मुंबई डॉन करीम लाला का जीवन परिचय, कहानी, इतिहास, बायोग्राफी, उम्र, परिवार, दाऊद इब्राहिम, गंगूबाई काठियावाड़ी, इंदिरा गांधी (Karim Lala biography in hindi, movie, networth, family, death, gangubai)
करीम लाला का जीवन परिचय, बायोग्राफी इन हिंदी | Kareem Lala Biography In Hindi
दोस्तों आज हम मुंबई के एक ऐसे अंडरवर्ल्ड के डॉन के बारे में बताने वाले हैं, जिससे दाऊद इब्राहिम जैसा खतरनाक गुनहगार भी डर जाता था। जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं करीम लाला की, मुंबई में किसी भी काम के लिए करीम लाला का नाम ही काफी था। एक समय था जब करीम लाला ने पूरी भारतीय राजनीति को हिला दिया था। आज भी करीम लाला का नाम डॉन की लिस्ट में सबसे उपर आता है।
करीम लाला कौन था?
करीम लाला मुंबई अंडरवर्ल्ड दुनिया का एक ऐसा खतरनाक क्रिमिनल है, जिससे पूरी मुंबई डरती है अर्थात करीम लाला ने पूरी मुंबई में अपना एकाधिकार बनाया हुआ है। अंडरवर्ल्ड की दुनिया का यह भी कहना है कि करीम लाला वही आदमी है जिसे ने दाऊद इब्राहिम को पीटा था। शिव सेना नेता संजय राउत ने इंदिरा गांधी को लेकर के यह भी कहा है कि “अंडरवर्ल्ड के माफिया करीम लाला से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मुंबई में आया करती थी, परंतु जब से अंडरवर्ल्ड माफिया का किंग करीम लाला आया है, उसके बाद से उन्होंने यहां आना ही कम कर दिया।
करीम लाला का जीवन परिचय (Karim Lala Biography in Hindi)
पूरा नाम – अब्दुल करीम शेर खान
जन्म – 1911
जन्मस्थान – कुनर प्रांत, अफगानिस्तानी अमीरात ( अफगानिस्तान)
भारत में घर – पायधुनी इलाका मुंबई
व्यवसाय – अवैध जुआ, अवैध धंधे, नशीले पदार्थ, जबरन वसूली, अनुबंध हत्या, तस्करी।
गैंग का नाम – पठान गैंग
करीम लाला का जन्म एवं परिवार (Karim Lala Birth and Family)
करीम लाला का जन्म वर्ष 1911 में अफगानिस्तान में हुआ था। इसका जन्म अफगानिस्तान में होने के कारण यह अफगानिस्तान का ही रहने वाला था। मुंबई अंडरवर्ल्ड के डॉन करीम लाला का असली नाम अब्दुल करीम शेर खान था। करीम लाला और उसका परिवार 1931 में भारत आया था उस समय उसकी उम्र करीब 21 वर्ष थी करीम और उसका परिवार मुम्बई के मुस्लिम इलाके में रहने लगा। उसकी बचपन से ज्यादा पैसा कमाने की ज्यादा इच्छा थी और इसी लालच ने उसे गलत रास्ते पर जाने के लिए प्रेरित किया।
करीम लाला का प्रारंभिक जीवन (Karim Lala Early Life)
करीम लाला मुंबई आने के बाद वहां पर कारोबार करने के तौर-तरीके सीखा और उसके साथ साथ वह कारोबार भी करता था। करीम लाला ने अपने इस नए कारोबार के पीछे हीरोइन का धंधा अर्थात हीरोइन का व्यापार करने लगा। हीरोइन वही नशीली पदार्थ है जिसे हम ड्रग्स के नाम से जानते हैं। अपने व्यापार के आड़ में होने वाले इस काम में करीम लाला लगभग 10 साल का पक्का खिलाड़ी बन गया और करीम लाला इस व्यापार को बड़ी ही बेकार तरीके से करता था। एक मैगजीन के अनुसार ज्यादा पैसा क्माने के चक्कर में वो अपराध की दुनिया में चला गया था। उसने एक एक मकान भी किराए पर लिया और सोशल क्लब के नाम से एक जुए का अड्डा बनाया। देखते ही देखते यह जुए का अड्डा उसकी कमाई का हिस्सा बन गया और लाखों रूपए वह हर महीने इस अड्डे से कमाने लगा. इसी बिच उसके अड्डे पर उस समय के कुछ गुंडे-बदमाश भी आने लगे और उनसे अच्छी दोस्ती भी हो गई।
करीम लाला के राजनैतिक संबंध (Karim Lala Political Connection)
करीम लाला बहुत ही उदार दिल का आदमी था, वह गरीबों की खूब सेवा करता था। आजकल के नेता तो गरीब लोगों की समस्याओं पर कम ध्यान देते हैं परंतु करीम लाला एक ऐसा आदमी था जो कि लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए दरबार लगाता था और न केवल दरबार लगाता था बल्कि आए लोगों के द्वारा मांगी गई मदद को भी पूरा करता था।
इसी के साथ कई बॉलीवुड के बड़े बड़े स्टार कलाकार लोगों से उसके रिश्ते भी थे। मुंबई में रह करके जिन बॉलीवुड स्टार्स को किसी भी प्रकार की समस्या होती थी तो वह सीधे करीम लाला के पास पहुंचता था। करीम लाला अंडरवर्ल्ड का इतना बड़ा डॉन बन गया था कि उसके संपर्क में दिलीप कुमार, हेलन जैसे प्रसिद्ध फिल्म स्टार रहते थे।
करीम लाला की पहुँच इतनी थी की अगर वह हुंकार भी भरता तो पूरी भारतीय राजनीति हिल जाया करती थी. उसके अनेक बड़े नेताओं के साथ संबंध थे. उसके अनेक काम सीधे फोन पर ही हो जाया करते थे. कभी-कभी तो दो पार्टियों के निर्णयों को भी करीम लाला अपने एक फोन से बदल देता था. हालाँकि वह हमेशा कहता था की राजनीति से उसका कोई लेना देना नहीं लेकिन उसकी छाँव में अनेक नेता एंव नेत्रियाँ पनपती थी।
करीम लाला और दाऊद इब्राहिम के बीच झड़प और लड़ाई (Karim Lala and Dawood Ibrahim)
कहते हैं की करीम लाला और दाऊद इब्राहिम की आपस में कभी नहीं बनी, एक समय ऐसा भी आया जब दाऊद इब्राहीम और उसका भाई शब्बीर इब्राहिम करीम लाला के इलाके में तस्करी करने लगे थे और जब करीम लाला को इसका पता चला तो उसने दाऊद इब्राहिम की इतनी पिटाई करी की दाऊद एक साल तक गायब रहा. लेकिन बाद में दाऊद के भाई शब्बीर की हत्या करीम ने 1981 में करवा दी थी. उसके बाद दाऊद ने करीम लभ खान की हत्या 1986 में करवा दी थी. दोनों में आपसी दुश्मनी शुरू हो चुकी थी. लेकिन करीम लाला कभी दाऊद से डरा नहीं और ना ही दाऊद ने कभी हार मानी दोनों ही हमेशा मौके की तलाश करते रहते थे. करीम ने अपने इलाके बदले और दाऊद ने करीम के कुछ इलाकों पर कब्जा कर लिया था।
करीम लाला और गंगुबाई कैसे ओर कब एक दूसरे से मिले (Karim Lala and Gangubai)
कहते हैं की करीम लाला अपना दरबार लगाया करते थे, इस दरबार में वह लोगों की मदद भी किया करते थे और अनेक मामले वहीं पर निपटा देते थे. एक समय गंगुबाई भी अपने साथ हुए अन्याय की गुहार लगाने इस दरबार में आई क्योंकि गंगुबाई के साथ बुरा काम करीम लाला के आदमियों ने किया था. ऐसे में करीम लाला ने गंगुबाई को अपनी बहन बनाया और उससे माफ़ी मांगी. करीम लाला ने कमाठीपुरा की पूरी बागदौड़ गंगुबाई को दे दी थी. यही वजह है की गंगुबाई के पास करीम लाला की बहन होने के कारण कई शक्तियां भी आ गई थी. आगे जाकर गंगूबाई माफिया क्विन के नाम से भी जानी गई. आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की ‘गंगुबाई काठियावाड़ी’ करके आलिया भट्ट की एक फिल्म भी आने वाली है।
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राजनीति में करीम लाला और इंदिरा गांधी (Karim Lala and Indira Gandhi)
करीम लाला और इंदिरा गांधी का भी आपस में कनेक्शन था. दरअसल ऐसी खबरें सामने आई थी कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी करीम लाला से मिलने मुंबई आया करती थी. हालही वे किस लिए उनसे मिलने आया करती थी इसकी जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन कहा जाता है कि वे उनसे राजनितिक मामले के संबंध में बात करने के लिए मिलने आया करती थी।
करीम लाला की मृत्यु (Karim Lala Death)
करीम लाला की मृत्यु 19 फरवरी 2002 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुई करीम लाला और दाऊद इब्राहिम के बीच कई गैंगवार चले जिसमें दोनों पक्षों के कई लोगों की जानें गईं। आखिरी वक्त में करीम लाला एक बीमारी से ग्रसित होकर मरा था। उसकी मृत्यु 19 फरवरी 2002 में 80 वर्ष की आयु में हुई।