Self Discipline के 4 स्टेप्स जो जीवन में आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे

आत्म-अनुशासन शब्द हमारी भावनाओं को Control करने की हमारी क्षमता को दर्शाता है ताकि हम अपने लक्ष्यों से भटके नहीं और जो हम वास्तव में अपने जीवन में पाना चाहते हैं उसके साथ ईमानदारी से बने रहें, बजाय इसके कि इस समय हमें अपने जरूरी काम पर फोकस करना चाहिए लेकिन हमारा मन काम छोड़कर कुछ और चीजें करने का ही हो रहा है इसलिए खुद को अनुशासित ओर मन को नियंत्रण में रखना ज़रूरी है।


उदाहरण के लिए, यदि आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपको जिम जाने के लिए बिस्तर से उठने के लिए या ऐसी चीजें खाने से बचना चाहिए जो आपका वजन बढ़ाये इसके लिए आपको आत्म-अनुशासन की आवश्यकता है।


जीवनभर आत्म – अनुशासित रहने के लिए इन चार स्टेप्स को समझिए



हमें आत्म-अनुशासन में महारत हासिल करने की हमारी क्षमता सबसे शक्तिशाली कारकों में से एक है जो हमारे जीवन की दिशा निर्धारित कर सकती है। यह आसान नहीं है, लेकिन आत्म-अनुशासन प्राप्त करने के कई फायदे हैं।


“आत्म-अनुशासन से कुछ भी संभव है।” – थियोडोर रूजवेल्ट


आखिर हम और अधिक आत्म-अनुशासित कैसे बनें?


1.) सबसे पहले यह जाने की आप क्या चाहते हैं।


हम एक ऐसी दुनिया में हैं जो हमें लगातार जरूरतों और इच्छाओं से भर रही है, इसलिए यह समझना मुश्किल हो सकता है कि हम वास्तव में जीवन में क्या चाहते हैं। आत्म-अनुशासन बनाने की दिशा में पहला कदम यह है कि यह स्पष्ट हो जाए कि आखिर वह क्या है जो हम अपनी ज़िंदगी मे बेहतर होते हुए देखना चाहते हैं। क्या आप एक रिश्ता खोजना चाहते हैं तो आप अपने समय का बेहतर प्रबंधन करें? जो कुछ भी है यह महत्वपूर्ण है कि आप उस चीज़ को ठीक से जाने की आखिर वह क्या है।


2.) अपने “क्यों” को जानें।


यह जान लेना कि आप जीवन में कोई काम क्यों करना चाहते हैं, आपको अपने काम में Focused रहने में और काम को चुनौती की तरह करने में मदद करेगी यदि हम अपने काम से भावनात्मक रूप से जुड़े नहीं हैं, तो हम अपने लक्ष्यों को थोड़ी ही कोशिश करने के बाद छोड़ देंगे, इसलिए आप अपने अंदर की आवाज को जरूर सुने की आपने यह काम शुरू ही क्यों किया था, किस उद्देश्य से किया था जब एक बार आप कारण जान जाएंगे तो आप अपने लक्ष्य में आने वाली कठिनाईयों का डटकर मुकाबला कर पाएंगे।



3.) चुनौतियों और कमजोरियों की पहचान करें।


लोग जीवन में सफल होना चाहते हैं लेकिन उसके लिए मेहनत और त्याग नहीं करना चाहते बहुत आसानी से हार मान लेते हैं सफलता का रास्ता असफलता से होकर ही निकलता है जो हवा की परवाह ना करते हुए विरुद्ध जाकर भी काम करने के लिए तैयार रहते हैं वही लोग सफलता हासिल कर पाते हैं।


एक बार जब आप जान जाते हैं कि आप क्या चाहते हैं और आप इसे क्यों चाहते हैं, तो यह निर्धारित करना महत्वपूर्ण है कि कौन सी चुनौतियाँ उपस्थित हो सकती हैं जो आपको इसे प्राप्त करने से रोक सकती हैं। आत्म-जागरूक होना और यह जानना कि आपकी कमजोरियाँ और ट्रिगर क्या हैं, सबसे ज्यादा जरूरी है। उदाहरण के लिए, यदि आप चीनी छोड़ना चाहते हैं और आप जानते हैं कि आप हर दिन लगभग 3 बजे कुछ मीठा खाने के लिए तरसते हैं, तो आगे की योजना बनाएं। दिन के उस समय के लिए कुछ स्वादिष्ट और शुगर-फ्री तैयार रखे।


4.) खुद को याद दिलाएं कि आप सक्षम हैं।


हम सभी के आत्म-अनुशासन में कमजोरी के लक्षण होते हैं। कभी-कभी हमें हमारा मन करता है कि आज काम नहीं करके कुछ इंजॉय कर लेते हैं ओर फिर काम नहीं करने से अपने काम का टेंसन भी होने लगता है तो उन क्षणों में जब आपको लगता है कि आप कमजोर हैं, अपने आप को उस समय की याद दिलाएं जब आप एकदम अनुशासित होकर काम करने में सफल हुए थे। अपने आप को यह याद दिलाएं की आप कमजोर नहीं हैं पहले भी आपने अनुशासित होकर अपने छोटे लक्ष्य को प्राप्त किया है और आगे भी आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।


दिमाग वही करना चाहता है जो उसे पसंद है लेकिन जो व्यक्ति जीवन में अपने दिमाग की पसंद और सुविधा से चलता है वह कभी कुछ नही कर पाता यहीं आत्म अनुशासन की अहमियत समझ में आती है आपके दिमाग में लक्ष्य स्पष्ट होने चाहिए। जब आप खुद काम करने की कोशिश करते हैं उस दिन से आप अपने आस पास सभी के लिए प्रेरणास्रोत बन जाते हैं।



आत्म-अनुशासन को बनाए रखना आसान नहीं है, लेकिन अगर हम उस पर टिके रहें, तो हमें बहुत कुछ मिलता है! समय के साथ जैसे-जैसे आप बढ़ते रहेंगे और आत्म-अनुशासन बनाए रखेंगे, आपका आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान बढ़ेगा, आप और अधिक दृढ़ हो जाएंगे और अंततः आप जो चाहते हैं उससे अधिक हासिल करेंगे।