जीवन मे सफल होने के 21 रूल | 21 Best Rules For Success in life
जीवन मे सफल होने के 21 रूल | 21 Best Rules For Success in life
मियामोटो मुसाशी(Miyamoto Musashi) एक जापानी तलवारबाज और एक फिलॉस्फर थे। सिर्फ 15 साल की उम्र में ही उन्होंने अपना गांव छोड़कर खुद को बेहतर बनाने के लिए घर से निकल गए जो एक योद्धा के लिए एक तीर्थ यात्रा या फिर अपने स्किल्स डेवलप करने की एक यात्रा होती है। उन्होंने वहां अलग-अलग लड़ाइयां लड़ी अपने जीवन में वह कुल 61 लड़ाइयां लड़ी और जिसमें वह एक बार भी नहीं हारे और यह अब तक का हाईएस्ट रिकॉर्ड है। उन्होंने आखिरी में लड़ाइयां करना त्याग दिया और वह एक पहाड़ी किले में रहने लगे जहां उन्होंने अपनी डिसिप्लिन लाइफ, फिलॉसफी, इज्जत कमाने और एक महान इंसान बनने पर ज्ञान लिखना शुरू किया। इनमें से उनका आखरी काम था डूकुडू जिसे हम वाकिंग अलोन के नाम से जानते हैं। जिसमें उन्होंने जिंदगी जीने के 21 रूल दिए हैं और इस पोस्ट में हम मियामोटो मुसशी के 21 रूल को सीखेंगे, की एक महान योद्धा किस तरह से सोचता है और हमें भी वैसे किस तरह से सोच सकते हैं।
जीवन में सफल होने के रूल – 21 Best Rules For Success in life
1. हर चीज को वैसे ही स्वीकार करें जैसे वह है।
सबसे पहला सिद्धांत यह है कि हमें हर एक चीज को उसी तरह से एक्सेप्ट करना चाहिए जैसे वह है क्योंकि हमारी लाइफ में हमेशा बदलाव होते रहते हैं और जहां हम इस बदलाव को रोक नहीं सकते तब हमें इनको एक्सेप्ट करने की क्षमता जरूर विकसित करना चाहिए। इसके साथ ही अगर हम किसी डिसएडवांटेज के साथ इस लाइफ में आए जैसे कि हमारे फैमिली में पैसों की कमी थी, या फिर हमारे घर में किसी की डेथ हो गई थी। तो इन सब बातों से दूर मत भागो जबकि इन्हें एक्सेप्ट करो मियामोटो भी इतने खुश नसीब नहीं थे कि वह किसी स्कूल या किसी मास्टर के पास जा पाते जहां उन्हें जरूरी नॉलेज या स्किल्स दी जाती पर उन्होंने जगह-जगह जाकर महान योद्धाओं से लड़ाइयां लड़ी ताकि वह अपनी क्षमताओं को बेहतर बना पाएं।
2. अपने लिए सुख की तलाश मत करो
यह महानता हासिल करने की सबसे कम रिक्वायरमेंट है, कि आप अपने आनंद और छोटे-मोटे मोज़ मस्ती को छोड़ दो कुछ बड़ा हासिल करने के लिए, जो भी चीज आप सिर्फ अपने मजे के लिए करोगे वह आपको पीछे खींचेगी और बाद में आप उस मजे को करके बहुत ज्यादा पछताओगे जितना कि आपने उसे इंजॉय किया था।
3. किसी भी परिस्थिति में गलत डिसीजन न करें, आंशिक भावना पर निर्भर रहें
हमारी फिलिंग्स का काम यह होता है, कि क्या करना जरूरी है और किस चीज को हमें छोड़ना चाहिए। लेकिन कई बार जब हम किसी डिसीजन या एक्शन को लेकर कन्फ्यूज होते हैं तब वही सेम फीलिंग जो हमें एकदम सही डिसीजन दे रही थी अब उनकी बात सुनना गलत होगा क्योंकि एक पार्सल फीलिंग पर एक्ट करना अनडिजायर्ड रिजल्ट को वेलकम करना है, और यह तब होता है जब वह फीलिंग आपको बड़ा कदम लेने को बोल रही होती है इसके बजाय जब आपकी फीलिंग आपका साथ ना दे तब आप अपने दिमाग से काम लेना है यह सोचना है कि क्या वाकई में आपके लिए सही है और क्या गलत।
4. अपने बारे में कम और दुनिया के बारे में अच्छी समझ रखें
जब हम सिर्फ खुद पर फोकस करते हैं और खुद के बारे में ही सोचते रहते हैं तब हम दुनिया की समझ को खो देते हैं। आपका फोकस खुद की सेल्फिश जरूरत के लिए नहीं बल्कि दुनिया को सर्व करने पर होना चाहिए जिससे वह चीज जिनकी आपको जरूरत है वह खुद ब खुद आपके पास आ जाए। अपने बारे में लाइटली सोचने का यही मतलब है कि हम घमंडी बनने की वजह यह समझ ले कि हम भी बाकी करोड़ों लोग की तरह ही हैं। और अल्टीमेटली हमारी जिंदगी की कीमत भी उनकी जिंदगी जितनी ही है इसलिए यह मत सोचो कि दुनिया आपके आसपास घूमती है बल्कि यह सोचो कि थोड़े हंबल बनो और तभी लोग आपको रिस्पेक्ट देंगे।
5. जीवन भर कामनाओं से मुक्त रहो
किसी चीज को डिजायर करने का मतलब है कि कांस्टेंटली उस चीज के पीछे भागते रहना और जब तक वह चीज आपको मिल नहीं जाती तब तक दुखी महसूस करना। यह चीज बुद्धिस्म में भी बोली गई है कि आप चीजों से ज्यादा लगाव न रखें, इसलिए अपनी लाइफ में गोल्स जरूर सेट करो लेकिन उस गोल से हमेशा डिटैचड रहो ताकि आप गोल के पीछे भागने के बजाय वह आपको अपने पीछे बुलाए।
6. अपने किए पर पछतावा न करें
जब हम खुद के एक्शंस को अच्छे से समझते हैं और हमारे दिल में उस एक्शन को लेकर कोई पछतावा नहीं होता चाहे हमारे एक्शंस का रिजल्ट बुरा ही क्यों ना निकले अगर हमारे इरादे नेक थे तो हमें परिणाम से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। पछतावा उन लोगों को होता है जो बिना सोचे समझे कोई भी काम कर देते हैं। जिनसे वह खुद भी दुखी होते हैं और दूसरे लोग भी, और बाद में वह इसी चीज के लिए शर्मिंदगी महसूस करते हैं। मियमोटो कहते हैं कि अपनी अवेयरनेस का लेवल इतना हाई रखो कि आप हड़बड़ाने की बजाए हमेशा ठंडे दिमाग से सोच सको।
7. कभी भी किसी से ना जलें
दूसरों के पास क्या है क्या नहीं इससे आपको बिल्कुल फर्क नहीं पड़ना चाहिए दूसरों की उपलब्धि को देखकर जलना एक टाइम वेस्ट है क्योंकि आपकी लाइफ की जर्नी दूसरों से अलग है। और अपने आपको दूसरों से कंपेयर करने से आपको लॉन्ग टर्म में एक डिमोटिवेशन और और अपनी प्रोग्रेस का एक गलत डाटा ही मिलेगा इसलिए जो एनर्जी आप दूसरों के कामों में इंवॉल्व होने के लिए कर रहे हैं वह एनर्जी आप अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने पर लगाओ।
8. किसी के जाने से कभी खुद को दुखी मत होने दो
हमारी जिंदगी में लोग आते जाते रहते हैं और अगर हम उन से अटैच हैं या उनके बिना अच्छा महसूस नहीं करते हैं तो उनसे अलग होने पर हमारी लाइफ भी डगमगाने लगेगी और हम भी लंबे समय के लिए किसी दूसरी चीज पर फोकस ही नहीं कर पाएंगे इसलिए अपने आप में बेहतर बनो और जब भी आप किसी से दूर होते हो तब आप ना तो उनके लिए अपने दिल में कड़वाहट रखो वह ना ही अटैचमेंट। बस यह सोचो कि आपको उनके साथ कुछ अच्छे पल बिताने और उनसे कुछ अच्छा सीखने को मिला।
9. नाराजगी और शिकायत न तो अपने लिए उपयुक्त है और न ही दूसरे के लिए
बेवजह कड़वाहट पालने और कंप्लेन करने से बेहतर है दूसरों के ऊपर उंगली उठाने के बजाय खुद के अंदर झांके और खुद पर फोकस करें। इससे दूसरों के एक्शन से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि रेजेंटमेंट रखने से तो हम अपने आप में ही परेशान होते रहते हैं और दूसरों के साथ अपने रिलेशन को खराब कर लेते हैं। इसलिए जैसे ही आपको लगे कि आप किसी इंसान के बारे में बुरा सोचने लगे हो तो अपने विचारों को वहीं पर पकड़ लो और उन्हें बदल डालो।
10. वासना या प्रेम की भावना से स्वयं को निर्देशित न करें
प्यार और जिंदगी की जंग में ज्यादा डिफरेंस नहीं है क्योंकि एक सच्चे प्यार को पाने के लिए आपको कई लड़ाइयां लड़नी पड़ेगी लेकिन जब प्यार या हवस आपकी सोच को धुंधला बनाने लगते हैं और आप हमेशा ही इन चीजों से डिस्ट्रक्टेड रहते हो तो वह चीज आपके लिए बहुत हानिकारक है। इसीलिए अपने आपको डिसिप्लिन बनाओ अपने आप को कंट्रोल में रख कर और इन डिस्ट्रैक्शन को ना बोलने की प्रैक्टिस करो।
11. सभी चीजों में कोई प्राथमिकता नहीं होती है
आपका दिमाग हमेशा खुला हुआ होना चाहिए और आपको हमेशा नई चीजें जानने के लिए उत्सुक रहना चाहिए क्योंकि जब भी हम ऐसा बोलने लग जाते हैं कि हमें तो सिर्फ जंक फूड खाना है या आराम से बैठे रहना पसंद है तब हम यह दिखा रहे होते हैं कि हमारा वर्ल्डव्यू हमारी प्रेफरेंसेस की वजह से कितना डिस्टोर्टेड है और हम बाहरी चीजों पर कितना डिपेंड हो गए हैं खुश रहने के लिए इसके बजाय नई नई चीजों को जानो और उन्हें ट्राई करो अपने प्रेफरेंस के आगे अंधे मत हो जाओ।
12. आपकी ग्रोथ हमेशा एक जगह पर नही होगी
यहां पर मियमोटो कहते हैं कि ग्रोथ हमेशा एक ही जगह पर रहने से नहीं मिलती क्योंकि 1 पॉइंट के बाद आप अपने घर या मोहल्ले को मास्टर कर लोगे जिसके बाद आपको कहीं और जाना पड़ेगा नए चैलेंजएस को फेस करने और नए पाठ को पढ़ने के लिए अपनी जिंदगी में मियमोटो जापान की अलग-अलग जगहों पर घूमते रहे और हर किसम के इंसानों से मिलकर उनकी मेंटालिटी को समझते रहे बिल्कुल ऐसे ही अपने घर से इतना लगाव मत बना लो कि आप कभी भी वहां से बाहर ही ना निकलो और रियलिटी को कभी एक्सपीरियंस ही ना कर पाओ।
13. सिर्फ अच्छा टेस्ट के लिए ही खाना ना खाएं
एक योद्धा के लिए खाना सिर्फ फ्यूल की तरह होता है लेकिन हमारी आज की जनरेशन हर खाने में टेस्ट ढूंढती है और फैक्ट्रियों में बना हुआ खाना खाती है बजाएं नेचुरल फूड के। आज खाने को बहुत से लोग अपनी वीकनेस बोलते हैं जबकि वह उनकी ताकत होनी चाहिए मियमोटो कहते हैं कि हमें टेस्ट के लिए नहीं बल्कि न्यूट्रीशन और अपने पेट भरने के लिए खाना चाहिए।
14. जिन चीजों को आपकी जरूरत आपको नही है, उनको अपने पास ना रखें
यानी जिन चीजों की आपको अब जरूरत नहीं है और वह चीजें आपको कोई बेनिफिट नहीं दे रही तो उनको अपने पास रखने का कोई मतलब नहीं होता है इससे अच्छा है कि या तो आप उनको नष्ट कर दो या किसी जरूरतमंद को दे दो जिसकी उसे जरूरत हो। हम उत्साह में आकर कोई चीज खरीद तो लेते हैं लेकिन कुछ समय बाद वह चीज अपनी चमक खो देती है या हम उनसे बोर हो जाते हैं तो हम उस नई चीज के साथ-साथ अपनी पुरानी चीज को भी पकड़े रखते हैं यह चीजों से अटैचमेंट हमें मेंटली वीक बनाता है और हमसे हमारी आईडेंटिटी को छीन लेता है इसलिए ना तो बिना उपयोगी चीजों को खरीदो और ना ही उनको अपने पास रखो।
15. हमेशा दूसरों के झुंड में ना चलें
यानी हमेशा झुंड में चलने और ट्रेंड को फॉलो करने के बजाय अपनी बिलीव्स अपनी क्लियर थिंकिंग के बेसिस पर रखो। ज्यादातर लोग बिना सोचे समझे ही दूसरे लोगों को फॉलो करने लग जाते हैं और वह अपने रास्ते से हट कर दूसरों की लाइन में चलने लग जाते हैं। इस तरह से अंधाधुंध पीछा करना जानवरों का काम है इंसानों का नहीं, इसलिए किसी ग्रुप या आईडेंटिफाइड होने के बजाय इंडिपेंडेंट सोचो।
16. जितनी जरूरत है उससे काम चलाये
यानी जहां अलग-अलग टूल्स अलग-अलग सिचुएशन में काम आ सकते हैं वही अपने हथियारों या टूल्स को इकट्ठा करना एक अच्छी आदत नहीं होगी आपको अपने पास सिर्फ उतना ही रखना चाहिए जितना कि आपको जरूरत है मियमोटो खुद भी अपने पास इतनी तलवारों के होने के बावजूद भी सिर्फ दो तलवारें ही रखते थे इसीलिए अपनी लाइफ में सिर्फ उन्हीं चीजों को रखो जो काम की है।
17. मौत का डर न रखें
एक योद्धा की तरह मानसिकता रखने का मतलब है कि अपनी मृत्यु को एक्सेप्ट करना और उससे कभी ना डरना। मियामोटो हर अगले दिन ही अपनी जान को दांव पर लगा रहे होते थे ताकि वह महान बन पाए और एक योद्धा को यह पता होता है कि यह लड़ाई उसकी आखिरी लड़ाई हो सकती है। जिस वजह से वह हर बार अपना 100% ही देते हैं और अगर हम भी अपने आप को फुली डेवलप्ड करना चाहते हैं तो हमें सबसे पहले इस मौत के डर को अपने अंदर से हटाना होगा।
18. अपने बुढ़ापे के लिए माल या जागीर के मालिक की तलाश न करें
हम इंसान अपने बुढ़ापे के लिए बहुत सी चीजें और सम्मान को संभाल कर रखते हैं लेकिन मियामोटो के हिसाब से अगर हम अभी से अपने चीजों को कलेक्ट करने बैठ गए तो ना तो हम अपने प्रेजेंट को इंजॉय कर पाएंगे और ना ही बूढ़े होने पर यह मेंटालिटी रख पाएंगे कि हमें अभी भी एक्टिव रहना है। ज्यादातर लोगों के साथ यही होता है वह अपने 50 साल की उम्र में आने पर यही सोचते हैं। जगह जगह पर दर्द होना और बीमार होना आम बात है लेकिन चाहे हमारी एज कितनी भी हो हमें हमेशा फिट और स्ट्रांग बने रहना है।
19. भगवान का सम्मान उनकी सहायता के बिना भी करें
आपको अपनी लाइफ में जिन भी चीजों में आप विश्वास करते हो उनके लिए आपको भगवान से मदद नहीं मांगने चाहिए आपको यह दुआ मांगनी चाहिए कि भगवान आपको वह शक्ति दे जिसकी मदद से आप मुश्किलों और अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं को खुद ही हटा पाओ।
20. हमेशा अपने आत्मसम्मान की रक्षा करें
यानी एक योद्धा के लिए अपनी रिस्पेक्ट अपनी जान से ज्यादा कीमती होती है वह किसी के आगे झुकने से पहले मरना ज्यादा प्रेफर करेंगे और आप भी एक स्ट्रांग करैक्टर बिल्ड करना चाहते हो तो यह ध्यान रखो कि आप की वैल्यू टूटने से पहले आपका शरीर टूटे इसके साथ ही वैल्यू भी ऐसे चुनो जो इतने बड़े सैक्रिफाइस करने के लायक हो।
21. अपने रास्ते से कभी न भटके
एक योद्धा की तरह जीने का मतलब है बिल्कुल डिसिप्लिन बनना और और अपने रास्ते से बिल्कुल भी ना डगमगाना अगर आप जरा सा भी कंफर्टेबल हो गए तो आपकी जान भी जा सकती है इसीलिए मियामोटो कहते हैं चाहे आपकी जिंदगी में कितने भी मुश्किलें आ जाएं अगर आप एक योद्धा के रास्ते पर चलोगे तो इससे आपकी लाइफ किसी भी दूसरी फिलॉसफी के कंपैरिजन में बेहतर उभर कर आएगी।