27+ हिंदी दिवस पर महापुरुषों के अनमोल सुविचार | Hindi Diwas Par Anmol Suvichar
हिंदी दिवस मातृभाषा पर सुविचार|Hindi Diwas Par Anmol Suvichar
1.) किसी भाषा की उन्नति का पता करना हो तो उसमें प्रकाशित हुई पुस्तकों की संख्या तथा उनके विषय के महत्व से जाना जा सकता है।
– गंगाप्रसाद अग्निहोत्री
2.) हिंदी को देश में परस्पर संपर्क भाषा बनाने का कोई विकल्प नहीं, अंग्रेजी कभी जनभाषा नहीं बन सकती।
– मोरारजी भाई देसाई
3.) हिन्दी संस्कृत की सभी बेटियों में सबसे अच्छी और शिरोमणि है।
– ग्रियर्सन
4.) राष्ट्रभाषा के बिना आजादी बेकार है।
– अवनींद्रकुमार विद्यालंकार
5.) राष्ट्र की एकता की कड़ी हिन्दी ही जोड़ सकती है।
– बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’
6.) किसी विदेशी भाषा का किसी स्वतंत्र राष्ट्र के राजकाज और शिक्षा की भाषा होना सांस्कृतिक गुलामी है।
– वाल्टर चेनिंग
7.) राष्ट्रभाषा के बिना एक राष्ट्र गूँगा है।
– महात्मा गाँधी
8.) देश के सबसे बड़े भूभाग में बोली जानेवाली हिन्दी राष्ट्रभाषा, पद की अधिकारिणी है।
– सुभाषचन्द्र बोस
9.) राष्ट्रभाषा हिन्दी का किसी भी क्षेत्रीय भाषा से कोई संघर्ष नहीं है।
– अनंत गोपाल शेवड़े
10.) भाषा की समृद्धि स्वतंत्रता का बीज है।
– लोकमान्य तिलक
11.) हिन्दी उर्दू के नाम को हटाइये, एक भाषा बनाइए। सबको इसके लिए तैयार कीजिए।
– देवी प्रसाद गुप्त
12.) हिन्दी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है।
– वी. कृष्णस्वामी अय्यर
13.) हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य को सर्वांगसुंदर बनाना हमारा कर्त्तव्य है।
– डॉ. राजेंद्रप्रसाद
14.) सरलता, बोधगम्यता और शैली की दृष्टि से दुनिया की भाषाओं में हिन्दी महानतम स्थान रखती है।
– अमरनाथ झा
15.) सम्पूर्ण भारत के परस्पर व्यवहार के लिए ऐसी भाषा की आवश्यकता है जिसे जनता का बड़ा भाग पहले से ही जानता समझता है।
– महात्मा गाँधी
हिंदी दिवस मातृभाषा पर सुविचार|Hindi Diwas Par Anmol Suvichar
16.) हिन्दी पढ़ना और पढ़ाना हमारा कर्तव्य है। उसे हम सबको अपनाना है।
– लालबहादुर शास्त्री
17.) हिन्दी अपने देश और भाषा की प्रभावशाली विरासत है
– माखनलाल चतुर्वेदी
18.) मैं मानती हूँ कि हिन्दी के प्रचार से राष्ट्र की एकता जितनी बढ़ सकती है वैसी बहुत कम चीजों से बढ़ सकेगी।
– लीलावती मुंशी
19.) मेरा आग्रहपूर्वक कथन है कि अपनी सारी मानसिक शक्ति हिन्दी भाषा के अध्ययन में लगावें. हम यही समझे कि हमारे प्रथम धर्मों में से एक धर्म यह भी है।
– विनोबा भावे
20.) राज व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है।
– महात्मा गाँधी
21.) यदि आपको स्वदेशाभिमान सीखना है तो मछली से सीखें जो स्वदेश (पानी) के लिए तड़प तड़प कर जान दे देती है।
– सुभाषचंद्र बोस
22.) हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोता है।
– समित्रानंदन पंत
23.) भाषा के उत्थान में एक भाषा का होना आवश्यक है। इसलिए हिन्दी सबकी साझा भाषा है।
– पं. कृ. रंगनाथ पिल्लयार
24.) हिन्दी एक बेहतर भाषा है, यह जितनी बढ़ेगी देश को उतना ही उन्नति के राह पर होगा।
– पं० जवाहरलाल नेहरू
25.) दक्षिण की हिन्दी विरोधी नीति असल में दक्षिण की नहीं, बल्कि कुछ अंग्रेजी भक्तों की नीति है।
26.) संस्कृत माँ, हिन्दी गृहिणी और अंग्रेजी नौकरानी है।
– डॉ. फादर कामिल बुल्के
27.) निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
– भारतेंदु हरिश्चंद्र
28.) देश की किसी संपर्क भाषा की आवश्यकता होती है और वह (भारत में) केवल हिन्दी ही हो सकती है।
– इंदिरा गांधी