सम्मान सभी को देना चाहिए | Hindi moral story on respect

सम्मान सभी को देना चाहिए हिंदी प्रेरक कहानी | Hindi moral story on respect 

सम्मान सभी को देना चाहिए हिंदी प्रेरक कहानी | Hindi moral story on respect

सम्मान सभी को देना चाहिए हिंदी प्रेरक कहानी

सोनाली अपने पापा के साथ अपनी मौसी को स्टेशन लेने जाती है।

“स्टेशन पर बहुत भीड़ होती है पापा का हाथ कसकर पकड़े रहना बेटा”

मम्मी ने कितनी बार चलने से पहले हिदायत दी थी।

सोनाली ने देखा स्टेशन पर सच में ही जैसे कोई मेला लगा हुआ था। कहीं चायवाला, कहीं आलू पुरी वाला, कहीं पत्रिकाओं का स्टॉल, तो कहीं पाने की ठंडी बोतलें बेचने वाला, चारों और लोग ही लोग हर कोई जैसे दौड़ रहा है। माइक पर कोई बोल रहा था कि “मुंबई से आने वाली गाड़ी प्लेटफार्म नंबर चार पर आ चुकी है आपकी यात्रा सुखद व मंगलकारी हो” 


मौसी प्लेटफार्म पर खड़ी हमारा ही इंतजार कर रहीं थीं।


“लगता है तुम्हारी मौसी सारा घर उठाकर साथ ले आई है” पापा ने दूर से ही मौसी को देख कर कहा.!

और उन्होंने झट से एक कुली को बुला लिया कुली ने सिर पर दो सूटकेस रखें दोनों कंधों पर दो बड़े हैंडबैग टांगे और तेज चाल से चलने लगा कुली का साथ देने के लिए सभी को लगभग तेज चलना पड़ रहा था। तभी सामने से आते 3 नव युवकों के साथ कुली की टक्कर हो गई वह तीनों खाली हाथ थे फिर भी रास्ता देने को तैयार नहीं थे टक्कर होने के कारण नव युवकों ने कुली को बहुत बुरा भला कहा बस फिर क्या था मौसी ने भी नव युवकों को खूब खरी-खोटी सुना दी।


“मौसी आपने उन लोगों को क्यों डांटा?”

“वह तो खूब पढ़े लिखे अमीर और लग रहे थे – सोनाली ने पूछा”


“सोनाली तुमने नेपोलियन बोनापार्ट का नाम सुना है – मौसी ने कार की पिछली सीट पर बैठे हुए सोनाली से पूछा”


“हाँ हमारी पुस्तक में लिखा है कि नेपोलियन एक महान योद्धा था”


मौसी ने बताया कि एक बार नेपोलियन बोनापार्ट अपनी महिला दोस्त के साथ पेरिस में घूम रहे थे तभी सामने से एक मजदूर सिर पर भारी गट्ठर लादे आता दिखाई दिया रास्ता संकरा था मजदूर को रास्ता देने के लिए नेपोलियन एक तरफ हो गए लेकिन अपने धन और घमंड के वैभव में चूर वह महिला मजदूर को अनदेखा कर चलती रही यह देखकर नेपोलियन को थोड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई उन्होंने महिला का हाथ पकड़कर एक तरफ करते हुए बोला

“मैडम भार उठाने वाले को सम्मान देना सीखिए, भारत चाहे हल्का हो या भारी सम्माननीय है”


भार उठाने वाला अमीर हो या गरीब उसे रास्ता देना, उसकी मदद करना, उसकी इज्जत करना ही सही और उचित है – मौसी ने समझाते हुए कहा।


और अब तक वह सभी टेक्सी से घर पहुंच चुके थे।


मम्मी ने बालकनी से देखा कि सोनाली ने ड्राइवर अंकल के हाथ से एक हैंडबैग साथ ले लिया है आज वह भागती हुई सबसे पहले जीने की सीढ़ियां नहीं चढ़ी बल्कि ड्राइवर अंकल को पहले चढ़ने दिया यह देख मम्मी, मौसी और पापा मुस्कुरा उठे।


कहानी से मिली सीख


हमें हर व्यक्ति से इज्जत ओर आदर सम्मान से बात करनी चाहिए चाहे फिर वह व्यक्ति कितना ही गरीब क्यों न हो, अमीर और गरीब देखने से पहले हमें इंसानियत याद रखनी चाहिए।


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