●•● लगता है साधारण इंसान यह अनुभव नहीं कर पाते कि जो वास्तव में दर्शन में ख़ुद को सही रीति से ढालते हैं, वे सीधे तौर पर और अपने हिसाब से खुद को मरण और मृत्यु के लिए तैयार कर रहे होते हैं।
– सुकरात
जो व्यक्ति अपने पास की चीजों से संतुष्ट नहीं है। वह भविष्य में मिलने वाली चीजों से भी संतुष्ट नहीं हो पाएगा।
– सुकरात
●•● साधारणतः हमारी प्रार्थना आशीर्वाद के लिए होनी चाहिए, क्योंकि भगवान अच्छी तरह जानता है कि हमारे लिए क्या अच्छा है।
– सुकरात
मजबूत दिमाग विचारों पर चर्चा करते हैं, औसत दिमाग घटनाओं पर चर्चा करते हैं, कमजोर दिमाग लोगों पर चर्चा करते हैं।
– सुकरात
●•● इस दुनिया में सम्मान से जीने का सबसे महान तरीका है कि हम वह बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं।
– सुकरात
मैं किसी को कुछ भी नहीं पढ़ा सकता, मैं केवल उन्हें सोचनें पर मजबूर कर सकता हूँ।
– सुकरात
●•● सभी मनुष्यों की आत्माएं अमर हैं, लेकिन सदाचारियों की आत्माएं अमर और दिव्य हैं।
– सुकरात
जिन लोगों के लिए हमारे मन में सम्मान होता है, हम उनसे डरते भी हैं। लेकिन जिनसे हम सिर्फ डरते हैं, उनका सम्मान नहीं करते हैं।
– सुकरात
●•● जीवन नहीं, बल्कि अच्छे जीवन को महत्व देना चाहिए।
– सुकरात
●•● याद रखें कि मानवीय मामलों में कुछ भी स्थिर नहीं है। इसलिए समृद्धि में अनुचित उत्साह से बचें या प्रतिकूल परिस्थितियों में अनुचित अवसाद से बचें।
– सुकरात
मानव जाति दो प्रकार के लोगों से बनी है – बुद्धिमान लोग जो जानते हैं कि वे मूर्ख हैं और मूर्ख जो सोचते हैं कि वे बुद्धिमान हैं।
– सुकरात
●•● मित्रता करने में धीमे रहें, लेकिन एक बार जब मित्रता हो जाये तो दृढ़ और स्थिर रहें।
– सुकरात
●•● विवाह या ब्रह्मचर्य आदमी चाहे जो भी रास्ता चुन ले। उसे बाद में पछताना ही पड़ता है।
– सुकरात
दुनिया में सम्मान के साथ जीने का सबसे अल्पकालीन और निश्चित तरीका है कि जो हम लगना चाहते हैं, वो वास्तव में हों। और यदि हम ध्यान से देखेंगे, तो हम पाएंगे कि सभी मानवीय गुण उनके अभ्यास से अपने आप बढ़ते और दृढ़ होते हैं।
– सुकरात
●•● कभी कभी आप दीवारें दूसरों को दूर रखने के लिए खड़ी नहीं करते, बल्कि इसलिए खड़ी करते हैं कि आप ये देखना चाहते हैं कि इन्हें कौन तोड़ने की कोशिश करता है।
– सुकरात
●•● सिर्फ जीना मायने नहीं रखता है, बल्कि सच्चाई से जीना मायने रखता है।
– सुकरात
अगर आप अच्छे घुड़सवार बनना चाहते हैं तो सबसे बेकाबू घोड़े को चुनें। क्योंकि अगर आप इसे काबू में कर लेते हैं तो आप हर घोड़े को काबू कर सकते हैं।
– सुकरात
●•● जो मनुष्य अपने अवगुण और दूसरों के गुण देखता है वही महान व्यक्ति बन सकता है।
– सुकरात
●•● शिक्षा एक लौ जलाना है, किसी बर्तन को भरना नहीं।
– सुकरात
इस दुनिया में केवल एक ही चीज अच्छी है – ज्ञान। और केवल एक ही चीज बुरी है – अज्ञान।
– सुकरात
●•● मैं बुद्धिजीवी हूँ, क्योंकि मैं एक चीज जानता हूं और वह यह है कि मैं कुछ भी नहीं जानता।
– सुकरात
●•● शादी न होने तक किसी भी आदमी को दुखी न कहें।
– सुकरात
●•● नैतिक व्यवस्था, जो सापेक्ष भावनात्मक मूल्यों पर आधारित होती है, मात्र एक भ्रम है। पूरी तरह से अश्लील अवधारणा है जिसमें कुछ भी दृढ़ नहीं है और कुछ भी सच नहीं है।
– सुकरात
वह साहसी व्यक्ति है जो भागता नहीं है। बल्कि अपने स्थान पर बना रहता है और शत्रुओं का सामना करता है।
– सुकरात
●•● अक्सर गहरी इच्छाओं से घोर नफरत पैदा होती है।
– सुकरात
●•● चाहे जो हो जाए शादी जरूर करनी चाहिए। अगर अच्छी पत्नी मिली तो जिंदगी खुशहाल बन जाएगी और अगर बुरी पत्नी मिली तो आप दार्शनिक बन जाएंगे।
– सुकरात
सुकरात के अनमोल विचार |Best Sukrat(Socrates) Quotes In Hindi
●•● ईर्ष्या आत्मा का कलंक है।
– सुकरात
जो आपके सभी शब्दों और कार्यों की प्रशंसा करते हैं। उन वफादार लोगों के बारे में नहीं, बल्कि उनके बारे में सोचें जो आपके दोषों पर सहृदय फटकार लगाते हैं।
– सुकरात
●•● यदि किसी व्यक्ति को अपने धन पर गर्व है, तो उसकी प्रशंसा तब तक नहीं की जानी चाहिए, जब तक यह ज्ञात नहीं हो जाता कि उसने उसे कैसे नियोजित किया है।
– सुकरात
●•● पवित्र और कोमल शब्दों से कठोर दिलों को भी जीता जा सकता है।
– सुकरात
●•● हम बेहतर बनने की चाह में बेहतर नहीं जी सकते।
– सुकरात
गौरव पाने का सबसे आसान तरीका है कि आप वही बनने का प्रयत्न करें, जो आप बनना चाहते हैं, जो सोचते हैं।
– सुकरात
●•● मात्र प्रशंसा के द्वारा मित्र न बनाएं, बल्कि उन्हें अपने प्रेम का प्रत्यक्ष प्रमाण देकर पाएं।
– सुकरात
●•● एक ईमानदार व्यक्ति सदा एक बच्चा होता है।
– सुकरात
●•● संतोष प्राकृतिक संपदा है और विलासिता कृत्रिम दरिद्रता है।
– सुकरात
परिवर्तन का रहस्य ये है कि पुरानी चीजों के लिए लड़ना छोड़ नई चीजों को के निर्माण में अपनी पूरी ऊर्जा लगाएं।
– सुकरात
●•● आलस्य में बिताया गया जीवन आत्महत्या के समान है।
– सुकरात
●•● मूल्यहीन व्यक्ति केवल खाने और पीने के लिए जीते हैं जबकि मूल्यवान व्यक्ति केवल जीने के लिए खाते और पीते हैं।
– सुकरात
आपका दिमाग ही आपका उपदेशक है, यह हमेशा परिवर्तन से मुक्त रहना चाहता है। दर्द से मुक्त, जीवन और मृत्यु के झंझटों से मुक्त। लेकिन परिवर्तन ही संसार का नियम है और कोई भी मान्यता इस सच्चाई को बदल नहीं सकती।
– सुकरात
●•● जिंदगी को बदलने के लिए पहले खुद को बदलिये।
– सुकरात
●•● सुदृढ़ मानसिकता वाले लोग सिद्धातों अथवा उद्देश्यों की चर्चा करते हैं। सामान्य मानसिकता वाले लोग घटनाओं की चर्चा करते हैं तथा कमजोर मानसिकता वाले लोग लोगों की चर्चा करते हैं।
– सुकरात
सही अक्ल हम में से हर एक को आती है। जब हमें एहसास होता है कि हम जीवन को, खुद को और अपने आसपास की दुनिया को कितना कम समझते हैं।
– सुकरात
●•● प्रश्न को अच्छे से समझ लेना ही आधा उत्तर होता है।
– सुकरात
●•● कवि मात्र देवताओं के व्याख्याकार हैं।
– सुकरात
●•● आश्चर्य ही बुद्धिमानी की शुरुआत है।
– सुकरात
सबसे अमीर वह है जो थोड़े में संतुष्ट है। क्योंकि संतुष्टि प्रकृति की दौलत है।
– सुकरात
●•● याद रखें कि जो करने में अशोभनीय है, वह बोलने में भी अशोभनीय है।
– सुकरात
●•● केवल अत्यंत अज्ञानी या अत्यंत बुद्धिमान ही परिवर्तन का विरोध कर सकते हैं।
– सुकरात
●•● जब बहस खत्म होती है, तब निंदा हारने वाले का हथियार बन जाती है।
– सुकरात
प्रकृति ने हमें दो कान, दो आंखें, किंतु एक जीभ दी है, ताकि हम बोलने से ज्यादा सुने और देखें।
– सुकरात
●•● एक सच्चा व्यक्ति हमेशा एक छोटे बच्चे की तरह कोमल और मासूम स्वभाव का होता है।
– सुकरात
●•● ज्ञान को धन से ज्यादा महत्त्वपूर्ण समझें क्यूंकि ज्ञान शाश्वत है और धन क्षणभंगुर।
– सुकरात
●•● अपने आपको जानने के लिए अपने बारे में सोचें।
– सुकरात
●•● आप कुछ नहीं जानते इस बात का ज्ञान ही केवल सत्य ज्ञान है।
– सुकरात
दूसरों के लेख द्वारा स्वयं को बेहतर बनाने में अपना समय दें, ताकि आप आसानी से वह हासिल कर सकें। जिसके लिए दूसरों ने कड़ी मेहनत की है।
– सुकरात
●•● गलत के साथ टिके रहने की तुलना में राय को बदलना बेहतर है।
– सुकरात
●•● जहाँ श्रद्धा है वहाँ भय है। लेकिन हर जगह जहाँ भय है वहाँ श्रद्धा नहीं है। क्योंकि भय का श्रद्धा की तुलना में व्यापक विस्तार है।
– सुकरात
जो इस पार या उस पार का संकल्प करते हैं वही विजेता कहलाते हैं। बीच वाला तो बीच में ही डूब जाता है।
– सुकरात
●•● झूठे शब्द न सिर्फ़ अपने आप में बुराई हैं, बल्कि वे आत्मा को भी दूषित कर देते हैं।
– सुकरात
●•● उग्र प्यार का अंत सबसे ठंडा होता है।
– सुकरात
●•● जिस जीवन में परीक्षाएँ न हों, वह जीवन जीने योग्य नहीं है।