रामधारी सिंह दिनकर के अनमोल विचार | Ramdhari singh dinkar quotes in hindi

रामधारी सिंह दिनकर के अनमोल विचार | Ramdhari singh dinkar quotes in hindi


रामधारी सिंह दिनकर के अनमोल विचार | Ramdhari singh dinkar quotes in hindi


रामधारी सिंह एक भारतीय हिंदी कवि, निबंधकार, देशभक्त और अकादमिक थे जिन्हें सबसे महत्वपूर्ण आधुनिक हिंदी कवियों में से एक माना जाता है। भारतीय स्वतंत्रता से पहले के दिनों में लिखी गई उनकी राष्ट्रवादी कविता के परिणामस्वरूप वे विद्रोह के कवि के रूप में फिर से उभरे। उनकी प्रेरक देशभक्ति रचनाओं के कारण उन्हें राष्ट्रकवि के रूप में सम्मानित किया गया।


रामधारी सिंह दिनकर के अनमोल विचार | Ramdhari singh dinkar quotes in hindi


●•● जैसे सभी नदियां समुद्र में मिलती हैं उसी प्रकार सभी गुण अंतत: स्वार्थ में विलीन हो जाते है।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● इच्छाओं का दामन छोटा मत करो , जिंदगी के फल को दोनों हाथों से दबा कर निचोड़ो।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● जिस काम से आत्मा सन्तुष्ट रहें उसी से चेतना भी संतुष्ट रहती है।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● दूसरों की निंदा करने से आप अपनी उन्नति  को प्राप्त नही कर सकते। आपकी उन्नति तो तभ ही होगी जब आप अपने आप को सहनशील और अपने अवगुणों को दूर करेंगे।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● मित्रों का अविश्वास करना बुरा है , उनसे छला जाना कम बुरा है।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● हमारा धर्म पंडितों की नहीं , संतो और  ऋषियों की रचना है।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● आजादी रोटी नहीं , मगर दोनों में कोई वैर नहीं। पर कहींं भूख बेताब हुई तो आजादी की खैर नहीं।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● सम्पूर्ण इंसान जाति में भेद नही करता।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● जैसे सभी नदियां समुद्र में मिलती हैं उसी प्रकार सभी गुण अंतत! स्वार्थ में विलीन हो जाता है।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● ईष्या की बड़ी बहन का नाम है निंदा। जो इंसान ईष्यालु होता है, वही बुरा निंदक भी होता है।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● अभिनंदन लेने से मना करना , उसे दोबारा मांगने की तैयारी है।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● कोई प्रशंसा ऐसी नहीं जो मुझे याद रहें , कोई निंदा ऐसी नहीं जो मुझे उभार दे।बनास्ति का परिणाम नास्ति है।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● जब खुलकर लोग तुम्हारी निंदा करने लगे तब तुम समझो कि तुम्हारी लेखनी सफल हुई।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● सुयश के पीछे नहीं दौड़ना , धन के पीछे नहीं दौड़ना जो मिला सो मेरा , जो नहीं मिला वह किसी अधिकारी मानव – बंधु का है।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● जिस इंसान के ह्रदय में भावना न हो , जिसे अपने देश से प्रेम नहीं , उसका ह्रदय ह्रदय नहीं पत्थर है।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● स्वार्थ हर तरह की भाषा बोल सकता है . हर तरह की भूमिका अदा कर सकता है .यहां तक की यह नि: स्वार्थ की भाषा भी नहीं छोड़ता।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● ऐसा कोई काम नहीं करना जिसे छिपाने की आवश्यकता हो , ऐसा कोई राज नहीं जानना जिसकी जानकारी से कोई जवाब देही आती हो।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● हम तर्क से पराजित होने वाले नहीं है। हाँ यदि कोई चाहे तो प्यार, त्याग और चरित्र से हमें जीत सकता है।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● जब गुनाह हमारा त्याग कर देता है, हम फ़क्र से कहते हैं हमने गुनाहों को छोड़ दिया।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● स्वार्थ हर तरह की भाषा बोलता है , हर तरह की भुमिका अदा करता है, यहां तक कि नि:स्वार्थ की भाषा भी नहीं छोड़ता।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● कवि पर फूल बरसाये जाएं , तो संभव है उनकी  खुशबू उसी समय नष्ट हो जाए।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● सूर्यास्त होने तक मत रुको। चीजे तुम्हें त्यागने लगें , उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● सदा चिंताशील व्यक्ति का कोई मित्र नहीं बनता।


– रामधारी सिंह दिनकर


●•● लोग हमारी चर्चा ही न करें, यह अधिक बुरा है। वे हमारी निंदा करें , यह कम बुरा है।


– रामधारी सिंह दिनकर


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