ड्वेन द रॉक जॉनसन की सफलता की कहानी | Dwayne The Rock Johnson success story in hindi

ड्वेन द रॉक जॉनसन की सफलता की कहानी | Dwayne The Rock Johnson success story in hindi


ड्वेन द रॉक जॉनसन की सफलता की कहानी | Dwayne The Rock Johnson success story in hindi



ड्वेन द रॉक जॉनसन का जन्म 2 मई 1972 को कैलिफोर्निया के हॉवर्ड में हुआ था उनके पिता का नाम रॉकी जॉनसन है जो एक मशहूर रेसलर रह चुके हैं और उनकी मां का नाम एटा मेरिया है जो रेसलर पीटर मेरिया की बेटी है।


ड्वेन जॉनसन कहते हैं Indiana Jones में हीरोगिरी देखकर मैंने छोटी उम्र में यह तय कर लिया था कि मैं कुछ बड़ा करना चाहता हूं मैं उस सपने से जुड़ सा गया था और उसी सपने को बार-बार देखता और खुद के अंदर कुछ बड़ा होते हुए महसूस करता मैं आज भी अपने सपने की उस उड़ान को अपने अंदर महसूस कर सकता हूं।


फिर 14 साल की उम्र में मैंने अपनी मां को रोते हुए देखा क्योंकि हमारे पास किराए के लिए पैसे नहीं थे Wrestling का बिजनेस है ही ऐसा अधिकतर पैसे केवल टॉप रेसलर या फिर फेडरेशन के मालिक को जाते हैं।


रॉक कहते हैं कि मैंने उस दिन फिर महसूस किया कि मैं फेल नहीं होना चाहता था शायद मैं इस बात को बार बार सोचता रहा ड्वेन कहते हैं कि फिर मैं 24 साल की उम्र में फेल हुआ और सीधे मुंह के बल गिरा मेरी जेब में केवल $7 डॉलर थे और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मुझसे क्या गलती हुई?


यूनिवर्सिटी फुटबॉल में पहले साल मेरा बहुत अच्छा प्रदर्शन रहा फिर साल के आखिरी महीने में मुझे कंधे में ऐसी चोट लगी कि अगले साल में खेल नहीं सका सीनियर ईयर के एथलीट को केवल एक मौका मिलता है NFL मैं जाने का और उस साल में कुछ भी ना कर सका साल के अंत में मेरे कॉलेज के टॉप प्लेयर्स जिनके साथ में टक्कर से खेलता था सब ने कई लाखों रुपए के कॉन्ट्रैक्ट साइन किए किसी ने 75 लाख किसी ने 80 लाख और मैं कनाडा में CFL खेलने चला गया जहां मुझे 1 महीने के 1000 कैनेडियन डॉलर मिल रहे थे फिर वहां से भी 3 महीनों में मुझे निकाल दिया गया और उस समय मेरी जेब में केवल $7 डॉलर थे।


ड्वेन जॉनसन कहते हैं कि मेरी 10 साल की मेहनत पर पानी फिर गया मैं कहां हो सकता था और कहां रह गया। मैं उन दिनों बस यही सोचता रहता कि मुझसे आखिर गलती कहां हुई हमेशा सुना था कि Hard work pays फिर मेरा पेमेंट कहां रह गया। फिर मैंने एक दिन अचानक निश्चय किया कि मैं पूरी तरह फेल तो हो ही गया हूं मैं इस फेलियर को हमेशा याद रखूंगा लेकिन अब इससे डरूंगा नहीं मैं आज से और अभी से प्रोफेशनल रेसलिंग की तैयारी करूंगा और कुछ भी किस्मत पर नहीं छोडूंगा जैसे रॉकेट लॉन्च होता है वैसे ही मैंने भी अपनी पूरी शक्ति के साथ ट्रेनिंग शुरू की।


शायद उस दिन रॉक अपने मानसिक तौर पर failure से भी आजाद हो गए थे ड्वेन जॉनसन के लिए अब एक पुराना जिम था जहां उनके पिता अब उन्हें train कर रहे थे उसी रेसलिंग बिजनेस में जाने के लिए जिसने उनके परिवार को गरीब रखा था। लेकिन अब रॉक के अंदर कुछ आजाद हो चुका था वह केवल एक ही दिशा थी जो ऊपर की तरफ जाती थी।


” सफलता पाने के लिए आपके अंदर भूख होना चाहिए” 


रॉक कहते हैं यह पूरा सच नहीं है लोग कहते हैं सफलता पाने के लिए आपके अंदर तड़प होना चाहिए कि मैं कब तक अपने मन का गुलाम रहूंगा कब तक जानते हुए भी आलस करता रहूंगा यह जानते हुए कि गुस्सा गलत है कब तक में इमोशन में बहता रहूंगा यह तड़प आपको अपनी कमियों से आजाद करती है और तब जाकर आप पूरी सच्चाई से एक्शन ले पाते हैं।


जॉनसन को रेसलर बनने की प्रेरणा उनके ही परिवार के सदस्यों से मिली । अतः सन 1996 में उन्होंने पहला मैच द्रव ब्रुकलिन बाउल्स के खिलाफ खेला और वह उनसे जीत गए । लेकिन “किस कैंडिटो” से अगले ही मैच में उन्हें बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा । उसके पश्चात उन्होंने रेसलिंग की दुनिया में अपनी तैयारी को डबल कर दिया । फिर उन्होंने डब्ल्यू डब्ल्यू एफ (WWF) का हिस्सा बने । अब वह डब्ल्यू डब्ल्यू एफ का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके थे ।


किसी तरह बचपन में हमारी भी यह प्रोग्रामिंग हो गई थी कि काम में कष्ट है मेहनत करने में मजा नहीं है इसलिए हर कोई सबकॉन्शियस लेवल पर कुछ और करना चाहता है इसी प्रोग्रामिंग के कारण बहुत ही कम लोग अपना 100% दे पाते हैं रॉक कहते हैं कि अगर मैं fail नहीं होता तो कभी भी faliure के डर से आजाद नहीं होता और कभी उस इंटेंसिटी से ट्रेनिंग करना नहीं सीख पाता उस समय मैंने समझा और खुद से निश्चय किया कि तुम को सबसे ज्यादा मेहनत करनी है।



मतलब जो भी मैं कर रहा हूं फिल्म में, जिम में मेरे लिए एक एक पल कीमती है उस समय कोई प्रॉब्लम कोई विचार या कोई कमी मुझे नहीं रोक सकती। ड्वेन कहते हैं कि आज भी जब मैं किसी बड़ी मीटिंग में जाता हूं तो मैं याद रखता हूं वह दिन जब मुझे CFL से बाहर निकाला गया था उस दिन मेरी जेब में केवल $7 डॉलर थे मेरा कोई भविष्य नहीं था Hardest work करने का मतलब है कि अब केवल मेरी एक ही दिशा है मैं जिस लक्ष्य पर नजर जमा लूंगा अब उसे पूरा करूंगा।


रिजल्ट चाहे कुछ भी हो लेकिन एक भी दिन ऐसा नहीं होगा जहां मेरे इंवॉल्वमेंट में मेरी शिद्दत में कुछ कमी हो।


आखिर रॉक कैसे हर दिन इस माइंडसेट में रह पाते हैं


रॉक कहते हैं मैं हर दिन सुबह 4:00 बजे उठता हूं और तैयार होकर weight room जाता हूं और खुद को याद दिलाता हूं nobody will outwork me और फिर उसी भावना से पूरे फोकस के साथ ट्रेनिंग करता हूं मेरे लिए हर रूटीन, हर वर्कआउट, हर एक्सरसाइज कीमती है और मैं उसे पूरे फोकस के साथ कर सकता हूं और यही Intensity में दिन में अपने हर काम में लाता हूं। इसी इंटेंसिटी की आग में करैक्टर बनता है जब आपको लगता है कि कुछ बहुत कठिन है तब भी आप इस इंटेंसिटी के साथ काम करते हो और इस आग में मजा है।


रॉक कहते हैं पैसे दौलत शोहरत मूवीस मुझसे आप सब कुछ ले लो फिर अगली सुबह 4:00 बजे आप मुझे किसी पुरानी जिम में पाओगे क्योंकि आप मुझे आउटवर्क नहीं कर सकते मुझे पूरा भरोसा है मैं इस वर्क एथिक से दोबारा कुछ ना कुछ बना लूंगा।


साल दर साल रॉक अलग-अलग प्रतियोगिता के लिए प्रतिस्पर्धा करते रहें । और एक से बढ़कर एक अवार्ड अपने नाम किए । इनकी प्रशंसा इसी से बढ़ती जा रही थी और उसके पश्चात इन्होंने हॉलीवुड में भी कदम रखने का मन बना लिया ।


वर्तमान में रॉक फिल्मों में किये अभिनय तथा पूर्व रेसलिंग की वजह से जाने जाते हैं । जॉनसन हॉलीवुड के पहले ऐसे अभिनेता में गिने जाते हैं । जिनकी फिल्मों ने अमेरिका में 3.5 बिलीयन डॉलर तथा विश्व भर में 10 मिलियन डॉलर से भी अधिक की कमाई की है । रॉक हॉलीवुड में सबसे अधिक भुगतान लिए जाने वाले पहले अभिनेता बने हैं । साल 2011 में इन्होंने फिल्म फास्ट एंड फ्यूरियस की फ्रेंचाइजी के जरिए विश्व भर में लोकप्रियता हासिल की । यह फिल्म साल 2011 की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्मों में शामिल थी। इसके बाद उन्होंने कई हॉलीवुड की हिट फिल्में दी अपनी मेहनत और लगन के कारण ही रॉक ने हालीवुड में भी अपनी अलग पहचान बनाई और प्रसिद्धि हासिल की।


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