सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अनमोल विचार | Sadhguru Jaggi Vasudev Quotes in hindi

सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अनमोल विचार | Sadhguru Jaggi Vasudev Quotes in hindi


सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अनमोल विचार | Sadhguru Jaggi Vasudev Quotes in hindi


सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अनमोल विचार | Sadhguru Jaggi Vasudev Quotes in hindi on Life


●•● संपत्ति को अपनी भलाई में बदलने के लिए, आपको आध्यात्मिक तत्व की आवश्यकता होगी। उसके बिना, आपकी सफलता आपके खिलाफ काम करेगी।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● जब कोई ज़रूरत से ज्यादा खाए और कोई भूखा रहे तो मैं उसे अनर्थ कहता हूँ।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● चाहे आप कोई बिजनेस, इंडस्ट्री या देश चला रहे हों –जो चीज चाहिए वो हैं अंतर्दृष्टि, ईमानदारी , और प्रेरणा।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● गलत खेती के तरीकों से, हम उपजाऊ जमीन को रेगिस्तान में बदल रहे हैं। जब तक हम वापस जैविक खेती की ओर नहीं लौटते और मिटटी को नही बचाते, तब तक कोई भविष्य नहीं है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● लोग किताबों को पवित्र कहते हैं, लेकिन उन्हें अभी भी ये समझना है कि जीवन पवित्र है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● अस्तित्व में सबसे बड़ी शक्ति चेतना है, और आप वो हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● अविश्वसनीय चीजें आसानी से की जा सकती हैं यदि हम उन्हें करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● शिक्षा का फोकस दमनकारी सूचना पर नहीं होना चाहिए बल्कि ज्ञान की प्यास प्रज्वालित करना होना चाहिए।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● ब्रह्मांड के विस्तार में, सब कुछ सही चल रहा है, लेकिन आपके मन में आया एक जरा सा बुरा विचार पूरा दिन खराब कर देता है। यह परिप्रेक्ष्य का अभाव है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● कुंठा, निराशा और अवसाद का मतलब है कि आप अपने खिलाफ काम कर रहे हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● अगर कोई आपके अहंकार पर कदम रखता है, वो आपका दुश्मन बन जाता है। लेकिन एक गुरु एक दोस्त होता है जो लगातार आपके अहम को कुचलता रहता है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● एक इंसान एक बीज की तरह है। या तो आप इसे वैसे रख सकते हैं जैसा वो है, या

आप इसे फूलों और फलों से लदे एक अद्भुत पेड़ के रूप में विकसित कर सकते हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● अधिकतर लोग ईगो-सेंसिटिव होते हैं, लाइफ-सेंसिटिव नहीं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● एक बार जब आपका मन पूर्ण रूप से स्थिर हो जाता है तब आपकी बुद्धि मानवीय सीमाओं को पार कर जाती है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● पेड़ आपकी साँसों के स्रोत हैं- उन्हें काटिए और आप जीवन को ही काट देंगे।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● एक गुरु कोई ऐसा नही होता जो आपके लिए मशाल पकड़ता है। वो खुद मशाल होता है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● ख़ुशी बस आनंद की छाया है। जब आपके अन्दर कोई आनंद नही होता, तो आप ख़ुशी खोजने लगते हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● अध्यात्म परम लालच है। आप न सिर्फ सृजन का एक टुकड़ा चाहते हैं , आप सृष्टि का स्रोत चाहते हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● ये आपकी क्वालिफिकेशंस नहीं बल्कि लाइफ में मिलने वाला एक्सपोज़र है जो आपको वो बनाता है जो आप हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● आध्यात्मिकता का मतलब है क्रमिक विकास की प्रक्रिया को फ़ास्ट-फॉरवर्ड पे डालना।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● जो कुछ भी निर्मित किया जा सकता है वो पहले से ही सृष्टि में किया जा चुका है। बतौर मनुष्य, हम बस उसकी नक़ल कर सकते हैं, बना नहीं सकते।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव

●•● एक ज़रूरी चीज जो आप अपने बच्चों के लिए कर सकते हैं वो है उन्हें बाहर प्रकृति में ले जाने के लिए कुछ समय देना।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● भक्ति तब होती है जब जीवन के साथ आपकी भागीदारी इतनी पूर्ण होती है कि आप खुद कोई मायने नहीं रखते।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● हर चीज को ऐसे देखना जैसी कि वो है, आपको जीवन को सहजता से जीने की शक्ति और क्षमता देता है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● हमें और हिन्दू, और क्रिश्चन, या और मुसलमान नहीं चाहिएं- हमें और बुद्ध, और जीसस, और और कृष्ण चाहिएं- तब असल बदलाव आएगा। हर मनुष्य में वो आंतरिक क्षमता है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● भौतिक अस्तित्व का बस एक छोटा सा पहलू है। इस ब्रह्मांड में 1% भी भौतिक नहीं है- बाकी गैर-भौतिक है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव

●•● कोई भी दो व्यक्ति एक से नहीं हो सकते। आप लोगों की तुलना नहीं कर सकते। आप बस बराबर अवसर दे सकते हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● हर बुनियादी काम जैसे खाना या सेक्स करना जादुई बन जाता है जब आप इसे कोंसियसली करते हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● जिस तरह की क्षमता एक मनुष्य में होती है, ये जीवन बहुत छोटा है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● आपकी ज्यादातर इच्छाएं वास्तव में आपकी नहीं होतीं। आप बस उन्हें अपने सामजिक परिवेश से उठा लेते हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● मैं तुम्हे बदलना चाहता हूँ, ये क्रांति नहीं है. “ मैं बदलना चाहता हूँ” अब ये एक क्रांति है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● खोजने का अर्थ है ये स्वीकार करना कि आप नहीं जानते हैं। एक बार जब आप अपनी स्लेट साफ़ कर लेते हैं, सच खुद को उसपर छाप सकता है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● ईमानदारी एक्शन के बारे में नहीं बल्कि उद्देश्य के बारे में है। क्या आप इसे सबकी भलाई के लिए कर रहे हैं या अपने फायदे के लिए?

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● गप्पें मारना आपके आस-पास के लोगों के साथ एक तरह का मिसअलाइनमेंट है। या तो आप सबके बारे में गप मार सकते हैं, या सबके साथ एक हो सकते हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● ये आपकी क्वालिफिकेशंस नहीं बल्कि लाइफ में मिलने वाला एक्सपोज़र है जो आपको वो बनाता है जो आप हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● हर चीज को फ़ोन के माध्यम से देखना बस आपकी अनुभूति को सुन्न कर रहा है- ये वास्तव में किसी भी तरह आपके जीवन के अनुभव को बढ़ा नहीं रहा।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● जब तक आप अपने कष्टों से बेखबर नहीं होते, आपको कोई अधिकार नहीं कि आप दूसरों के कष्टों से बेखबर हों।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● मन को केवल कुछ चीजें ही याद रहती हैं। शरीर को सबकुछ याद रहता है। जो सूचना ये रखता है वो अस्तित्व के प्रारम्भ तक जाती हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● मेरी कोई राय नहीं होती। केवल जब किसी काम के लिए आवश्यक हो जाता है, मैं कोई निर्णय लेता हूँ। राय आपकी बुद्धि के लिए बेड़ियाँ हैं।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● आत्मा, स्वर्ग, या भगवान् के बारे में बात मत करो। किसी ऐसी चीज के बारे में बात करना हो आपके लिए वास्तविकता न हो झूठ के बराबर है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● कोई भी काम तनावपूर्ण नहीं है। शरीर, मन और भावनाओं का प्रबन्धन ना कर पाने की आपकी असमर्थता उसे तनावपूर्ण बनाता है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● अधिकतर मनुष्य पिंजड़े में कैद एक चिड़िया की तरह रहते हैं जिसका दरवाजा टूटा हुआ हो। वे आदतन पिंजड़े को गोल्ड प्लेट करने में बहुत व्यस्त होते हैं, वे परम संभावनाओं तक नहीं जाते।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● आध्यात्मिकता विशेष बनने के बारे में नहीं है – ये हर के चीज साथ एक बनने के बारे में है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● जिम्मेदारी का मतलब है जीवन में आने वाली किसी भी स्थिति का सामना करने में सक्षम होना।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● पानी की अपनी याददाश्त है। आप इसके साथ कैसे पेश आते हैं, किस तरह के विचार और भावनाएं पैदा करते हैं उसी के अनुसार वो आपके शरीर में व्यवहार करता है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


●•● किसी से अटैच होना दुसरे व्यक्ति के बारे में नहीं है। ये आपकी अपनी अपर्याप्तता के बारे में है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव


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