दोस्ती का अंत हिंदी कहानी | Shrot moral story in hindi for class 4

दोस्ती का अंत हिंदी कहानी | Shrot moral story in hindi for class 4


दोस्ती का अंत हिंदी कहानी | Shrot moral story in hindi for class 4


दोस्ती का अंत | Shrot moral story in hindi for class 4


एक बार एक गाय अपने झुंड से बिछड़ कर तथा अपने रास्ते से भटक कर जंगल में खो गई थी। एक शेरनी ने जब उस गाय को देखा है तो उसको गाय पर दया आ गई शेरनी उसको अपने घर ले गई और जल्दी ही वह दोनों में अच्छी मित्रता हो गई। कुछ महीने बाद शेरनी ने अपने एक बच्चे को जन्म दिया उसी प्रकार गाय ने भी एक बछड़े को जन्म दिया। समय बीतने के साथ-साथ वह बछड़ा बड़ा होकर बेल बन गया और छोटा शेर का बच्चा बड़ा होकर शेर बन गया। 


वह दोनों बड़े होकर भी बहुत अच्छे मित्र बने हुए थे वे दोनों अक्सर एक दूसरे से मिलते थे और दोनों मिलकर बहुत दूर तक घूमने जाते थे। जंगल के सभी जानवर जो भी उनको देखते थे सभी आश्चर्यचकित रह जाते थे की एक शेर और एक बैल इतने अच्छे मित्र कैसे हो सकते हैं। देखने वाले जानवरों में एक सियार भी था जो इन दोनों की मित्रता को देख कर रात दिन उनसे जलता रहता था और कुछ ना कुछ सोचता रहता था। उसका विचार सिर्फ उन दोनों के मांस को बारी-बारी से खाना था। इसीलिए वह सोच रहा था कि इन दोनों मित्रों के बीच किस प्रकार लड़ाई झगड़ा कराया जाए और मैं उस का आनंद ले सकूं। जल्दी ही उस सियार ने एक योजना बनाई।


सबसे पहले उसने उन दोनों शेर और बैल के साथ मित्रता की। फिर उसने एक दूसरे के प्रति कहानियां बनानी और सुनानी शुरू कर दी। वह बेल से जाकर कहता कि शेर उसके लिए बहुत ही बुरी बातें ओर उसकी बुराई करता है। उसके बाद वह शेर के पास जाता और उससे कहता की बेल उसके लिए बहुत ही नीच और तुच्छ बातें करता है। सियार की बातें और कहानियां जो वह शेर और बैल को एक दूसरे के लिए बताता था वह सभी बातें झूठी थी। लेकिन उसका परिणाम वही हुआ जो कि सियार चाहता था। दोनों मित्र बैल और शेर अब एक दूसरे के ऊपर संदेह करने लगे उन दोनों ने एक दूसरे के साथ घूमने जाना भी बंद कर दिया था। और बात भी वह एक दूसरे से कभी कभी और बहुत कम ही करते थे। इधर सियार बराबर एक दूसरे को झूठी झूठी बातें और मनगढ़ंत कहानियां सुनाता रहता था ताकि दोनों के बीच में लड़ाई हो जाए।


एक दिन शेर और बैल झूठी झूठी बातें सुनकर बहुत अधिक गुस्से में आकर बुरी तरह से लड़ने लगे और आपस में एक दूसरे को मारने की सोचने लगे। और आखरी में उन दोनों ने एक दूसरे को जान से मार ही दिया। हर एक जानवर जो इन दोनों की मित्रता के बारे में जानता और देखता था उनके लड़ाई झगड़े और मरने मारने की बात सुनकर हैरान रह गए वह सब दुखी होकर रहने लगे अच्छी मित्रता का अंत हो गया।


कहानी से मिली सीख


अच्छा मित्र मिलता है जीवन में बड़ी मुश्किल से, पर मित्रता का अंतर होता है तीसरे की सुनने से, दुनिया में बहुत से प्राणी होते हैं ईर्ष्यालु मित्रों को लड़ता देख वह होते नहीं दयालु, तीसरे का अपना स्वार्थ ही मित्रों को मार देता है, अपनी बुरी योजना का आनंद भी वही लेता है।