भगवान, ईश्वर पर अनमोल वचन | Best God Quotes In Hindi With images
भगवान, ईश्वर पर महापुरुषों के अनमोल वचन, सुविचार | Best God Quotes In Hindi
1.) मुझसे पहले, और मेरे बाद भी, भगवान हैं, और सब ठीक है।
– जॉन ग्रीनलीफ व्हिटियर
2.) भगवान के अलावा किसी पर पूरा भरोसा न करें। लोगों से प्यार करो, लेकिन अपना पूरा भरोसा सिर्फ भगवान पर रखो।
– लॉरेंस वेल्को
3.) मैं कभी-कभी सोचता हूं कि मनुष्य को बनाने में भगवान ने उसकी क्षमता को कुछ हद तक कम कर दिया।
– ऑस्कर वाइल्ड
4.) भगवान न केवल पासा खेलते हैं, बल्कि… कभी-कभी उन्हें ऐसे स्थान पर फेंक देते हैं जहां उन्हें देखा नहीं जा सकता।
– स्टीफन हॉकिंग
5.) मेरा मानना है कि भगवान मामलों का प्रबंधन कर रहे हैं और उन्हें मुझसे किसी सलाह की आवश्यकता नहीं है। भगवान के प्रभारी के साथ, मुझे विश्वास है कि अंत में सब कुछ सर्वश्रेष्ठ के लिए काम करेगा। तो यहां चिंता करने की क्या बात है।
– हेनरी फ़ोर्ड
6.) हर बच्चा यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्य से निराश नहीं हुआ है।
– रविंद्रनाथ टैगोर
7.) भगवान ने आपको एक चेहरा दिया है, और आप खुद को दूसरा बनाते हैं।
– विलियम शेक्सपियर
8.) भगवान ने आज आपको 86,400 सेकंड का तोहफ़ा दिया है। क्या आपने ‘धन्यवाद’ कहने के लिए एक सेकंड का भी उपयोग किया है?
– विलियम आर्थर वार्ड
9.) भगवान ने हमें दो हाथ दिए हैं, एक लेने के लिए और दूसरा देने के लिए।
– बिली ग्राहम
10.) हमें ईश्वर को खोजने की जरूरत है, और वह शोर और बेचैनी में नहीं पाया जा सकता है। ईश्वर मौन के मित्र हैं। देखिए कैसे प्रकृति-पेड़, फूल, घास- मौन में बढ़ती है; सितारों, चंद्रमा और सूर्य को देखें, वे कैसे मौन में चलते हैं … हमें मौन की आवश्यकता है ताकि हम आत्माओं को स्पर्श कर सकें।
– मदर टेरेसा
11.) अपने दिलों को परेशान न होने दें। भगवान में विश्वास रखो; मुझ पर भी भरोसा करो।
– यीशु मसीह
12.) महोदय, मेरी चिंता यह नहीं है कि भगवान हमारी तरफ है या नहीं; मेरी सबसे बड़ी चिंता भगवान की तरफ रहना है, क्योंकि भगवान हमेशा सही होते हैं।
– अब्राहम लिंकन
भगवान, ईश्वर पर अनमोल वचन | Best God Quotes In Hindi With images
13.) ईश्वर कहते है की संतुष्ट मन इस दुनिया का सबसे बड़ा धन है।
14.) कर्म का फल इंसान को उसी तरह ढूंढ लेता है जिस तरह बछड़ा सैंकड़ों गायों के बीच अपनी मां को ढूंढ लेता है।
15.) ईश्वर को अपना मित्र बना लो फिर तुमको कामयाब होने से कोई नही रोक सकता है।
16.) जब ठोकर खाकर भी ना गिरों तो समझ लेना ईश्वर ने तुम्हारा हाथ पकड़ रखा है।
17.) मन का झुकना बहुत जरूरी है केवल सर को झुकाने से परमात्मा को प्राप्त नही किया जा सकता है।
18.) इंसान कर्म करने में मनमानी तो कर सकता है लेकिन फल भोगने में नही।
19.) ईश्वर आप पर तभी विश्वास कर सकते है जब आपको खुद पर विश्वास हो क्योंकि ईश्वर बाहर नही हमारे अंदर ही है।
20.) सच्चा प्यार और ईश्वर एक तरह होते हैं मिल जाने पर और कोई ख्वाहिश नही रहती हैं.
21.) ईश्वर के सामने जो झुकता है वह सबको अच्छा लगता है, लेकिन जो सबके सामने झुकता है वह ईश्वर को अच्छा लगता है।
22.) ईश्वर कहते है की संतुष्ट मन इस दुनिया का सबसे बड़ा धन है।
23.) जब तक ईश्वर तुम्हारे साथ है तब तक दुनिया की कोई भी ताकत तुम्हें हरा नही सकती है।
24.) हर इंसान के जीवन में एक समय ऐसा जरूर आता है जब उसे सच्चे दिल से ये महसूस होता है की इस दुनिया में ईश्वर के अलावा कोई अपना नही है।
25.) स्वर्ग और नर्क सिर्फ हमारे दिमाग में हैं, मनुष्य अपने कर्मो का फल इसी पृथ्वी पर पाता हैं।
26.) यकीन करो जब ईश्वर देगा तो बेहतर नही बेहतरीन देगा।
27.) मौन प्रार्थनाएं जल्दी पहुंचती है ईश्वर तक, क्योंकि वो शब्दों के बोझ से मुक्त होती है।
28.) अपनी तरफ से पूरी कोशिश करो और बाकी भगवान को करने दो।
29.) यदि आप यह मानते है कि आपके अंदर ईश्वर का अंश है तो आप किसी भी असम्भव कार्य को कर सकते हैं
30.) अगर किसी ओर का दुःख देखकर आपको भी दर्द होता है, तो इसका मतलब है की आपकी आत्मा में परमात्मा विराजमान है।
31.) कर्म में विश्वास करना, खुद पर विश्वास करना और खुद पर विश्वास करना ईश्वर पर विश्वास करना होता हैं
32.) कल की फिक्र मत करो, जिस भगवान ने आज तक संभाला है वो आगे भी संभाल लेगा।
33.) जो कुछ भी है तुम्हारे दिल में, सब ईश्वर को खबर है, तुम्हारे हर हाल पर भगवान की नजर है।
34.) जब हम गेहूँ का एक दाना बोते हैं तो कुछ समय पश्चात वो हमे हजार दाने के रूप में मिलता हैं उसी तरह हमारे अच्छे कर्मो का फल हमें ईश्वर भी देता हैं।
35.) ईश्वर पर विश्वास बिल्कुल उस बच्चे की तरह करों जिसको आप हवा में उछालो तो वो हंसता है, डरता नही क्योंकि वह जानता है कि आप उसे गिरने नही दोगे।
36.) किसी व्यक्ति की मदद कर आप ईश्वर से आप एक पुण्य कमाने के सहभागी बन जाते है।
37.) माता-पिता की सेवा ईश्वर की सेवा के बराबर होता हैं
38.) अगर आपको कोई अच्छा लगता है तो अच्छा वो नही बल्कि अच्छे आप हो क्योंकि उसमे अच्छाई देखने वाली नजर आपके पास है।
39.) भगवान न दिखाई देने वाले माता-पिता हैं और माता-पिता दिखाई देने वाले भगवान् हैं.
40.) श्रद्धा का मतलब हैं आत्मविश्वास और आत्मविश्वास का मतलब हैं ईश्वर में विश्वास.
41.) दोस्तों रखिए रब दूसरा दरवाजा खोल बगैर पहला दरवाजा बंद नही करता है।
42.) अच्छे लोगो की ईश्वर परीक्षा बहुत लेता है लेकिन साथ नही छोड़ता है और बुरे लोगों को ईश्वर बहुत कुछ देता है लेकिन साथ नही देता है।
43.) श्री कृष्ण कहते है की जिस व्यक्ति को आपकी कद्र नही उसके साथ खड़े रहने से अच्छा है आप अकेले खड़े रहें।
44.) कोई भी कर्म करने से पहले एक बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि ईश्वर की नजर सब पर होती है।
45.) वो तैराक भी डूब जाते हैं जिनको ख़ुद पर गुमान होता हैं और वो गँवार भी डूबते-डूबते पार हो जाते हैं जिनपर भगवान मेहरबान होते हैं.
46.) जब ईश्वर मनुष्य की परीक्षा लेते हैं तब वो मनुष्य का सामर्थ्य भी बढ़ा देते हैं ताकि वो अधिक बुद्धिमान और अधिक ताकतवर बनें
47.) जिसका मन सच्चा और कर्म अच्छा हैं वही भगवान का सच्चा भक्त हैं और ऐसे लोगो पर ईश्वर की कृपा हमेशा बनी रहती हैं
48.) “भगवान, हमारे निर्माता ने हमारे मष्तिष्क और
व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं।
ईश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों
को विकसित करने में मदद करती है।”
49.) सुख में धर्म कार्य और दूसरो की मदद जरूर करनी चाहिए क्योकि बुरे समय में यही काम आता हैं
50.) प्रार्थना शब्दों से नही हृदय से होनी चाहिए क्योंकि ईश्वर उनकी भी सुनते है जो बोल नही सकते है।
51.) विश्वास के साथ आप आगे बढ़ना शुरू करें
ईश्वर तुम्हारे लिए रास्ता खुद बना देंगे
52.) मालिक पर भरोसा रख अपने गमों की नुमाइश न कर
जो तेरा है वो चल के आएगा तेरे दर पे
रोज़ उसे पाने की ख़्वाहिश न कर
53.) जब आप एकदम अकेला महसूस करते हैं तब भी आपके साथ ईश्वर होते हैं
54.) मिटाने से मिटते नहीं ये भाग्य के लेख,
आप कर्म अच्छा करते चलें,
फिर ईश्वर की महिमा देखें।
55.) मेरे और भगवान के बीच में बहुत ही ख़ूबसूरत रिश्ता हैं, मैं ज्यादा माँगता नही और वे कम देते नही हैं।
56.) ईश्वर भक्ति से मन के विकार समाप्त हो जाते हैं और हम भगवान की समीप पहुँच जाते हैं
57.) कर्म का अधिकार मनुष्य के पास है लेकिन फल ईश्वर देते हैं, इसलिए कर्म को सच्चे मन से करना चाहिए क्योकि मनुष्य के जीवन में उसके कर्मो का फल ही घटित होता हैं.
58.) “ईश्वर निराकार है।
मगर उसके गुण-कर्म-स्वभाव अनंत है।”
59.) ईश्वर के दो निवास स्थान हैं
एक बैकुंठ में और दूसरा
नम्र और कृतज्ञ हृदय में
60.) “ईश्वर को देखा नहीं जा सकता,
इसीलिए तो वह हर जगह मौजूद है।”
61.) कर्म भूमि पर फल के लिए श्रम
तो सभी को करना ही पड़ता है
भगवान सिर्फ लकीरें देता है
रंग तो हमें ही भरना पड़ता है
62.) “जो प्रभु कृपा में सच्चा विश्वास रखता है,
उसके लिए अनंत कृपा बहती है।”
63.) आदमी जितना असमर्थ है
भगवान उतना ही समर्थ है
उसकी कृपा अपरम्पार है और
वह हजार हाथों से मदद करता है
64.) अगर आपकी समस्या एक जहाज जितनी बड़ी है तो यह नही भूलना चाहिए कि भगवान की कृपा सागर जितनी विशाल हैं।