अपने दिमाग को काबू ओर नियंत्रित कैसे करें – How to control your mind in hindi

अपने दिमाग को काबू ओर नियंत्रित कैसे करें – How to control your mind in hindi /क्या आप अपने दिमाग को कंट्रोल कर पाते हो अपने मन को नियंत्रित कर पाते हो चाहे आपको पढ़ाई करना हो या फिर बिजनेस जब आप अपने मन को अपने दिमाग को कंट्रोल कर पाओगे तभी आप उस काम को अच्छे से कर पाओगे बहुत से लोग अपने मन और दिमाग को समझ ही नहीं पाते और फिर वह उसे नियंत्रित नहीं कर पाते लेकिन आपको वैसा नहीं बनना है क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको दिमाग को नियंत्रित करने के लिए महान लोगों के द्वारा दिए गए कुछ बातें बताएंगे

अपने दिमाग को काबू ओर नियंत्रित कैसे करें - How to control your mind in hindi

अपने दिमाग को कंट्रोल ओर नियंत्रित कैसे करें – How to control your mind tips in hindi

जब तक आप अपने आप को अपने मन के नियंत्रण में रहने दोगे तब तक वह आप को कंट्रोल करता रहेगा आपको नाच नाचना चाहता रहेगा एक बहुत ही अच्छा उदाहरण भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता में दिया है, आपका शरीर एक रथ जैसा है उस रथ को चलाने वाले का नाम है आपका मन, और उसमें जो श्रेष्ठ आत्मा जो रथ में बैठा हुआ है वह रथ का मालिक है मतलब आप हैं, एक बात हमेशा याद रखना आपका दिमाग या आपका मन, आप नहीं हो आप असल में उस से अलग हो आप रथ के मालिक हो आपका मन आपका नौकर है अब दिक्कत यह है, कि वह नौकर ही आपके शरीर को चला रहा है रथ का सारथी भी वही है वह आपकी परवाह किए बगैर कुछ भी करने लगता है और आप बस बैठे बैठे देखते रहते हो, अगर आप सच में कोई चीज करने के लिए कहोगे तो आपका मन उसे करने के लिए मना नहीं कर सकता पर आप उसे कुछ बोलते ही नहीं हो दिमाग को कंट्रोल मतलब नियंत्रित करने का एक तरीका होता है सबसे बड़ी राज की बात तो यह है कि आपको अपने दिमाग को नियंत्रित करना ही नहीं है अगर आप अपने दिमाग को नियंत्रित करने का प्रयास करोगे तो आप उसमें और डूबते ही चले जाओगे जितना उसे कंट्रोल करने की कोशिश करोगे उतना ही वह आपके हाथ से निकलता चला जाएगा और आपको नाचता रहेगा।

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आपको कुछ काम करने होंगे लेकिन फिर भी आप का मन नहीं कर रहा होगा करने का फिर आप क्या करोगे फिर आप भी सोचोगे कि मुझे अपने मन को नियंत्रित करना ही होगा, मान लो अगर आपको पढ़ाई करना है और आपका मन नहीं लग रहा है लेकिन फिर भी जबरदस्ती आप पढ़ रहे हो फिर भी ऐसी पढ़ाई किस काम की रहेगी, मतलब यही कि आपका दिमाग कंट्रोल नहीं हो रहा है

दिमाग को कंट्रोल करने का असल मतलब होता है उसे observe करना आप यह समझो कि आप और आपका दिमाग अलग है, इसका मतलब दोनों एक दूसरे को देख सकते हैं अगर आप अच्छे से अपने दिमाग को देखें मतलब कि आप के दिमाग में क्या चल रहा है उसे अच्छी तरह से देख पाए तो आपको पता चल जाएगा कि आपका दिमाग कैसे आप को कंट्रोल कर रहा है जब आप अपने दिमाग अपने विचारों को ऑब्जर्व करते हो, उसको देखते हो किसी दूसरे व्यक्ति की तरह, तब आप उसकी हरकतों को देख पाते हो और जब आप अपने दिमाग की हरकतों को देखोगे तो वह खुद ब खुद कंट्रोल हो जाती है क्योंकि अब आप उससे अलग हुए ना इसलिए, आपका दिमाग वही करता है जो आप चाहते हो आप एक जगह पर बैठकर यह सोच सकते हो कि आप समुद्र के किनारे खड़े हो और लहरें आ रही हो जा रही है, तब आप उसे ऑब्जर्व ही तो करते हो आप समुद्र की लहरों को कंट्रोल तो नहीं कर सकते ना।

आपके दिमाग में जो चल रहा है आप उसे ऑब्जर्व जरूर करिए मतलब देखिए, आपको पढ़ने का मन नहीं कर रहा है तो इस बात को देखने की कोशिश करो कि आपको पढ़ने का मन नहीं कर रहा है, हां मेरे दिमाग को पढ़ने का मन नहीं कर रहा अब मैं इसे देख सकता हूं तब आप उससे अलग होने लगोगे अपने दिमाग की उस सोच से अलग होने लगोगे जब आप अपने दिमाग के विचारों को देखते हो तब आप उससे अलग होने लगते हो और अलग होने के बाद आप जो भी करना चाहे आप अपने दिमाग को उसे करने के लिए बोल सकते हो क्योंकि उस समय आप अपने दिमाग से बाहर निकल कर खुद के ही दिमाग को देखते हो कि आजकल यह बहुत चंचल हो गया है पढ़ने देता ही नहीं अब इसे सुधारना होगा।

जब आप अपने दिमाग और विचारों को देख पाओगे तो उसे कंट्रोल करने की जरूरत ही नहीं होगी प्रॉब्लम यह है कि हम दिमाग को कंट्रोल जबरदस्ती ही करते जाते हैं जैसे कि वह कोई गाड़ी है पर ऐसा नहीं है भाई आपके अंदर जो कमी है और उसे तब तक नहीं देख पाते जब तक आप उसे उससे बाहर नहीं निकल पाते जब आप कॉन्शियस होते हो तभी उस चीज को देख पाते हो और उसका हल ढूंढ पाते हो।

जैसे मान लो अभी आपकी बॉडी फिट नहीं है या फिर आप ओवरवेट हो लेकिन जब आप बच्चे थे तब तो आप अपनी जिंदगी में मग्न थे और आप कॉन्शियस नहीं थे आपको पता ही नहीं था कि मैं हूं लेकिन जैसे-जैसे आप बड़े हुए आपको आपके होने का एहसास होने लगा आपको यह पता लगने लगा है कि हां बाहर मेरी रेपुटेशन है मुझे लोगों से इस तरह बात करना चाहिए और भी बहुत कुछ तो समझ रहे हो आप यहां पर क्या हो रहा है जब आप खुद को देखते हो खुद को पररखते हो, जब आप खुद को बाहर से देखते हो तब आप कॉन्शियस हो जाते हो तभी आप नयी स्किल्स डेवलप कर पाते हो और अपने आप को सुधार पाते हो।

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आप ओवरवेट हो और आपका अगर कोई मजाक उड़ा दे तब आप कॉन्शियस हो जाते हो और जब अपने शरीर से बाहर निकल के खुद को देखते हो तब आपको लगता है कि यार मैं सच में फिट नहीं हूं और जब आप को इसका आभास होता है तभी आप एक्शन लेते हैं, आप काम करना शुरू करते हो, जितने दिन आप उसके अंदर है थे तब तक तो आपको पता भी नहीं था कि यार आपकी यह प्रॉब्लम है आपके विचारों पर भी यही लागू होता है सबसे पहले आपको अपने आप को अपने दिमाग से अलग करना होगा और आपको यह देखना होगा कि आपका दिमाग कितना चंचल है तब आप यह देख पाओगे कि आपका दिमाग आपको जिंदगी में कहां ला दिया है असल में आप अभी जहां हो उससे और अच्छी जगह जा सकते हो यह तभी हो सकता है जब आप अपने दिमाग को नचाओ ना कि वह आपको नाचए जो अभी हो रहा है, अभी आपका दिमाग आप को कंट्रोल कर रहा है।

आप अपनी बुरी आदत को भी इसी तरह खत्म कर सकते है सबसे पहले उस चीज को देखना उस आदत को परखना फिर उससे बाहर निकल कर अपनी ही इस आदत को देखोगे तो आप उसको चुटकियों में कंट्रोल कर पाओगे।

आप अपने आप को देखो हमेशा देखते रहो कि आपका दिमाग आपको कहां लेकर जा रहा है और अगर आपको ऐसा लगे कि यह मुझे गलत रास्ते पर ले कर जा रहा है, तो आप उसे उस रास्ते पर जाने से रोक दोगे, अगर आप खुद के दिमाग को अच्छी तरह से देख पा रहे होंगे तो।

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