वॉल्ट डिज्नी कई बार असफल हुए कर्ज में डूबे फिर मिली सफलता – Walt Disney life story in hindi

वॉल्ट डिज़्नी कि सफलता की कहानी |Walt Disney short success story in hindi

वॉल्ट डिज़्नी कि सफलता की कहानी |Walt Disney short success story in hindi

एक बार एक आर्ट स्टूडियो के एडिटर ने वॉल्ट को यह कह कर अपनी कंपनी से निकाल दिया था कि तुम्हारे अंदर इमैजिनेशन और क्रिएटिविटी की कमी है, तुम्हारे दिमाग में नए आइडियाज नहीं आते, तुम इस काम के लायक नहीं हो, जब वॉल्ट डिजनी को नौकरी से निकाला गया था वह सिर्फ 18 साल के थे। यह बात जवान वॉल्ट के दिल में छेद कर गई क्योंकि वह बचपन से ही ड्राइंग करता आ रहा था।


कौन थे वॉल्ट डिज्नी


वॉल्ट डिज्नी का पूरा नाम वाल्टर एलियास डिज्नी था उनका जन्म 5 दिसंबर, 1901, शिकागो, इलिनोइस, यूएस में हुआ वह एक अमेरिकी गति-चित्र और टेलीविजन निर्माता और, एनिमेटेड फ़िल्म बनाने के रूप में प्रसिद्ध थे। कार्टून फिल्में मिकी माउस और डोनाल्ड डक जैसे कार्टून चरित्रों के निर्माता के रूप में वह फेमस हुए। उन्होंने जिस डिज्नी कंपनी की स्थापना की वह दुनिया के सबसे बड़े मनोरंजन समूह में से एक बन गई है।


वॉल्ट डिज्नी का संघर्ष और असफलताएं


अपमान का जवाब देने के लिए वाल्ट डिजनी ने उसी साल 1921 में अपने दोस्त के साथ मिलकर iwerks Disney commercial artist नाम की कंपनी खोली जहां वे न्यूज़ पेपर एडवरटाइजमेंट वगैरह के लिए आर्ट और कार्टून का काम किया करते थे इस बिज़नेस में वाल्ट डिजनी और iwerks पूरी तरह असफल रहे लेकिन वॉल्ट ने हार नहीं मानी।


1922 में उन्होंने अकेले ही दूसरा बिजनेस स्टार्ट किया जिसे Laugh-O-gram का नाम दिया वाल्ट डिजनी लोकल थियेटर्स के लिए छोटी-छोटी एनीमेशन फिल्म्स बनाते थे लेकिन पैसों की कमी और नुकसान के कारण 1924 में उन्हें यह बिजनेस भी बंद करना पड़ा इस बिजनेस को बचाने के लिए वाल्ट डिजनी ने दिन रात मेहनत की थी। वह देर रात तक अपने पिता के गैरेज में काम किया करते थे इस समय वाल्ट डिजनी को अपने ऊपर शक होने लगा था उन्हें लगने लगा था कि एनिमेशन और कमर्शियल आर्ट मेरे बस की बात नहीं है इसीलिए वह अपने भाई के साथ हॉलीवुड चले गए लेकिन उन्हें वहां भी कोई खास काम नहीं मिला लेकिन उन्होंने देखा कि यहां पर कोई खास एनीमेशन स्टूडियो नहीं है तो उन्होंने फिर हिम्मत जुटाई और अपने भाई के साथ मिलकर Disney bros नाम से स्टूडियो खोला और यह बिजनेस ठीक-ठाक चलने लगा उन्हें पहली सफलता और प्रसिद्धि oswald the lucky rabbit के नाम से मिली जब वाल्ट डिजनी अपने प्रोड्यूसर से मिलने और अपने कॉन्ट्रैक्ट के बारे में चर्चा करने न्यूयॉर्क पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके प्रोड्यूसर ने धोखे से कार्टून करैक्टर के राइट्स अपने नाम कर लिए और Disney bros के सारे आर्टिस्ट को भी खरीद लिया है जिन्हें एनिमेशन खुद walt Disney ने सिखाया था।


मिकी माउस की शुरुआत ओर सफलता


वाल्ट डिजनी को बहुत निराशा और फ्रस्ट्रेशन हुआ यहां तक पहुंचने के लिए वाल्ट डिजनी ने 8 साल कड़ी मेहनत की थी। एक समय ऐसा भी था जब वह ऑफिस में ही जमीन पर सोया करते और ट्रेन स्टेशन पर नहाया करते लेकिन वाल्ट डिजनी ने बड़े स्टूडियो से लड़ने की जगह अपनी क्रिएटिव एनर्जी को नए प्रोजेक्ट की तरफ मोड़ दिया इस मीटिंग के बाद वह तुरंत ट्रेन मैं बैठे और अपने नए प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया जिसे बाद में नाम दिया गया मिकी माउस, मिकी माउस को वाल्ट डिजनी ने कड़ी मेहनत और लगन से एनिमेट किया और आवाज भी खुद ही दी यह सब उन्होंने अकेले ही किया क्योंकि कंपनी में कोई बचा ही नहीं था। जब डिजनी साहब ने मिकी माउस का आईडीयया अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स को बताया तो कोई उनके साथ काम करने तैयार नहीं हुआ डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना था कि लोग बड़े पर्दे पर चूहे जैसे रोडेंट को देखना पसंद नहीं करेंगे लेकिन वाल्ट डिजनी को धुन सवार थी। जब मिकी माउस की कंसेप्ट फिल्म तैयार हुई तो कोई भी बैंक उनको फाइनेंस करने तैयार नहीं था फिर वाल्ट डिजनी सभी जगह घूम घूम कर अपनी फिल्म और कंसेप्ट की बात करते 300 मीटिंग के बाद एक बैंक मुश्किल से तैयार हुआ उन पर पैसे लगाने के लिए।


6 साल की कड़ी मेहनत के बाद 18 नवंबर 1928 को मिकी माउस थिएटर में पेश की गई जिसने वाल्ट डिजनी को एक अलग पहचान दी, ऐसा नहीं था कि वाल्ट डिजनी को असफलता ओर धोखे से तकलीफ नहीं हुई मिकी माउस के सफल होने के बाद भी उनकी कंपनी कर्जे में डूबी थी उन्हें रात में नींद नहीं आती थी वह फोन पर बात करते करते रो दिया करते थे या मीटिंग और रिहर्सल में कंसंट्रेट नहीं कर पाते थे। लेकिन उनमें एक खासियत थी जिस कारण वह छोटी बड़ी सारी परेशानियों से निकल पाए।


वाल्ट डिजनी अपने फेलियर के बारे में खुलकर बताते थे उनका फेलियर से लड़ने का तरीका था कि वह असफलता और कठिनाई के समय पर वह और बड़ा vision देखते और पूरे उत्साह से उसे पूरा करने में लग जाते। मिकी माउस के बाद जब डिजनी कंपनी 4 मिलियन के कर्जे में डूबी थी तब वाल्ट डिजनी साहब ने पहली फुल लेंथ एनीमेटेड फीचर फिल्म बनाने की ठानी फिर जब उन्होंने लोन उठाया और 3 साल की मेहनत ओर नए रियलिस्टिक एनिमेशन की खोज करने के बाद 1937 में snow white और the seven dwarf रिलीज हुई और यह फिल्म अत्यंत सफल रही इसके बाद कई चैलेंजस आये और डिज्नीलैंड खोला गया लेकिन वाल्ट डिजनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा क्योंकि वह इस समय तक अपना नाम और काम स्थापित कर चुके थे।


दृढ़ प्रतिज्ञा – वाल्ट डिजनी की यह खासियत थी वह जिस प्रोजेक्ट का एनीमेशन बनाते उस प्रोजेक्ट के साथ इमोशनली एक हो जाते फिर कितनी भी सलाह, परेशानियां और रुकावटें आए उनका विचार नहीं बदल सकती थी इसलिए उनके करीबी दोस्त और रिश्तेदार कहते थे की वाल्ट डिजनी थोड़े सनकी हैं।


उनकी दूसरी खासियत थी perseverance यानी लगातार एक्शन लेना। दृढ़ प्रतिज्ञ होने का तभी फायदा है जब आप अपने विजन पर लगातार एक्शन लेते हैं नहीं तो आप सचमुच ख्यालों में डूबे रहेंगे और सच्चाई से वास्ता खो देंगे।


visions आपको सपने दिखाते हैं आपमें हौसला और उत्साह भरते हैं लेकिन एक्शंस आपको धरातल से जोड़ते हैं और आपके विजंस और गोल्स का रास्ता तय करते हैं।


1920 से लेकर 1937 तक 17 साल का मुश्किलों से भरा सफर रहा था लेकिन जो लोग उनकी कहानी नहीं जानते थे वह लोग उनको रिस्क टेकर समझते थे वॉल्ट डिज्नी कहते थे कि मैं रिस्क तो लेता था लेकिन मैं अपने काम में कोई गलती नहीं करता था वॉल्ट डिजनी कहते थे हम लोग काम की क्वालिटी में कोई कसर नहीं छोड़ते थे। वॉल्ट डिज्नी कहते थे अगर कोई मेरे जितना प्रयास करें तो अनुभव और अभ्यास के साथ उसके average सुधर ही जाएंगे।


वाल्ट डिजनी ने कांस्टेंट इंप्रूवमेंट के लिए डिज्नीलैंड में नाम दिया था plussing जिसमें वह एक ही आईडिया और काम को हर बार बेहतर करने की बात करते थे वाल्ट डिजनी कहते थे कि बेहतरीन काम करो फिर तुम्हें पैसे की चिंता नहीं करनी पड़ेगी सब इंतजाम हो जाएगा वाल्ट डिजनी कहते थे कि बेहतरीन से बेहतरीन काम करो और अगली बार उससे भी बेहतर करने की कोशिश करो।


दोस्तों हम लोग ऐसे ही दुनिया में रहते हैं जहां लोग सक्सेस और सक्सेस सीक्रेट्स के बारे में obsessed है हम लोग हर तरह के फैलियर्स से बचना चाहते हैं लेकिन हर फेलियर के पीछे सफलता का पहाड़ छिपा है। वाल्ट डिजनी, धीरूभाई अंबानी, एपीजे अब्दुल कलाम साहब, स्टीव जॉब्स और टेस्ला जैसे लोग इस बात को अच्छी तरह समझते हैं की “success is built on failures” 


वाल्ट डिजनी कहते थे कि फिल्मों की प्रसिद्धि के आगे मेरी सारी असफलताएं  से छुप गई दोस्तों अगर हम गौर से देखें तो हम अपनी जिंदगी में जितने भी बदलाव लेकर आते हैं वह सब किसी ना किसी प्रकार की ना कामयाबी के बाद लाते हैं। आपको और मुझे बड़े फेलियरस और स्ट्रगल की जरूरत नहीं है आप अपने छोटे-छोटे फैलियर्स को छोटी-छोटी जीत में कन्वर्ट करना शुरू कर दें।


वाल्ट डिजनी अपनी असफलता के बारे में कहते हैं

कि जो असफलताएं मेरे जीवन में आईं वह सब असफलता मुझे तोड़ने के लिए नहीं जोड़ने के लिए आई वाल्ट डिजनी कहते हैं कि हर असफलता और परेशानी ने मुझे बहुत मजबूत बनाया है। जब हम मुंह के बल गिरते हैं तब एहसास नहीं होता लेकिन यह हमारे लिए सबसे अच्छे लेशंस होते हैं जीवन आपको बहुत सारी बातें और सिद्धांत असफलता के माध्यम से सिखाता है। इसलिए डिज्नी साहब कहते हैं कि जवानी में फेल होना बढ़िया है यह आपको सिखाता है कि फेल होना इतनी अनोखी बात नहीं है यह सबके साथ होता है एक बार आपने इन सब से निकलना सीख लिया तो फिर आप पहले जैसे मासूम नहीं रह जाते फिर आप किसी भी हाल में अपनी मुश्किलों से लड़ने की हिम्मत रखते हैं। आखिर में वोल्ट कहते हैं इंसान को अपनी जिंदगी में गोल जल्दी निर्धारित कर लेना चाहिए जिससे वह अपनी सारी एनर्जी और टैलेंट एक दिशा में लगा सके लगातार प्रयास से हम अपने लक्ष्य को पा सकते हैं नहीं तो उस लक्ष्य को जान सकते हैं जो हमारे लिए सबसे ज्यादा मायने रखता है फिर जो भी हाथ लगे सफलता या असफलता लेकिन इस तरह से हम अपनी पूरी जिंदगी जिंदादिली से जिएंगे।


इनकी कहानी से मिली सीख


• वाल्ट डिज्नी का असफलताएं ओर कठिनाई से निकलने का तरीका था कि वह अपना विजन और बड़ा देखते और अपने पूरे उत्साह के साथ उसे पूरा करने में लग जाते।


• दृढ़ प्रतिज्ञा – वाल्ट डिजनी जिस प्रोजेक्ट का एनीमेशन बनाते उसके साथ इमोशनली एक हो जाते फिर उन्हें कोई डर, या बाधा, विचलित नहीं कर पाती।


• एक्शन की अटलता – विजन आपके अंदर हौसला और उत्साह भर सकते हैं लेकिन एक्शन आपको धरातल से जोड़ते हैं एक्शन आपको रियलिटी बताते हैं और आपके विजन और गोल्स का रास्ता बनाते हैं।


• लोग उन्हें रिस्क टेकर समझते थे वाल्ट डिजनी कहते हैं कि मैं रिस्क तो लेता था लेकिन हम काम की क्वालिटी में कोई कसर नहीं छोड़ते थे।


• वाल्ट डिजनी कहते थे कि बेहतरीन से बेहतरीन काम करो और अगली बार उससे बेहतर करने की कोशिश करो बाकी किसी और चीज की चिंता करने की जरूरत नहीं है।


• दोस्तों आखिरी में मैं आपसे यही कहना चाहूंगा, की अगर आप मे भी अपने टेलैंट को लेकर काबिलियत है तो उस काम को आप करते रहिए, फिर इससे फर्क नही पड़ता कि आपको कितना समय लगेगा उसमे सफल होने में, अगर आप लगातार असफल होने के बाद भी कोशिश करते रहते हैं तो एक दिन सफल जरूर हो जाएंगे।

वॉल्ट डिजनी के जीवन में भी कई असफलताएं आईं, कई बार लोगों ने उनका साथ नही दिया, कई बार उन्हें धोखा दिया गया लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने हार नही मानी, खुद पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ते गए, ओर आखिरी में सफल हुए।


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