– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• किसी की निंदा ना करें, अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं तो ज़रुर बढाएं अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• धन्य हैं वो लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं.
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• कुछ सच्चे, इमानदार और उर्जावान पुरुष और महिलाएं, जितना कोई भीड़ एक सदी में कर सकती है उससे अधिक एक वर्ष में कर सकते हैं।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• यह भगवान से प्रेम का बंधन वास्तव में ऐसा है जो आत्मा को बांधता नहीं है बल्कि प्रभावी ढंग से उसके सारे बंधन तोड़ देता है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• आकांक्षा, अज्ञानता, और असमानता यह बंधन की त्रिमूर्तियां हैं।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं।
• मनुष्य की सेवा करो, भगवान की सेवा करो।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।
• कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो. जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
• शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से जो कुछ भी कमजोर बनता है – उसे ज़हर की तरह त्याग दो।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• हम जो बोते हैं वो काटते हैं हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता हैं हवा बह रही है, वो जहाज जिनके पाल खुले हैं, इससे टकराते हैं, और अपनी दिशा में आगे बढ़ते हैं, पर जिनके पाल बंधे हैं हवा को नहीं पकड़ पाते क्या यह हवा की गलती है? हम खुद अपना भाग्य बनाते हैं।
• शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है, प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• बस वही जीते हैं,जो दूसरों के लिए जीते हैं।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता, पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना. स्वयं पर विश्वास करो।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• प्रेम विस्तार है, स्वार्थ संकुचन है इसलिए प्रेम जीवन का सिद्धांत है वह जो प्रेम करता है जीता है, वह जो स्वार्थी है मर रहा है इसलिए प्रेम के लिए प्रेम करो, क्योंकि जीने का यही एक मात्र सिद्धांत है, वैसे ही जैसे कि तुम जीने के लिए सांस लेते हो।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
किसी चीज से डरो मत तुम अद्भुत काम करोगे यह निर्भयता ही है जो क्षण भर में परम आनंद लाती है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• स्वतंत्र होने का साहस करो जहाँ तक तुम्हारे विचार जाते हैं वहां तक जाने का साहस करो, और उन्हें अपने जीवन में उतारने का साहस करो।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• तुम्हे अन्दर से बाहर की तरफ विकसित होना है. कोई तुम्हे पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हे आध्यात्मिक नहीं बना सकता तुम्हारी आत्मा के आलावा कोई और गुरु नहीं है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• भला हम भगवान को खोजने कहाँ जा सकते हैं अगर उसे अपने ह्रदय और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• वेदान्त कोई पाप नहीं जानता, वो केवल त्रुटी जानता है. और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, एक तुच्छ प्राणी हो, और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है और तुम ये-वो नहीं कर सकते।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• जिस क्षण मैंने यह जान लिया कि भगवान हर एक मानव शरीर रुपी मंदिर में विराजमान हैं, जिस क्षण मैं हर व्यक्ति के सामने श्रद्धा से खड़ा हो गया और उसके भीतर भगवान को देखने लगा ,उसी क्षण मैं बन्धनों से मुक्त हूँ, हर वो चीज जो बांधती है नष्ट हो गयी, और मैं स्वतंत्र हूँ।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
एक विचार लो उस विचार को अपना जीवन बना लो उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो यही सफल होने का तरीका है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• हमारा कर्तव्य है कि हम हर किसी को उसका उच्चतम आदर्श जीवन जीने के संघर्ष में प्रोत्साहन करें, और साथ ही साथ उस आदर्श को सत्य के जितना निकट हो सके लाने का प्रयास करें।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• भगवान् की एक परम प्रिय के रूप में पूजा की जानी चाहिए, इस या अगले जीवन की सभी चीजों से बढ़कर।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• विश्व एक व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं शब्द गौण हैं विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
• उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता।
– स्वामी विवेकानंद swami vivekananda
हम मानवता को वहाँ ले जाना चाहते हैं, जहाँ ना वेद है, ना कुरान, ओर ना ही बाइबिल।