यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम में सफल हुए उम्मीदवारों ने यह साबित किया है कि मेहनत और लगन से कुछ भी नामुमकिन नहीं है। इन उम्मीदवारों ने देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में अपनी काबिलियत का परचम लहराया है। वे इस बात का प्रमाण हैं कि मेहनत के बिना कोई सफलता नहीं मिलती। उनके सामने कोई भी चुनौती बड़ी नहीं थी। उनकी कहानियां हमें प्रेरणा देती हैं. आज हम आपको बताएंगे, बिहार के विशाल का संघर्ष और सफलता का सफर, जो उनके जीवन की सच्ची कहानी है।
प्रारंभिक जीवन और परिवार
विशाल का जीवन बहुत ही कठिन रहा है। वे एक गरीब परिवार से हैं। उनके पिता का 2008 में निधन हो गया था। तब उनके पिता ही मजदूरी करके अपने परिवार को चला रहे थे। लेकिन फिर भी विशाल ने हार नहीं मानी उन्होंने कड़ी मेहनत की और यूपीएससी में सफल होकर अपनी और अपने परिवार की किस्मत बदल दी।
विशाल का परिवार बहुत ही गरीब था. उनके पिता का 2008 में देहांत हो गया था. तब उनके पिता ही मजदूरी करके अपने घर को चलाते थे. उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार की हालत और भी बिगड़ गई थी. फिर विशाल की मां रीना देवी ने बकरी और भैंस का पालन करके अपने परिवार को संभाला. विशाल ने यूपीएससी में सफल होकर अपने परिवार का नाम रोशन किया।
परिवार और शिक्षक ने बहुत साथ दिया
विशाल ने यूपीएससी में सफल होकर अपने परिवार और अपने शिक्षक गौरी शंकर प्रसाद को इसका श्रेय दिया है। विशाल कहते हैं कि गौरी शंकर ने उनके लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने विशाल की पढ़ाई का खर्चा उठाया। उन्होंने विशाल को अपने घर में रहने दिया। उन्होंने विशाल को नौकरी से हाथ धोने और यूपीएससी की तैयारी करने का सुझाव दिया। उन्होंने विशाल को आर्थिक रूप से भी सहारा दिया।
पिता को भरोसा था की बेटा बड़ा आदमी बनेगा
विशाल का परिवार उनके पिता बिकाउ प्रसाद को बहुत याद करता है। उनके पिता ने हमेशा उनको पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया था। उनके पिता का सपना था कि विशाल बड़ा आदमी बने। विशाल ने उनके सपने को पूरा किया है। विशाल ने 2011 में मैट्रिक में टॉप करके दिखाया वे पढ़ाई में बहुत तेज हैं। फिर उन्होंने 2013 में आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया था। वहां से ग्रेजुएट होने के बाद विशाल ने रिलायंस कंपनी में काम किया था। उनके शिक्षक गौरी शंकर ने उनकी यूपीएससी की तैयारी में बहुत सहायता की थी। विशाल ने अपनी मेहनत और लगन से यूपीएससी में सफल होकर अपने परिवार को खुश किया है।