3 meditation से बढ़ाएं एकाग्रता – 3 meditation techniques to improve Concentration hindi

एकाग्रता बढ़ाने के लिए meditation


3 meditation से बढ़ाएं एकाग्रता - 3 meditation techniques to improve Concentration hindi


एक स्टडी में 30 लोगों का ग्रुप चुना गया जो मेडिटेशन सीखना चाहते थे इन सभी लोगों को 5 हफ्ते के लिए Sambhala mountain center भेजा गया इस सेंटर में पार्टिसिपेंट्स ने हर दिन कम से कम 5:30 घंटे ध्यान किया इस दौरान ग्रुप के कंसंट्रेशन और दूसरी टेस्ट होते रहे 5 हफ्ते कोर्स कंप्लीट करने के दौरान पाया गया कि इन लोगों की टेस्ट सॉल्व करने की स्पीड नहीं बदली लेकिन नोट करने वाली बात यह थी कि इस ग्रुप की एक्यूरेसी बढ़ चुकी थी।


रिसर्चर कहते हैं कि टेस्ट जानबूझकर बोरिंग बनाए गए थे लेकिन इस ग्रुप का अटेंशन लेवल बढ़ गया था जिस कारण यह लोग बोरिंग टेस्ट में भी हाई कंसंट्रेशन लेवल बना सके मेडिटेशन ना केवल आपका ध्यान गहन करता है बल्कि लंबे समय तक बनाए रखने के लिए भी सामर्थ्य बढ़ाता है वैसे तो आप किसी भी प्रकार का ध्यान या मेडिटेशन प्रैक्टिस चुन लीजिए सब कंसंट्रेशन बढ़ाने में आपकी सहायता करेंगे क्योंकि मेडिटेशन के समय pre – frontal और parietal cortex की कसरत होती है और दिमाग के यही दो हिस्से कंसंट्रेशन के लिए भी जिम्मेदार है।


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लेकिन आपको इस ग्रुप की तरह 5:30 घंटे ध्यान करने की भी जरूरत नहीं है यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना की रिसर्च में पाया गया कि जिन स्टूडेंट ने लगातार चार दिन 20 मिनट ध्यान किया था उन स्टूडेंट ने कंसंट्रेशन टेस्ट में बेहतर परफॉर्म किया कंसंट्रेशन बढ़ाने के लिए सबसे पहली ध्यान की प्रक्रिया है: मंत्र


मंत्र


योग में कंसंट्रेशन को धारणा कहते हैं। हर सभ्यता में कुछ शब्द और आवाज ऐसी है जिनको बोलने और सुनने से आपके अंदर शांति व स्थिरता आती है जैसे किसी पतले ब्रिज की रेलिंग आपको नीचे गिरने से रोकती है वैसे ही मंत्र आपका ध्यान भटकने से रोकते हैं योग में 3000 साल पुराने संस्कृत मंत्रों का उपयोग होता है जैसे “ओम” को इसके वाइब्रेशन या स्पंदन की वजह से बीज मंत्र भी कहा जाता है पतंजलि के अनुसार “ओम” इतना प्रबल मंत्र है कि केवल इसके उपयोग से योगी अपने मन को पार कर सकता है।


दूसरा है सोहम जिसका शाब्दिक अर्थ है I am that या मैं वह अल्टीमेट रियलिटी हूं, ब्रह्मांड में व्याप्त चेतना हूं।


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इसके अलावा आप दूसरे मंत्र भी अपने हिसाब से चुन सकते हैं आप जो भी चुने उसे पूरे इंटेंशन से प्रयोग करें यह मानते हुए कि यह पूरी तरह सत्य है और इनके बोलने से इसका सर आपके पूरे शरीर पर हो रहा है। मंत्र इतना छोटा हो जो आप सांस से जोड़ सकें या आती और जाती सांस के लिए दो हिस्सों में तोड़ सकें जैसे I am here and now को सांस लेते समय I am here और सांस छोड़ते समय I am now इस तरह से मन मे बोल सकें। आपको एक मंत्र चुनकर उसे कई बार दोहराना है अभ्यास के बाद आपको मंत्र मुंह से बोलने की भी जरूरत नहीं है आप आंख बंद करके पहले कान में फिर पूरे शरीर में वाइब्रेशन या स्पंदन महसूस कर सकते हैं इसलिए जब भी मंत्र आप मुंह से बोले उसकी आवाज और वाइब्रेशन पर ध्यान दें आप काउंट करने के लिए माल या उंगलियों का उपयोग भी कर सकते हैं।


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दूसरी ध्यान की प्रक्रिया बुद्धिस्ट मेडिटेशन टेक्निक्स है जिसे “शमथ” कहा जाता है


शमथ


शमथ को इस कल्चर में ध्यान बढ़ाने का सबसे सरल और सबसे इफेक्टिव तरीका माना गया है आपको किसी ऐसे ऑब्जेक्ट पर ध्यान लगाना है जो बहुत रिलैक्सिंग हो जैसे पानी और झरने की आवाज या अपनी सांस को नाक से बाहर निकालते या ऊपर के होंठ को छूते हुए महसूस करना ध्यान लगाते वक्त अपने विचारों को आने और जाने दीजिए बड़े आराम से अपने ध्यान को चुनी हुई वस्तु पर लाते रहिए।


शमथ पाली और संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ होता है प्रशांति या गहन शांति जहां शांत मन में बुद्धि और प्रज्ञा प्रकट होती है शमथ में object आपके स्वभाव के हिसाब से चुना जाना चाहिए जैसे अभी आपका स्वभाव स्थिर है तो आपको छोटी वस्तु जैसे अंगूठी, फूल, या पत्ति चुनना चाहिए और अगर आप अभी आलस महसूस कर रहे हैं तो आपको सांसे या बहते हुए पानी पर ध्यान लगाना चाहिए और अगर गुस्सा है तो कोई फूल, कप, या म्यूजिक पर ध्यान लगाएं आप 20 से 35 मिनट हर दिन अभ्यास कर सकते हैं आप चुने हुए ऑब्जेक्ट का प्रयोग एक हफ्ते से लेकर 1 महीने तक कर सकते हैं इसलिए आप इस ऑब्जेक्ट को संभाल कर रखिए।


तीसरी ध्यान की तकनीक है मुद्रा


मुद्रा का शाब्दिक अर्थ होता है seal या मुहर इसमें आप हाथ या उंगलियों की ज्योमेट्री बदलकर अपने अंदर एनर्जी फ्लो बदल सकते हैं योगी कहते हैं कि मुद्रा और सांस के प्रयोग से अपनी पूरी ऊर्जा को शरीर के एक निश्चित हिस्से पर केंद्रित किया जा सकता है ऐसी ही एक मुद्रा है Hakini mudra 


Hakini mudra को ब्रेन पावर मुद्रा भी कहते हैं यह आपके आज्ञा चक्र में शक्ति स्थापित करती है इस प्रभावशाली मुद्रा का समझदारी से प्रयोग होना चाहिए इसके प्रयोग से कंसंट्रेशन और सोचने की शक्ति के साथ साथ क्रिएटिव पावर भी बढ़ जाती है जो लोग काम के बाद मानसिक थकान महसूस करते हैं, जिनका ध्यान बार बार टूटता है या बातें भूलते हैं उन्हें इस मुद्रा का बहुत लाभ होगा इसका प्रयोग बहुत ही प्रभावशाली है अगर आप पहले से ही ध्यान नहीं करते हैं तो इसका प्रयोग अकेले ना करें।


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सबसे पहले posture की बात करते हैं आराम से कुर्सी पर बैठे अगर पद्मासन, वज्रासन, सुखासन में बैठ सकें तो बहुत अच्छी बात है आंखें खुली भी रख सकते हैं बंद रखें तो बेहतर है सबसे पहले अपनी सांस पर ध्यान दें 5 बार अंदर ले और 5 बार बाहर छोड़ें अब रिलैक्स होने के बाद अपना ध्यान सांस से हटाकर अपना ध्यान हाथ पर ले आएं हाथ को थाई या घुटनों के ऊपर रखें हथेलियों को छत की तरफ खुला रखें अब धीरे से दोनों हथेलियां उठाकर एक दूसरे के पास ले आएं और दोनों हाथों की फिंगर्टिप्स को एक दूसरे के साथ जोड़ें।


cycle


अपनी आंखों का ध्यान आज्ञा चक्र पर ले जाइए जैसे शांभवी महामुद्रा में करते हैं।

सांस लेते समय अपनी जीभ ऊपर के तालू पर रखें और सांस छोड़ते समय अपनी जीभ को रिलैक्स करें।

यह एक साईकिल है इसे आप कई बार कर सकते हैं।

सावधानी रखें ध्यान प्रक्रिया खत्म होने के बाद जल्दी बाजी ना करें हाथ नीचे रखने के बाद 5 बार सांस लें और पांच बार छोड़ें और धीरे से आंख खोलें।


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आप एक बार में 30 मिनट तक अभ्यास कर सकते हैं या 1 दिन में 12 मिनट के 3 सेशन कर सकते हैं सबसे अच्छा समय और अवस्था है सूर्य उदय और खाली पेट जब आप Hakini mudra करते हैं तो ऊपर की जीभ तालू और सर के बीचो बीच वाइब्रेशन महसूस होता है जो विभिन्न ने तरह के Brain centers को एक्टिवेट करता है इसलिए इस मुद्रा को कभी भी भरे पेट, जल्दबाजी में, जोर-जोर से सांस छोड़ कर, या खराब मूड में या डिप्रेशन में नहीं करना चाहिए।


अगर इस प्रैक्टिस को करने के बाद आपको नेगेटिव इमोशंस महसूस होते हैं तो भी यह मुद्रा आपको नहीं करना चाहिए अगर आप किसी अनुभवी योगी से सहायता ले सकते हैं तो और भी अच्छा होगा।


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