Low of vibration जैसा सोचोगे वैसा पाओगे – low of vibration in hindi

जैसा सोचोगे वैसा पाओगे – low of vibration in hindi

Low of vibration जैसा सोचोगे वैसा पाओगे - low of vibration in hindi

आज हम बात करेंगे बुक जिसका नाम है “Thought vibration – Low of attraction in the thought world” जिसे William Walker ने लिखा है विलियम वॉकर एक अमेरिकन मर्चेंट पब्लिशर और राइटर हैं वह new thought vibration के खोजकर्ताओं में से एक थे। यह किताब 1960 में पहली बार पब्लिश की गई और आज तक यह बुक प्रिंट में है, यह सेल हो रही है यह वह किताब है जिस से जुड़ी हुई कई किताबें निकली हैं।

पहले के लोग कहते थे इच्छा सोच समझ कर करो क्योंकि हो सकता है वह आपको मिल जाए पर क्या होगा अगर यही नियम सारे जाने अनजाने यूनिवर्स को चलाए। विलियम का वादा है कि 1960 क्लासिक thought vibration मैं ऐसा ही है।


thought vibration आखिर होता क्या है?


हमारा माइंड 1 दिन में कई हजार thoughts creat करता है यानी की सोच क्रिएट करता है वही वही सोच करोड़ों एनर्जी क्रिएट करती है ओर वही एनर्जी वाइब्रेशन में बदल जाती है अगर आप सकारात्मक सोचते हैं तो सकारात्मक वाइब्रेशन creat होती हैं अगर आप नेगेटिव सोचते हैं तो नेगेटिव वाइब्रेशन creat होती हैं। अगर आप किसी पॉजिटिव इंसान को जानते हैं तो उससे मिल को आपको बहुत अच्छा लगता है क्योंकि उनकी पॉजिटिव सोच से पॉजिटिव वाइब्रेशन क्रिएट हुए जिससे उसके आसपास एक पॉजिटिव माहौल बनता है और वह सब को फील भी होता है।


1931तक विलियम ने एक भी किताब नहीं छापी थी और अगले 3 दशकों में लगभग 19 सौ से ज्यादा किताबें लिखी और छापी। thought vibration सबसे बेहतरीन किताबों में से एक है इस किताब में ऐसा कुछ नहीं है जो इस सब्जेक्ट की पहली किताबों में ऐसा नहीं रहा हो या मॉडर्न लॉ ऑफ अट्रैक्शन किताबों ने कॉपी ना किया हो।


William working creed


जब william, न्यू थॉट के editor बने तो उन्होंने अपने यादगार आर्टिकल working creed से अपना नाम बनाया इसकी ताकत और ओहदा इतना बड़ा है कि इस आर्टिकल को अक्सर thought vibration और उनकी सारी किताबों में introduction के तौर पर शामिल किया जाता है यह कुछ ऐसे शुरू होता है।


यह मानते हैं कि इंसान का दिमाग सभी ताकतों में सबसे महान हैं, ख्याल एनर्जी बनाने वालों में सबसे बड़ी चीज है एक इंसान ख्याल की दम को समझता है वह खुद उसमें जो चाहता है वह बना सकता हैं सिर्फ शरीर ही दिमाग से काबू नहीं होता है बल्कि positive thoughts, negative thoughts की जगह लेकर कोई environment, किस्मत, हालात भी बदल सकते हैं। जो इंसान कहता है कि मैं नहीं कर सकता, उस इंसान को मैं कर सकता हूं, और मैं करूंगा वाला एटीट्यूड सफलता की तरफ एक कदम आगे ले जा सकता है। ख्याल ही असलियत बनते हैं और यह लो ऑफ अट्रैक्शन thought वाली दुनिया किसी को भी वह देगी जो वह चाहता है, जिससे वह डरता है, विलियम बताते हैं कि

“हर चीज में असीम ताकत है आज हमारे पास उस ताकत का बहुत धुंधला आईडिया है फिर भी हम धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ रहे हैं और जल्द ही उसे छू लेंगे”.


What are thought vibration


Author का मानना है कि दुनिया एक महान नियम से चलती है जिसके कुछ रूप ही हम जानते हैं इस नियम को शब्दों में समझना मुश्किल है पर हम इसे इसके आकर्षण के भाव से इसकी अंदरूनी झलक देख सकते हैं low of gravitation उनमें से एक है और दूसरी तरफ वह है जो  thought world मे low of attraction से जुड़ा है। हम उस कमाल के नियम को जानते हैं जो Atom’s को आपस में बांधे रखता है जिससे मेटर बनता है, हम उस नियम की ताकत समझते हैं जो चीज को धरती की तरफ आकर्षित करता है और जो घूमती हुई दुनिया को उनकी जगह पर रखता है।

पर हम उस महान नियम के आगे आंखें बंद कर लेते हैं जो हमें उन चीजों से तक ले जाता है जो हम चाहते हैं या जिन से हम डरते हैं, जो हमारी जिंदगी बनाता है या बिगाड़ता है। ख्याल एक force है, एनर्जी से बनी एक चीज एक वाइब्रेशन, टाइम और स्पेस के साथ भेजी हुई, और उतनी ही सच है जैसे ना छू सकने वाली रोशनी, बिजली, गर्मी और चुंबक की वाइब्रेशन फर्क सिर्फ इन वाइब्रेशन की frequencies का है, जैसे light और heat थोट के बहुत कम इंटेंसिटी की वाइब्रेशन से बनती है, कुछ इंस्ट्रूमेंट के आविष्कार से पहले हम कुछ वाइब्रेशंस को देख, सुन, सूंघ और महसूस नहीं कर पाते थे लेकिन हम एक चुम्बक को दूसरे चुम्बक से आकर्षित होते हुए देख पाते थे। हालांकि इन दिनों हमारे पास एक्सपेरिमेंट्स है हम उन वाइब्रेशंस को नाप सकते हैं जिनमें हमारी रुचि है, और उससे भी ज्यादा हम उनकी पड़ताल का पता और इस्तेमाल कर सकते हैं। थॉट वाइब्रेशन के साथ भी कुछ ऐसा ही है दुर्भाग्य से यहां यह फर्क है कि अभी इंसानी दिमाग ही अकेला ऐसा इंस्ट्रूमेंट है जो thought ways को पैदा ओर रिकॉर्ड कर सकता है william का कहना है इंसान उस चीज को बनाने की कगार पर है जो वाइब्रेशन को पकड़ और रिकॉर्ड कर सकता है पर एक शताब्दी बीत गई जब उन्होंने यह दावा किया था और जहां तक हम जानते हैं ऐसे इंस्ट्रूमेंट का आज तक आविष्कार नहीं हुआ है।


How does the low of attraction work in the thought world


हमारा दिमाग लगातार thought vibration खींचता है और लेता है। एक मैग्नेट के ऑपोजिट हमारा दिमाग सिर्फ वैसे खयाल वापस लेता है जैसे वह भेजता है आसान शब्दों में अगर आप प्यार के thought vibration भेजते हैं तो आपको दूसरों से प्यार के वाइब्रेशन ही वापस मिलेंगे जो आपको प्यार के सफर पर ले जाएंगे, और आप खुद को ऐसे माहौल और हालातों में पाएंगे जो बिल्कुल आपके ख्याल जैसा होगा और उन लोगों के बीच आपको वापस प्यार देंगे।


वहीं दूसरी तरफ गुस्से जलन और नफरत के ख्याल हमें दूसरे लोगों के ऐसे ही ख्यालों तक ले जाते हैं ऐसे हालात बनते हैं जहां हमें एसे ख्यालों के बदले ऐसे ही खयालो का सामना करना पड़ेगा विलियम कहते हैं thought world में like ही like को attract करता है जैसा आप दोगे वैसा ही आप आओगे। अगर आपको यह समझने में दिक्कत हो तो आपको मारकोनी के वायरलेस इंस्ट्रूमेंट रेडियो के बारे में सोच सकते हो।

जब थॉट वाइब्रेशन बुक पब्लिश हुई थी तब रेडियो कुछ नया सा था लेकिन आज यह इतना पुराना और बीते जमाने का हो गया है कि हमें यह बताने की जरूरत भी नहीं है कि यह काम कैसे करता है।

सीधे तौर पर एक रेडियो ट्रांसमीटर आसपास के हजारों वाइब्रेशन में से सिर्फ वह वाइब्रेशन रिसीव करता है जो same key पर ऑटोट्यून होते हैं यह नियम थॉट्स के काम करने पर भी लागू होता है।


 “हम सिर्फ हम सिर्फ वह रिसीव करते हैं जो हमारी मेंटल attunetment मैं होते हैं अपनी attunetment को बदलने के लिए आपको अपने आप पर जोर डालना चाहिए और रेडियो की तरह आपको दूसरे तरह के वाइब्रेशन को रिसीव करने की शुरुआत करनी चाहिए”

इसी वजह से नेगेटिव लोगों को दुनिया में सिर्फ नेगेटिव चीज ही दिखती है और पॉजिटिव लोग सिर्फ अच्छा देख पाते हैं।


The secret of the mind 


इंसान के पास एक दिमाग है और उसके पास बहुत सी मेंटल फैकल्टीज हैं, और हर कोई मेंटली effort key दो अलग लाइन पर काम करने लायक है इन दोनों फंक्शन को अलग करने की कोई अलग लाइन नहीं है पर यह दोनों एक दूसरे में ऐसे मिल जाती है जैसे स्पेक्ट्रम के रंग मिल जाते हैं।


Active effort हमेशा फ्रेश और नया होता है यह चीजें बनाता है ओर passive effort, Active effort का रिजल्ट होता है और यह कुछ नहीं करता सीवाय ऑटो सजेशन मांगने के, Active फंक्शन वाइब्रेशन भेज सकता है और passive उन्हें रिसीव करता है और यही फंक्शन आप को आगे बढ़ाना है।

अगर आप अपने ख्यालों की ताकत को पाना चाहते हैं और किसी के ख्यालों का गुलाम नहीं बनना चाहते हैं


The secret of the will


जब आप low feel कर रहे हो तो अपने दिमाग को एक ऊंचे लेवल पर फिक्स करने की कोशिश करें और उससे प्रेरणा ले। यहां एक तकनीक है जो आपकी मदद कर सकती है, जब आप बेचैनी महसूस करें और गुस्से में फटना चाहे तो आप ” मैं ” को आगे रखें यह याद रखे की आप क्या हैं अपनी भावनाओं के ऊपर उठें, जब आप डर का सामना करें तो याद रखें की Real self किसी से नहीं डरता है और साहस देता है। उसी तरह जब आप जलन महसूस करें तो अपने हायर नेचर के बारे में सोचें और उसे हंसी में साइड कर दें यह सभी भावनाओं की like नहीं है और इन्हें अपनी जगह पर रहना चाहिए इन सब चीजों को खुद पर काबू न पाने दें यह आपके सब्जेक्ट होने चाहिए ना कि मास्टर, आपको इनसे दूर रहना चाहिए और ऐसा करने का एक ही तरीका है इन खयालों को को खुद से काट लेना, जो चीजों को अपने हिसाब से चला रही है। आपको शुरू में दिक्कत हो सकती है पर इस पर डटे रहे हैं और आपको वह संतुष्टि मिलेगी जो सिर्फ आपके नेचर के निचले हिस्से को जीत कर ही हासिल की जा सकती है।


आप बहुत लंबे वक्त तक गुलाम बन कर रह चुके हैं पर अब वक्त है खुद को आजाद करने का पर इसमें मेहनत लगेगी और यह बच्चों का खेल नहीं है पर इसे समझदारी से किया जा सकता है कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह आपको क्या सिखाते हैं पर आपका दिमाग आपकी इच्छा से ही जुड़ा हुआ है। एक इंसान के अंदर ऐसी ताकत आती है वह भी जागरूकता से ही  ” मैं ”  दिमाग का मालिक है और जो भी बुरा है वह सब दिमाग की गड़बड़ का नतीजा है अपनी इच्छाशक्ति को काबू करो और आप अपने potential की पावर को काबू कर पाएंगे। एक अच्छी एक्सरसाइज यह है की आप रोज एक बिना मर्जी का काम करे हर रोज 1 महीने तक कोई भी अच्छी चीज खुशी से कर सकते हैं, पर खुशी ना देने वाली चीजों को करने के लिए इच्छाशक्ति की जरूरत होती है और ऐसा काम आपको करना ही चाहिए इससे आपमे कीमती डिसिप्लिन आएगा। 1 महीने के लिए ट्राई करें और आप जानेंगे कि यह कहां से आता है। अगर आप यह ना कर पाए तो आपके लिए Thought vibration नहीं है ना आपके पास इच्छाशक्ति है और ना ही आप कुछ चाहते हैं और आप जहां हैं वही बने रहने और कमजोर रहने में ही संतुष्ट हैं। Thought vibration उतना ही असली है जितना heat और light वाइब्रेशन। हमेशा से एक चुंबक दूसरी चुंबक को आकर्षित करती है पर यह समझने में लोगों को सालों लग गए कैसे, क्यों, क्योंकि वह वाइब्रेशन नहीं देख सकते थे जिनसे अट्रैक्शन होता है यही थॉट वाइब्रेशन  पर भी लागू होता है हालांकि इनको प्रोड्यूस ओर रिसीव करने वाला ऑर्गन सिर्फ दिमाग ही है।


“जैसे पत्थर पानी में फेंकने पर होता है, ख्याल भी लहरें बनाता हैै जो ख्यालों के सागर में दूर तक जाते हैं बस फर्क यह है कि पानी की लहरें सीधे तल पर हर दिशा में चलती हैं जबकि ख्यालों की तरंगे एक कॉमन सेंटर से सारी दिशाओं में चलती है बिल्कुल वैसे ही जैसे सूरज की किरणें करती हैं”


दिमाग का Active part, thought vaibration को प्रोड्यूस करता है और passive part उसे रिसीव करता है हालांकि हमारे पास एक ही दिमाग है यह मानसिक शक्ति के दो अलग लेवल पर काम कर सकता है Active ओर passive, Active part Thought vibration को produce  करता है जो इतना ताकतवर है कि पानी में पत्थर फेंक सकें, दूसरी और passive part लगातार दूसरी थॉट वाइब्रेशन को receive करता है उनमें से कुछ same दिमाग के active part  से आ रही होती है जबकि बाकी दूसरे लोगों और यहां तक कि पूर्वजों से आती है।


Like attracts like in the world of thought


यह समझना जरूरी है कि दिमाग का passive part काफी कुछ रेडियो रिसीवर की तरह काम करता है यह हवा में मौजूद सभी thought vibration को रिसीव नहीं करता बल्कि सिर्फ उनको जो उसकी फ्रीक्वेंसी पर ऑटोट्यून हो आप अपने दिमाग को ऑटोट्यून कर सकते हैं सिर्फ किसी खास तरह के thought vibration को रिसीव करने के लिए और ऐसा करने का बेस्ट तरीका है वैसे ही मन चाहे thought के vaibration को produce करना सीधे शब्दों में अगर आप प्यार देंगे तो प्यार पाएंगे और अगर आप नफरत देंगे तो वापसी में नफरत ही मिलेगी।