सफल होने के लिए 4 बातों को अनदेखा ना करें – Don’t ignore 4 things

1. Always discipline and dedication


एक बात समझना जरूरी है कि सफलता आपकी जिंदगी के किसी एक क्षेत्र में नहीं हो सकती आप बेकार Boss और अच्छे भाई नहीं हो सकते, आप आलसी student और मेहनती player नहीं हो सकते आपकी जो personality है वह हमेशा आपके साथ रहती है ऐसा नहीं हो सकता कि आप आलसी स्टूडेंट है और बहुत मेहनती प्लेयर हैं। यह हो सकता है कि आप पढ़ाई में कम समय दे रहे हो लेकिन आप जितनी भी देर पढ़ रहे हैं आप टाइम पास नहीं कर रहे हैं और यह बात कई mature लोग भी नहीं समझते कि आपको अगर ऑफिस में बुखार आता है तो आप उसे घर भी लेकर जाओगे आप दो जगह अलग इंसान नहीं हो सकते अगर आप ऑफिस में जिम्मेदारी से भागते हो तो घर पर भी यह करते होंगे।

इसलिए कभी भी अपने आप को जिंदगी के किसी भी क्षेत्र में आलस और indiscipline की आदत मत दीजिए क्योंकि किसी के अंदर discipline और dedication को चालू बंद करने का switch नहीं होता इसलिए दोस्तों कभी भी अपने आप को डिसिप्लिन तोड़ने की इजाजत मत दो अगर आपकी जिंदगी में एक area पर कंट्रोल नहीं है तो दूसरे area भी suffer करते होंगे अगर आपको overeating करने की आदत है तो दूसरे area में भी आप कंट्रोल खोते होंगे।


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जब लोग कहते हैं कि मेरी जिंदगी में कुछ अच्छा नहीं चल रहा ,मुझे समझ नहीं आता मैं क्या करूं, तो मेरी सलाह होती है कि पहले तीन चीजों पर mastery हासिल कर लो डाइट नींद और एक्सरसाइज क्योंकि जब आप इन तीन चीजों पर डिसिप्लिन हासिल करते हो तो बाकी चीजों पर आपको अपने आप कंट्रोल महसूस होने लगेगा।

स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि डिसिप्लिन इंसान के कैरेक्टर का मुख्य पहलू है जो भी उपलब्धि और सफलता इंसान प्राप्त करता है वह शरीर और मन के डिसिप्लिन से आती है।

इसलिए डिसिप्लिन बहार के रूल से नहीं बल्कि अंदर के डिसिप्लिन से आना चाहिए।


2. You have pay to price


दूसरी बात के लिए Endres Ericsson  अपनी किताब Peak में कहते हैं कि आप कितना भी अपने अंदर सुधार ला सकते हो, नई कला सीख सकते हो, महारत हासिल कर सकते हो, आप अच्छा बिजनेस खड़ा कर सकते, हो आप अपनी शर्तों पर जीवन जी सकते हो, अगर आप कीमत चुकाने तैयार हैं तो.. अगर आप धैर्य रखने तैयार हैं तो… दोस्तों आप अपने आसपास लोगों से बात करके देख लीजिए हम लोगों को इस बात की clarity नहीं होती कहीं ना कहीं हम अपने दिमाग में एक सीमा तय किए बैठे हैं कि बस हमसे इतना ही होगा बल्कि सच तो यह है की हमको हमेशा वह करना होगा जो जरूरी है ना कि जो आसान है या हमको जो पसंद है। और यह हम खुद बड़ी आसानी से अपनी हरकतों में देख सकते हैं क्या हमें हर दिन समय पर सोने और उठने में दिक्कत होती है? क्या हम हर दिन 8 घंटे फोकस के साथ अपना काम कर सकते हैं? क्या हम सच में सफलता की कीमत चुकाने को तैयार हैं? या सिर्फ सपने देख कर खुद को परेशान कर रहे हैं।


कीमत चुकाने का सिंपल अर्थ है आपको हर दिन हर समय वह करना होगा जो आपके लिए जरूरी है जब तक आप में यह clarity नहीं है तब तक आप किसी ना किसी trick का इंतजार करते रहेंगे और हमेशा सफलता को दूर से देखते रहेंगे और यह बात आपको केवल mentally, intellectually  समझना नहीं है बल्कि अपने अंदर उतारना है. subconscious तक यह मैसेज क्लीयरली पहुंचना चाहिए।


3. Education सही Entertainment नहीं


आपने एक बात नोटिस की होगी आम जनता को जिसमें हम भी आते हैं हमको मिले सर्कस, मूवी रिलीज, कॉमेडी शो, और नए प्रोडक्ट लॉन्च, में बहुत इंटरेस्ट आता है वहीं दूसरी ओर आपने कभी भी काम में मशगूल सफल लोगों को एंटरटेनमेंट के पीछे भागते नहीं देखा होगा बस आप इंस्टाग्राम पर इनके बड़े टीवी और मोटे सोफे पर मत जाइए। वह लोग हमेशा एजुकेशन और इन्वेस्टमेंट को पहले चुनते है हमेशा उन चीजों में समय लगाते हैं जिनसे यह कुछ सीख पाए जिनका यह कुछ कर पाए hal elrod कहते हैं जितना आप बेहतर होते जाते हो उतनी सफलता आपकी ओर खींचती चली आती है आपको आराम और थकान मिटाने की जरूरत हो सकती है लेकिन अगर आपने सफल होने का निश्चय कर लिया है तो आज से और अभी से आपके लिए एंटरटेनमेंट का समय खत्म हो गया है इसके दो कारण हैं।

1. आज से आपको अभ्यास में मजा आता है।

2. हर दिन बेहतर होने के लिए आपको समय और शक्ति के लिए अपना ध्यान खर्च करना होता है।


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वहीं भारत में हम लोग 4:30 से 5 घंटे मोबाइल और टीवी में बिताने लगे हैं तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि लोगों के पास किसी भी चीज को गहराई से सोचने के लिए और अभ्यास करने के लिए समय नहीं बचता अगर आपको अपनी फील्ड में एक्स्ट्राऑर्डिनरी होना है तू बहुत सीखना होगा और अभ्यास करना होगा।


ब्रूस ली की लाइब्रेरी में 1000 से ज्यादा किताबें थी जब वह एक्टिव ओर मार्शल आर्ट्स का अभ्यास नहीं कर रहे होते थे, जब वह दूसरों को मार्शल आर्ट्स नहीं सिखा रहे होते थे, तब वह या तो पढ़ रहे या लिख रहे होते थे।


आपने खुद ऐसा कितनी बार किया है कि आज सोचा था कि सब कुछ बदल कर रख देंगे लेकिन 2 या 4 घंटे के बाद वापस वही आ जाते हैं क्योंकि आप अपने साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहे हैं। आपकी आदतें और आपकी हरकत आपके एनवायरनमेंट और परिस्थिति पर निर्भर करती हैं अगर आप इनसे उम्मीद करते हैं कि आप एकदम से बदल जाएंगे और हमेशा बदले रहेंगे तो ऐसा होने की संभावना बहुत कम है अधिकतर लोग willpower और खाली imagination का सहारा लेते हैं इसलिए खुद को बदल नहीं पाते अगर आप सच में सीरियस हैं सच में खुद को बदलना चाहते हो तो केवल willpower का सहारा मत लो बल्कि हर दिन छोटे-छोटे improvement पर ध्यान दें क्योंकि छोटे इंप्रूवमेंट आपकी आदतों के साथ आपका इन्वायरमेंट और routine बदलने पर मजबूर करते हैं।


छोटे इंप्रूवमेंट लाने के लिए आपको चाहिए planning और commitment


4. Don’t wait be Right now


Robert kiyoski जो रिच एंड पुअर डैड बुक के लेखक हैं और बड़ी फाइनेंस कंपनी के संस्थापक हैं एक समय उन्होंने सब कुछ खो दिया था वे और उनकी पत्नी के पास महीने के   खर्च के भी पैसे नहीं थे। मेरा नुकसान क्या हो गया, अब मैं क्या करूंगा, मुझे जल्दी पैसे चाहिए, यह सब सोच सोच कर वे डिप्रेशन में जाने लगे तब उन्होंने खुद से कहा कि मैं सफल और अमीर बिजनेसमैन हूं, एक सफल बिजनेसमैन, नुकसान के बारे में दुखी होकर अपना समय खराब नहीं करता, जल्दबाजी और लालच में गलत डिसीजन नहीं लेता, मैं एक सक्सेसफुल और स्थापित बिजनेसमैन की तरह ही सोचूंगा और वैसे ही काम करूंगा। दोस्तों आप सोचिए कि एक ऑफिसर एक चैंपियन और एक लीडर अपने अंदर कितना Confidence और satisfaction महसूस करता होगा उसे अपने काम के प्रति कैसा dedication महसूस होता होगा, वह अपने दिमाग और समय का कैसे इस्तेमाल करता होगा, वैसा ही अभी अपने अंदर महसूस करना शुरू कर दो।


सफलता के टाइटल का या फिर लोगों के कहने का इंतजार मत करो अभी से वैसा महसूस करना शुरू करो जैसा आप बनना चाहते हो यह एक छोटा सा mental shift है जो आपको अभी लाने की जरूरत है क्योंकि जैसा आप महसूस करते हो वह तत्काल आपके बॉडी लैंग्वेज और हरकत में आ जाता है और उसे दोहराना और करना आसान हो जाता है।


 क्यों हम किसी काम मे बार बार रुक जाते हैं – Why do we stop at work