बहस तर्क पर 35+ अनमोल विचन, सुविचार | Argument Quotes In Hindi

बहस तर्क पर 35+ अनमोल सुविचार| Argument Quotes In Hindi


बहस तर्क पर 35+ अनमोल विचार | Argument Quotes In Hindi

बहस तर्क पर 35+ अनमोल विचार | Argument Quotes In Hindi



1.) कोई भी जो अधिकार से अपील करके तर्क ओर बहस करता है वह अपनी बुद्धि का उपयोग नहीं कर रहा है; वह सिर्फ अपनी याददाश्त का उपयोग कर रहा है।

– लियोनार्डो दा विंसी

2.) अच्छे विचारों और सच्चे नवाचार के लिए, आपको मानवीय संपर्क, संघर्ष, तर्क, बहस की आवश्यकता होती है।


– मार्गरेट हेफर्नन

3.) चर्चा ज्ञान का आदान-प्रदान है; एक बहस अज्ञानता का आदान-प्रदान।

– रॉबर्ट क्विलेन

4.) वाद-विवाद या बहस का उद्देश्य विजय नहीं, बल्कि प्रगति होना चाहिए।


– जोसेफ जौबर्टे

5.) किसी तर्क को सर्वोत्तम तरीके से प्राप्त करने का एकमात्र तरीका इससे बचना है।

– डेल कार्नेगी

6.) महान नेता लगभग हमेशा महान सरलकर्ता होते हैं, जो तर्क, बहस और संदेह के माध्यम से एक समाधान पेश कर सकते हैं जिसे हर कोई समझ सकता है।

– कॉलिन पॉवेल

7.) मैं समझदार लोगों से बहस करूंगा; मैं मनुष्यों से बिनती करूंगा; परन्‍तु ज़ालिमों से नहीं और न व्यर्थ वाद-विवाद करूंगा, जहां वे निश्चय खो जाएंगे।


– विलियम लॉयड गैरीसन

8.) मौन खंडन करने के लिए सबसे कठिन तर्कों में से एक है।

– जोश बिलिंग्स

9.) अपमान उन लोगों द्वारा नियोजित तर्क हैं जो गलत हैं।

– जौं – जाक रूसो

10.) हमें ऐसे मामलों से निपटना है जिन पर हम बिना कला या प्रणालियों के विचार-विमर्श करते हैं, उन लोगों की सुनवाई में जो एक जटिल तर्क या बहस को एक नज़र में नहीं ले सकते हैं या तर्क की लंबी श्रृंखला का पालन नहीं कर सकते हैं।

– अरस्तू

11.) वह जो बहस और आज्ञा से अपना तर्क स्थापित करता है, वह दिखाता है कि उसका तर्क कमजोर है।


– मिशेल डी मोंटेने

12.) मित्रों के बीच वाद-विवाद से सत्य का जन्म होता है।

– डेविड ह्यूम

13.) लोगों की सोच तर्क या बहस से नहीं बल्कि अवलोकन से बदलती है।

– विल रोजर्स

14.) किसी वस्तु की अतार्किकता उसके अस्तित्व के विरुद्ध कोई तर्क नहीं है, बल्कि उसकी एक शर्त है।


– फ्रेडरिक निएत्ज़्स्चे

15.) जिस क्षण हम किसी चीज पर विश्वास करना चाहते हैं, हम अचानक उसके लिए सभी तर्क देखते हैं, और उसके खिलाफ तर्कों से अंधे हो जाते हैं।

– जॉर्ज बर्नार्ड शॉ

बहस तर्क पर 35+ अनमोल विचार | Argument Quotes In Hindi

16.) मनुष्य को अपने जीवन में सही बातों को महत्वपूर्ण मान कर उन बातों पर विचार करना चाहिए न कि बहस कर समय व्यर्थ करना चाहिए।


17.) आपसी बेतुकी बहस से ज्यादा अच्छा है मौन को अपना लेना।

18.) बेवजह की बहस से बेहतर है कि अपने जीवन में स्वयं से खुश रहना चाहिए। अपनी कद्र कर खुशी को अपने जीवन अपनाना चाहिए।

19.) बिना बात के बहस करने से मनुष्य को कभी किसी भी बात में जीत की प्राप्ति नहीं होती है।

20.) जब कोई इंसान अंदर से टूट जाता है, 
तो शांत हो जाता है,
उस वक्त तर्क या बहस करने से 
दूर हो जाता है.

21.) बहस करते हुए मनुष्य एक दूसरे का अपमान करते हैं जो दोष है जिससे रिश्तों में प्यार की भावना प्रवाहित नहीं हो पाती है।

22.) बिना मतलब की बहस समय की बर्बादी है जिसका कोई अर्थ नहीं होता है बस शब्दों से एक दूसरे को आहत किया जाता है।


23.) मनुष्य स्वयं से बहस करे तो सवालों के उत्तर मिल जाते हैं और मनुष्य अपने सवालों से एक हद तक मुक्त हो जाता है।

24.) मनुष्य का जीवन इतना खूबसूरत है इसे बहस करने में बर्बाद नहीं करना चाहिए।

25.) बहस के दौरान सचेत रहें, 
क्योंकि समूह में बहस करने से 
सच को झूठ और झूठ को सच 
साबित किया जा सकता है.

26.) बहस मनुष्य में कभी एकत्व भावना का प्रसार नहीं करती है बल्कि हर किसी को एक दूसरे से अलग कर देती है।

27.) मनुष्य जीवन में बहस जहाँ क्रोध और अहंकार को बढ़ावा देता है वहीं शांति व मौन भ्रम पैदा करते हैं लेकिन वार्तालाप से मुद्दों को सुलझाया जा सकता है।

28.) मनुष्य जीवन में बहस कुछ सीख नहीं देती है बल्कि झगड़े को सहयोग देती है।


29.) मनुष्य के बीच बहस कभी इतनी बढ़ जाती है कि अपराध बोध का सूचक बन जाती है।

30.) मनुष्य अगर एक दूसरे से बहस करेगा तो सकारात्मक संदर्भ नहीं उभरेगें बल्कि अनेक प्रश्न समक्ष आ जायेगें।

31.) बहस अगर क्रोध को उत्पन्न करती है जो अशांति व एक दूसरे के प्रति विरोध भावना को तूल देती है जिससे जीवन कभी शांतिपूर्वक नहीं जिया जा सकता है।


32.) मनुष्य के मध्य बहस मनुष्य की पहचान करा देती है कि मनुष्य की समझ या विषय ज्ञान कितना है।

33.) मनुष्य को बहस से दूर रहना चाहिए तभी सार्थक जीवन का मार्ग प्रशस्त होता है।

34.) बहस से छोटी से छोटी बात भी विकराल रूप धारण कर लेती है।


35.) जीवन को अनुकूलता प्रदान करने के लिए बहस को समझ स्वरूप अपनाना पड़ता है।

36.) बहस विपरीत विचारों की द्वंद है। जिसका निर्णय सकारात्मक हो ज़रूरी नहीं है क्योंकि बहस में मन की बात कह के तर्क वितर्क बस बात की विस्तृतता प्रदर्शित करता है।

37.) मनुष्य आपसी बातचीत करे तो परेशानी का हल मिलता है बहस से कभी परेशानी का सही हल नहीं मिलता है।


38.) पारिवारिक रिश्तों में बहस कभी रिश्तों में शांति नहीं बना सकती और न ही खुशी दे सकती है।