मिस्टीरियस लोग कैसे होते हैं इनकी खास बातें | Fact about mysterious people in hindi

मिस्टीरियस लोग कैसे होते हैं इनकी खास बातें | Fact about mysterious people in hindi

मिस्टीरियस लोग कैसे होते हैं इनकी खास बातें | Fact about mysterious people in hindi

दोस्तों जब कुछ अच्छी बातें आप अपनी जिंदगी में उतारते हैं तो कहीं ना कहीं आपकी पर्सनालिटी ऐसी बन जाती है कि आपके आसपास के लोग आपसे इंस्पायर होने लगते हैं। आपको फिर कोई फर्क नहीं पड़ता कि लाइफ में क्या प्रॉब्लम चल रही है और क्या नहीं, आप हमेशा अपनी एक अलग सोच से प्रॉब्लम को सॉल्व करने की ताकत रखते हैं अगर आप किसी के साथ साथ लाइफ में थोड़े Mysterious (रहस्यमयी) बन जाए तो लाइफ में जितने भी लोग आप से टकराते हैं वह और आपको जानने वाले लोग भी कहीं ना कहीं आपकी बहुत ज्यादा इज्जत करने लगते हैं। और इतना ही नहीं अगर आप वाकई में मिस्टीरियस जैसी पर्सनालिटी बनाते हैं तो यह पर्सनालिटी आपकी दुनिया को ऑब्सर्व करने वाली निगाह को शार्प बनाती है और आप अभी चीजें ज्यादा सही तरीके से समझने लगते हैं। फिर आप लोगों को सलाह भी सिर्फ थ्योरी के बेस पर नहीं देते बल्कि आपको फैक्ट भी नजर आते हैं और आप समझदारी के साथ अपनी जिंदगी जीते हैं।


दोस्तों कभी आपने सोचा है कि हमें भूतों की बातें सुनने में बहुत ज्यादा मजा क्यों आता है यह जो वेद वगैरह क्यों लिखे गए हैं, यह धरती पर भगवान पहले थे या नहीं या एलियन वगैरह है या नहीं? ऐसे टॉपिक पर बात करना हमें बहुत ज्यादा पसंद क्यों आता है? इसीलिए क्योंकि हमारा सामना रियलिटी से नहीं हुआ हम सब अपने अपने अनुमान से इन सभी चीजों को बताते हैं और इसमें खोते चले जाते हैं। पर सच्चाई यह है कि सच में किसी ने भूतों को या एलियन को नहीं देखा और ना ही उनके साथ कोई जिंदगी जी…. इसीलिए हम सभी को इनके बारे में जानना काफी ज्यादा पसंद आता है।


इसी तरह आप भी अपनी कुछ चीजों को रहस्यमई तरीके से रखते हो उनके बारे में किसी को कुछ ज्यादा बताते नहीं और किसी को अपने बारे में ज्यादा पता नहीं होगा तो जाहिर सी बात है कि उनको आपके बारे में जानने की उत्सुकता ज्यादा होगी और जब वह आपको जानने के लिए ज्यादा उत्सुक रहेगा तो जाहिर सी बात है कि उसको आप से ज्यादा अटैचमेंट होगी।


● मिस्टीरियस अपने दिन के बारे में ज्यादा किसी को कुछ बताते नहीं कि उनका दिन कैसा गया और उन्होंने पूरा दिन क्या किया, और यही चीज सबको उनके बारे में जानने के लिए थोड़ा और बेचैन करती है आप भी बातें करते हो तो अपनी सारी बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए। आप अपनी बातें छुपा के जितना सामने वाले को जानोगे वह उतना ही आप में इंटरेस्ट लेगा।


● मिस्टीरियस लोगों के माइंड को पढ़ना लगभग इंपॉसिबल होता है कई बार ऐसा होता है कि जब हम किसी को जानने लगते हैं फिर आप खुद ही माइंड में उसे सोचकर सवाल करते हैं तब हमारा माइंड ही आंसर करने लगता है कि वह भी अगर सामने होता तो आंसर करता।

पर मिस्टीरियस लोगों में कभी ऐसा नहीं हो पाता क्योंकि वह कभी भी एक जैसा व्यवहार नहीं रखते वह कभी भी अपने सारे इमोशंस किसी को नहीं दिखाते और इसी वजह से उनको पढ़ना काफी इंपॉसिबल हो जाता है और मिस्टीरियस इंसान क्लोज रिलेशनशिप सिर्फ कुछ ही लोगों के साथ मनाते हैं और जब आपको पता चल जाता है कि आप उनके बहुत ज्यादा खास हो तब आपको प्राउड फील होता है ।


● इसी तरह आपको खुद को किसी के सामने पेश करना आना चाहिए अगर आप उसे यह दिखाते हो कि आप तो सभी से एक जैसी बात करते हैं आपके तो हजारों दोस्त हैं तो यह रवैया किसी को भी पसंद नहीं आएगा और उसको यह लगेगा कि जब आपके इतने सारे जानने वाले हैं तो उसकी जगह कहां होगी और इस वजह से वह काफी ज्यादा इनसिक्योर फील करेगा इसीलिए आप यह ध्यान रखो कि आप हर किसी को खास फील कराने की वजह कुछ ही लोगों के साथ अच्छे रिलेशन रखो उन्हें अपने क्लोज रखो।


● मिस्टीरियस लोग काफी ज्यादा डीप होते हैं ओर इमोशनल होते हैं और इस वजह से जब यह लोगों से मिलते हैं तो सामने वाला समझ जाता है कि आप काफी ज्यादा डीप हैं। और फिर वह यह सोचने लगते हैं कि काश वह उनके साथ और ओपन हो जाए और उनको सभी बात बता दें। जब हम अपने इमोशन दूसरों से छुपाते हैं तो यह तो बात सच है कि लोग हमारे इमोशन जानने कि काफी ज्यादा कोशिश करते हैं फिर भले ही उन्हें जानने के बाद ज्यादा कुछ ज्यादा फर्क ना पड़े लेकिन इमोशन छिपाने से सामने वाले में हमें जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है। 


● मिस्टीरियस लोग अपने पूरी दुनिया के बीच में एक दीवार बनाना जानते हैं दरअसल मैं यह आत्मनिर्भर होते हैं। बाहरी दुनिया के विचार ही होते हैं जो हमें डीमोटिवेट करते हैं और हम अपनी जिंदगी पर कंट्रोल नहीं कर पाते। लेकिन जब हम अपने और ऐसे लोगों के बीच में दीवार बना लेंगे तो लोग चाहे जितनी मर्जी चिल्ला लें उनकी आवाज कभी हमारी तक नहीं पहुंच पाएगी इसीलिए खुद के ओर इन लोगों के बीच दीवार बनानी बहुत जरूरी है इसलिए मिस्टीरियस लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता कि बाहर क्या चल रहा है और क्या नहीं। यानी उनके साथ कोई है या नहीं या कौन उनके साथ सिर्फ मतलब से है। इसलिए वह कभी डिमोटिवेट नहीं होते और शांत रहकर चीजों पर फोकस बनाना जानते हैं वह ऐसी चीजों को कंट्रोल करने की कोशिश नहीं करते जो उनके कंट्रोल से बाहर है क्योंकि इन बातों पर ध्यान देने से आपका सिर्फ वक्त खराब होता है और आप उन बातों पर भी ध्यान नहीं दे पाते जिनको आप कंट्रोल कर सकते हैं।


● मिस्टीरियस लोग ज्यादातर वक्त अकेले बिताने की कोशिश करते हैं और अपना ज्यादातर समय ऑब्जर्व करने में लगाते हैं जब हम अकेले बैठे होते हैं तो हमारा ध्यान हमारे ही आसपास की चीजों में घूमने लगता है फिर हम सही तरीके से सोच पाते हैं कि कौन सी चीजें कब और कैसे करनी है।


● इसी तरह जब हम लोगों को देखते हैं ओर उन्हें ऑब्जर्व करते हैं तो हम देखते हैं कि किस तरह से वह लोग परेशानी से लड़ रहे हैं कौन सी गलती उन्होंने की जो हमें नहीं करनी है। ऑब्जरवेशन वह सभी चीजों को देखने और समझने की शक्ति देती है जो आम इंसान नहीं देख पाता और इस तरह से हम बाकी लोगों से थोड़ा अलग सोच पाते हैं।


● मिस्टीरियस लोग हमेशा शांत रहते हैं वह निर्णय लेने में माहिर होते हैं और किसी को सलाह देने में भी। अगर आप चीजों को ऑब्सर्व करोगे तो आप डीप थिंकिंग भी जरूर करोगे जब डीप थिंकिंग होगी तो आप अपने आप ही किसी भी बात की जड़ तक जाओगे ओर जब किसी भी बात की जड़ तक जाओगे तो आपको फैसले लेने में आसानी होगी। यही वजह है कि जो लोग बहुत सही सलाह देते हैं और फैसले लेने में माहिर होते हैं लोग उनकी काफी ज्यादा इज्जत करते हैं। इसके बाद जब हम ऐसे लोगों के साथ होते हैं इनसे कुछ पूछते हैं या यह कुछ बताते हैं तो यह वह बातें कभी नहीं बताते जो सभी लोगों ने आप से कही असल में यह हमेशा लाइफ में आने वाली प्रॉब्लम और अपॉर्चुनिटी को अलग ही निगाह से देखते हैं और यह सब होता है इनके ऑब्जरवेशन से इनके नजरिए से जो अपनी जिंदगी को काफी समय से अलग नजरिए से देख रहे होते हैं।


● मिस्टीरियस लोग कभी भी आपको समझ नहीं आते वह हमेशा लाइफ को अलग ही नजरिए से देखते हैं आप उन्हें जानने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं इसीलिए आप का प्यार उन्के लिए कभी भी खत्म नहीं होता और आप उनके साथ कभी भी बोर नहीं होते।


● दोस्तों मिस्टीरियस से मेरा मतलब यह नहीं है कि आप झूठे बन कर रहो या फिर दिखावे की जिंदगी जीना शुरु कर दो मगर आप के बनाए हुए प्लान जो आप आगे करने वाले हो किसी से के साथ शेयर मत करो कुछ वक्त खुद के साथ बिताओ ताकि वाकई आपको किसी ऐसे व्यक्ति की सलाह मिल सके जो आपको वाकई में बहुत अच्छे से जानता हो।