यूपीएससी की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है कई युवाओं का यह सपना होता है कि वह भी अपनी जिंदगी में एक बार यूपीएससी की परीक्षा दें और उसमें सफल हों। हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा को देते हैं हालांकि यह कठिन परीक्षा होती है इसलिए कई विद्यार्थी इस परीक्षा के लिए कोचिंग का सहारा भी लेते हैं लेकिन आज हम आपको ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने बिना कोचिंग का सहारा लिए सिर्फ 22 साल की उम्र में आज वह IAS बन चुके हैं और उनका नाम है अरुण राज।
हर साल कई उम्मीदवार यूपीएससी सीएसई की परीक्षा देता है हालांकि उनमें से केवल 1000 को ही फाइनल लिस्ट में शामिल किया जाता है हर उम्मीदवार के लिए यूपीएससी की परीक्षा पास करना एक सपना की तरह होता है। कुछ विद्यार्थी इस परीक्षा को पास करने के लिए कोचिंग का सहारा लेते हैं लेकिन कुछ विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं जो सिर्फ सेल्फ स्टडी करके भी इस परीक्षा को पास कर लेते हैं और यूपीएससी की परीक्षा में सफल भी हो जाते हैं अरुण राज ने भी खुद से सेल्फ स्टडी की और इस परीक्षा में सफल भी हुए और आज उन्होंने IAS का मुकाम पा लिया है
अरूणराज का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अरुण बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थे वह अपने स्कूल में 10वीं और 12वीं की परीक्षा में भी बहुत अच्छे नंबर से पास हुए 12वीं के बाद उन्होंने JEE का एग्जाम दिया और उसमें भी पास हो गए और अरुण को आईआईटी कानपुर मिला आईआईटी में ग्रेजुएशन करते समय ही उन्होंने पूरा मन बना लिया था कि अब आगे यूपीएससी की ही तैयारी करनी है और ग्रेजुएशन के साथ ही उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी को जारी रखा यूपीएससी और ग्रेजुएशन की पढ़ाई दोनों को जारी रखना अरुण राज के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं हुआ क्योंकि दोनों की पढ़ाई के लिए अपना टाइम सेट करके रखा था और पूरे डेढ़ साल तक उन्होंने अपने इसी डिसिप्लिन को बनाए रखा और दोनों परीक्षाओं में सफल भी हुए।
अरुण ने बताया वह अपनी जिंदगी में रेट रेस में शामिल नहीं होना चाहते थे।
एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि यूपीएससी को ही क्यों चुना तब उन्होंने बताया कि आजकल की ज्यादातर नौकरियां ऐसी होती हैं जिन्हें पाने के बाद भी आपके जीवन से संघर्ष और कांपटीशन खत्म नहीं होता. इन नौकरियों में सर्वाइव करने के लिए आपको जिंदगी भर रैट-रेस में भागना होता है वरना आप पीछे छूट जाते हैं. अरुण इस दौड़ में उम्रभर के लिए नहीं पड़ना चाहते थे।
उन्हें आईएएस तुलनात्मक स्टेबल जॉब लगी, जिसे पाना कठिन है पर एक बार उस मुकाम तक पहुंच जाने के बाद बार-बार खुद को साबित करने और कांपटीशन में बने रहने की जरूरत नहीं पड़ती. इसके साथ ही वे भारत में रहकर अपनी शर्तों पर काम करना चाहते थे. इन्हीं विचारों ने अरुण को सिविल सर्विसेस का चुनाव करने के लिए प्रेरित किया।
यूपीएससी तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को अरुण राज की सलाह
अरुण दूसरे अभ्यर्थियों को यही सलाह देते हैं कि आप जितने भी घंटे पढ़ रहे हो उसको पूरा मन लगाकर पढ़ें आज का आपने जितना टॉपिक सोचा है उसे उतना खत्म करके ही उठे अपने टाइम को लेकर डिसिप्लिन रहे जैसे आपने 1 दिन में जितना टाइम अपनी पढ़ाई को देने का सोचा है उतना टाइम जरूर दें ज्यादा देर तक पढ़ते रहने से थोड़ी बहुत ऊब भी हो सकती है तो पढ़ाई से थोड़ा ब्रेक ले किताब खोलकर ना बैठे रहे
कई बार ऐसा भी होता है कि हम पहले या दूसरे प्रयास में सफल नहीं हो पाते लेकिन हमें फिर भी हिम्मत नहीं हरनी चाहिए और कोशिश करते रहना चाहिए ऐसे रिश्तेदारों पड़ोसियों और दोस्तों से दूर रहना चाहिए जो हमें डिमोटिवेट करते रहते हैं यह हमसे हमेशा हमारा मोटिवेशन गिराने की बात ही करते रहते हैं कोई कुछ भी कहे पर अपनी निगाहें लक्ष्य पर ही रखिए. सेलेक्टेड स्टडी मैटेरियल चुनिए और अंत तक उसी से स्टिक रहिए. रिवीज़न खूब करिए, मॉक पेपर्स सॉल्व करिए और ऐस्से का जमकर अभ्यास करिए. अगर एक प्रॉपर स्ट्रेटजी के साथ तैयारी करेंगे तो भले देर से सही पर सफलता निश्चित मिलेगी।