ओशो के बारे में तथ्य – Fact about Osho in hindi

ओशो के बारे में तथ्य – Fact about Osho in hindi


ओशो के बारे में तथ्य - Fact about Osho in hindi


ओशो के बारे में हिंदी जानकारी – about Osho in hindi

ओशो के बारे में रोचक तथ्य – Fact about Osho in hindi ओशो का नाम तो आपने सुना ही होगा जो नहीं जानते उनके लिए बता दूं ओशो भारत के दार्शनिक और अध्यात्मिक गुरु है विवादों से ज्यादा घिरे रहे उनकी रहस्यमई शिक्षाओं और क्रांतिकारी विचारों की वजह से बड़ी तादाद में लोग उनकी ओर आकर्षित हुए और उनके अनुयाई भी बने वहीं दूसरी तरफ बहुत से लोग उनके खिलाफ भी रहे और ओशो को अमीरों का गुरु कहा जाने लगा इस पोस्ट में आप ओशो के बारे में ऐसी बातें जानेंगे जो आपने पहले कभी नहीं सुनी होंगी तो चलिए पढ़ते हैं Fact about osho in hindi

1.) 11 दिसंबर 1931 को मध्य प्रदेश के कुचवाड़ा गांव में जन्मे ओशो पैदा होने के 3 दिन तक ना तो हंसे थे ना ही रोए थे इस वजह से उनके परिवार के लोग बेहद परेशान हो गए थे।

2.) ओशो बचपन से ही बेहद जिज्ञासु है किसी बात को जानना है तो मतलब जानना ही है महज 12 साल की उम्र में वह रात को श्मशान जाया करते थे यह जानने के लिए कि आखिर इंसान मरने के बाद जाता कहां है।

3.) सिर्फ सूफी मत को जानने के लिए ओशो 27 वर्ष की उम्र में सुन्नत कराने के लिए तैयार हो गए जो कि इस उम्र में बेहद दर्दनाक था।

4.) ओशो शुरू से ही लग्जरी लाइफ जीने के आदी रहे हैं एक बार उन्होंने जिद की कि वह स्कूल हाथी पर बैठकर ही जाएंगे तब उनकी ज़िद देखकर उनके पिता को हाथी मंगवाना पड़ा और ओशो उस पर बैठकर स्कूल गए तब से स्कूल में एक हाथी दरवाजा बना हुआ है।

5.) बचपन में ओशो जब पानी में नहाते थे तो कभी-कभी अपने दोस्तों को डुबोने की कोशिश करते थे वह जानना चाहते थे कि मरना क्या होता है।

6.) बचपन में बनारस के ज्योतिष विद्वानों ने ओशो की जन्मपत्रिका देख कर कहा था इस बालक के 21 वर्ष का होने तक हर सातवें साल मृत्यु का योग है और शायद 21 साल का होने तक इसकी मृत्यु हो जाए। जब ओशो 14 साल के हुए तो उन्होंने एक मंदिर में बैठकर 7 दिन तक मंदिर में बैठकर अपनी मृत्यु का इंतजार किया था लेकिन उन्हें कुछ नहीं हुआ।

7.) ओशो कहते हैं कि बचपन में उन्हें दो बार अपहरण करने की कोशिश की गई लेकिन ऐसा क्यों हुआ यह वह नहीं जानते।

8.) स्कूल के दिनों में ओशो को एक पीपल के पेड़ से बहुत प्यार हुआ था वह आते जाते रोज उस पेड़ को निहारते थे और अपने आप को इमोशनली उस पेड़ के नजदीक पाते थे और 1 दिन उस पेड़ के साथ कुछ अनोखा हुआ और वह कहते हैं यह तो मुझे भी नहीं पता कि क्या हुआ हुआ और उसी दिन से उस पेड़ के साथ एक विशेष प्रकार का संबंध हो गया जिसको मैंने पहले कभी अनुभव नहीं किया इंसान के साथ भी पहले ऐसा कभी अनुभव नहीं हुआ।

9.) 21 मार्च 1953 के दिन 21 साल की उम्र में एक पेड़ के नीचे ओशो को संबोधी प्राप्त हुई उस समय वह जबलपुर के कॉलेज से फिलॉसफी की पढ़ाई कर रहे थे संबोधी के बारे में ओशो कहा करते थे कि अब मैं किसी भी प्रकार की खोज में नहीं हूं अस्तित्व ने अपने सारे द्वार मेरे लिए खोल दिए हैं।

10.) संबोधी याने ज्ञान प्राप्त होने के बाद भी उन्होंने अपनी स्टडी को जारी रखा और सागर यूनिवर्सिटी से फिलॉसफी में फर्स्ट क्लास फर्स्ट गोल्ड मेडलिस्ट रहकर m.a. की डिग्री ली थी।

11.) ओशो कहते थे कि उनका पूर्व जन्म 700 साल पहले तिब्बत में हुआ था पिछले जन्म में जो काम वह पूरा नहीं कर पाए थे उनको इस जन्म में पूरा करने के लिए यह जन्म लिया और इस जन्म के लिए भी अपने माता-पिता को उन्होंने खुद चुना है।

12.) ओशो एक बहुत अच्छे वक्ता थे बोलने पर उनका बहुत ज्यादा कंट्रोल था जो बोल दिया वही आखरी होता था वही छपता था “माफ करना मेरा मतलब यह नहीं था मुझसे गलती हो गई” इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल उन्होंने कभी नहीं किया।

13.) ओशो कितने अच्छे वक्ता थे इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने एक भी किताब नहीं लिखी फिर भी 700 से ज्यादा किताबें उनकी पब्लिश है यह सब किताबें उनके प्रवचनों के रूप में आधारित है मतलब वह जो बोले वह सभी का सभी किताब में छपा है बिना सुधार किए।

14.) ओशो ने लगभग हर विषय पर अपने प्रवचन दीजिए करीब 5500 घंटे के प्रवचन इंग्लिश में और 4800 घंटे के प्रवचन हिंदी में मौजूद हैं बचपन में भी सारे प्रदेश में ऐसा कोई हाई स्कूल नहीं था जहां पर बोलकर ओशो ने पुरस्कार नहीं जीता हो।

15.) अगर साहित्य लेखक की बात ना करें तो भारत में सारी किताबें जो किसी की बिकी है तो वह ओशो की है सालाना 1 मिलियन से ज्यादा किताबें और टेप बिकती है।

16.) किताबों से उन्हें बहुत लगाव था वह 1 दिन में तीन किताबें पढ़ दिया करते थे पढ़ने की इतने शौकीन थे कि उनका सुबह का भोजन और प्रवचन के अलावा सारा दिन किताबें पढ़ने में ही बीतता था पढ़ने का उनका पागलपन ऐसा था कि वह चोर बाजार में बिकने वाली किताबों को लेने से भी नहीं कतराते थे।

17.) शायद आपको जानकर हैरानी होगी उन्होंने अपने जीवन में एक लाख से भी ज्यादा किताबों का अध्ययन किया एक शोध के अनुसार उन्हें बीसवीं सदी का सबसे अधिक किताबें पढ़ने वाला पुरुष माना गया और उन्हें इंडियाज ग्रेटेस्ट बुक मैन के नाम से भी संबोधित किया गया।

18.) ओशो को किताब से बेहद प्रेम था उनके इस प्रेम को देखकर उनके पिता ने एक बार उनसे कहा था पहले हमारे घर में लाइब्रेरी थी अब लाइब्रेरी में हमारा घर है और हम सभी घर वालों को किताबों का ख्याल रखना पड़ता है क्योंकि तुम्हें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कि तुम्हारी किताबों के साथ कुछ गड़बड़ हो ओशो ने कभी भी किताब के अलावा किसी और चीज के लिए अपने पिता से पैसे नहीं मांगे।

19.) ओशो को बिल्कुल पसंद नहीं था कि कोई उनकी किताबों पर निशान लगाये या पंक्तियों को अंडर लाइन करें इसलिए वह लाइब्रेरी से किताब लाकर पढ़ना पसंद नहीं करते थे वह कहते थे कि मेरे लिए निशान लगाई हुई या अंडर लाइन की गई किताबें पढ़ना वैसा ही है जैसे कोई वेश्या के पास जा रहा हो मेरे लिए कोई पुस्तक महज एक पुस्तक नहीं यह एक प्रेम संबंध है।

20.) ओशो बचपन में अपनी नानी के पास रहे नानी ने ही उन्हें पढ़ना सिखाया उन्हें जो भी बुक पसंद थी उसे रात में वह अपनी नानी को पढ़कर सुनाते पहली बुक जो उन्होंने अपनी नानी को पढ़कर सुनाई थी वह थी “द बुक ऑफ मिरदाद” साथ ही ओशो यह भी कहते थे की मनुसंहिता और  मनुसमृद्धि को मैं दुनिया की सबसे कुरूप किताब मानता हूं।

21.) ओशो की लाइब्रेरी में 1 लाख किताबें हैं उन्होंने मृत्यु से पहले अपने लोगों को इन किताबों को लाइब्रेरी में बंद रखने का निर्देश दिया था साथ ही यह भी कहा था कि इन किताबों को तालों से खोलकर सिर्फ उन्हीं लोगों को पढ़ने की इजाजत है जो उन पर लिख रहे हो उसमें भी किसी को तीन से ज्यादा किताबें निकालने की अनुमति नहीं थी ओशो का कहना था कि यह लाइब्रेरी आम जनता के लिए नहीं है इसकी किताबें उन्हीं लोगों को लिए खुली है जो उन पर यानी ओशो पर शोध कर रहे हो।

22.) ओशो गजब के तर्क शास्त्री थे उनमें किसी भी बात को सही या गलत साबित करने की पूरी ताकत थी यही कारण था कि कोई भी व्यक्ति उनसे वाद विवाद नहीं कर सका।

23.) ओशो सेक्सुअलिटी पर बड़े खुले रुप से बातचीत करते थे वह सेक्स को लेकर खुले स्वतंत्र तरीके से बोलते थे इसीलिए उन्हें काफी क्रिटिसाइज भी किया गया और उन्हें सेक्स गुरु कहा जाने लगा।

24.) ओशो को बातचीत या कम्युनिकेशन शब्द बिल्कुल पसंद नहीं था वह कहते थे यह मेरे लिए एक भद्दी बात है मेरा शब्द तो संवाद है।

25.) ओशो को उर्दू की प्रसिद्ध गायिका नूरजहां का गाना “वह जो हम में तुम में करार था तुम्हें याद हो कि न याद हो” बेहद पसंद था।

26.) ओशो 15 वर्ष तक लगातार प्रवचन देते रहे थे लेकिन 1981 करीब साढ़े 3 साल के लिए वह सार्वजनिक मोन में चले गए थे।

27.) ओशो के पिता ने ओशो से संयास लिया था जिस दिन उन्होंने संन्यास लिया था वह ओशो के पैर पकड़ कर खूब रोए थे।

28.) ओशो को अमीरों का गुरु कहा जाता है और उन्होंने भी बार-बार अपने इंटरव्यू में कहा है कि वह अमीरों के ही गुरु है वह कहते थे कि तुम मुझे अमीरों का ही गुरु बनने दो गरीबों के लिए तो और भी बहुत से गुरु है यहां अपनी बात को सिद्ध करने के लिए वह ऐसे तर्क दिया करते थे कि अमीर होना कोई बुरी बात नहीं है बल्कि जिसके पास धन है वही धन की व्यर्थता को समझ सकता है “बुद्ध महाराजा के बेटे थे राम और कृष्ण राज घराने में पैदा हुए तुमने किसी भीख मांगे को अवतार लेते या महापुरुष बनते देखा है”।

29.) ओशो के पास कई रोल्स रॉयस कारें थी एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वह 365 रोल्स रॉयस कारें चाहते हैं उनके अनुयाई उन्हें यह कारें उपलब्ध कराना चाहते हैं वे चाहते हैं कि हर दिन उनके लिए एक अलग कार बाहर खड़ी हो।

30.) ओशो की मृत्यु आज भी रहस्य है कहा जाता है कि जब वह अमेरिका की जेल में थे तब उनको थिलियम नाम का धीमा जहर दिया गया था जिससे उनका शरीर कमजोर पड़ता चला गया वह निरंतर बीमार रहने लगे और मृत्यु उनके नजदीक आती रही।

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