इस मौसम में तो खेलने का मजा ही कुछ और है, तुम पढ़ती रहो मैं तो चला खेलने”


कुछ देर बाद वाणी ने देखा सुहाना मौसम धीरे-धीरे आंधी तूफान का रूप ले रहा है और काले बादल उमड़ रहे हैं मानो बारिश कभी भी हो सकती है बारिश का मौसम देख वाणी को चिंता होने लगी कि अगर बारिश आ गई तो उसका पाठ कैसे पूरा होगा क्योंकि बारिश होने पर कई बार घर की बिजली कट जाती है.. तभी उसने अपने घर की खिड़की से सोनू को आवाज दी।


“सोनू… सोनू… सुनो.. मौसम देखकर लगता है बारिश होने वाली है शायद रात को बिजली भी कट जाए खेलना छोड़ो और आकर अपना पाठ पूरा कर लो वरना कल परीक्षा में क्या लिखोगे”


“चिंता मत करो वाणी अभी तो दुपहरी हो रही है रात को बैठकर में फटाफट सब खत्म कर लूंगा… बिजली नहीं जाएगी बल्कि बारिश के बाद पढ़ने में और मजा आएगा.. अच्छा मैं जाता हूं मेरी खेलने की बारी आ गई”


सोनू शाम तक खेलता ही रहा उसकी चिंता तो तब बड़ी जब अचानक बारिश होने लगी सोनू बुरी तरह घबरा गया और घर लौटा जहां आकर उसने देखा घर पर ही नहीं पूरे गांव में ही बिजली नहीं है यह देखकर सोनू जोर जोर से रोने लगा।



“कल परीक्षा में मेरा क्या होगा, मैंने तो एक पाठ भी नहीं पढ़ा और अब तो बिजली भी नहीं है, मैं तो फेल हो जाऊंगा”


“मैंने कहा था ना अपना पाठ समय से पढ़ लो” – वाणी ने कहा


“मैंने तुम्हें एक हफ्ता पहले ही कह दिया था समय पर पढ़ाई कर लेना लेकिन तुम्हें कभी कुछ समझ नहीं आता अब भोगो” – सोनू के पापा ने कहा


“सॉरी पापा अब मैं क्या करूं काश मैंने सही समय पर पाठ पढ़ लिए होते हैं”


अब सोनू को समझ आ गया था कि उसकी लापरवाही के कारण पढ़ने का समय बचा ही नहीं और वह फिर रोने लगा।


“रोने से कुछ नहीं होगा अब समझ आया कि सब तुम्हें क्यों समझाते थे अब रोने से कुछ नहीं होगा मैंने अपनी पढ़ाई समय पर ही पूरी कर ली थी मैं तुम्हें सारा पाठ समझा दूंगी और याद भी करवा दूंगी चलो” – वाणी ने कहा


अगले दिन दोनों बच्चे खुशी-खुशी परीक्षा देने गए


कहानी से मिली सीख


जो समय का करें सम्मान व भविष्य में वह कहलाए महान,

हमें हमेशा अपना काम समय पर कर लेना चाहिए, काम टालने से बाद में हमारे पास उस काम को करने का समय नही रहता और हम दुखी रहते है, बाद में पछताने से अच्छा है अपना काम समय पर कर लिया जाए।